टिहरी झील में जहां-तहां फैला है कूड़ा-कचरा, एक दर्जन से अधिक पशुओं के शव भी

टिहरी, 3 अगस्त (आईएएनएस)। एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध की झील में कूड़ा कचरा व जानवरों के शवों का अंबार लगा हुआ है। 42 वर्ग किलोमीटर तक टिहरी बांध की झील में आजकल लगातार पहाड़ियों की तरफ से मलबा, कचरा आ गया है। साथ ही टिहरी झील में जानवरों के शव बिखरे पड़े हैं। टिहरी झील में अब तक एक दर्जन से अधिक जानवरों के शव मिल चुके हैं। इसकी न तो जिला प्रशासन, ना ही टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों को कोई खबर है।
 
टिहरी, 3 अगस्त (आईएएनएस)। एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध की झील में कूड़ा कचरा व जानवरों के शवों का अंबार लगा हुआ है। 42 वर्ग किलोमीटर तक टिहरी बांध की झील में आजकल लगातार पहाड़ियों की तरफ से मलबा, कचरा आ गया है। साथ ही टिहरी झील में जानवरों के शव बिखरे पड़े हैं। टिहरी झील में अब तक एक दर्जन से अधिक जानवरों के शव मिल चुके हैं। इसकी न तो जिला प्रशासन, ना ही टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों को कोई खबर है।

ग्रामीण कुलदीप पंवार और दिनेश पंवार ने बताया कि टिहरी झील में अब तक 1 दर्जन से अधिक जानवरों के शव बिखरे पड़े हैं जिससे झील में बदबू ही बदबू फैल रही है। इन शवों के बिखरे होने से आसपास के इलाकों में महामारी फैलने का डर बना हुआ है। इसी टिहरी झील से नई टिहरी बी पुरम कोटि कॉलोनी में पानी की सप्लाई की जाती है, जिसके कारण लोगों की चिंताएं और बढ़ गई हैं।

ग्रामीणों ने एनजीटी के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि अगर सामान्य आदमी इस तरह से गंदगी फैला दे तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। लेकिन इस गंदगी को देखकर एनजीटी के अधिकारियों ने भी आंख बंद कर दी है।

एनजीटी सिर्फ खोखले दावे खानापूर्ति करने के लिए करती है। टिहरी झील में आकर इस तरह से एक दर्जन से अधिक शव बिखरे पड़े हैं, मगर इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। इससे साफ जाहिर होता है कि एनजीटी और टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों की मिलीभगत से ये सब कुछ हो रहा है।

--आईएएनएस

स्मिता/एसकेपी