आरआरआर के इतिहास से कल्पना तक की यात्रा
2018 में आरआरआर फिल्म की घोषणा की गई थी और 2022 में इसे रिलीज किया गया, और अंत में 2023 में यह मूवी इतिहास के शिखर पर है, फिल्म की यात्रा अपने आप में एक गाथा रही है।
आरआरआर मास्टर निर्देशक एसएस राजामौली द्वारा निर्देशित और राम चरण और एनटीआर जूनियर अभिनीत है। राजामौली ने बाहुबली 2 फिल्म के साथ बॉक्स ऑफिस हिट की नाबाद कड़ी पहले ही स्थापित कर ली थी। हालांकि, आरआरआर का विजन अभूतपूर्व है।
2017 में बाहुबली 2 की रिलीज के तुरंत बाद, यह उम्मीद की जा रही थी कि राजमौली कुछ वक्त के लिए ब्रेक लेंगे। हालांकि, उन्होंने मार्च 2018 में अपनी अगली फिल्म आरआरआर की घोषणा कर दी।
शुरुआत में, आरआरआर के टाइटल से समझा गया कि निर्देशक राजमौली और दो हीरो -- राम चरण और एनटीआर जूनियर के नाम के पहले अक्षर को दर्शाया गया है। बाद में टाइटल को आरआरआर के रूप में औपचारिक रूप दिया गया, जो तेलुगु में रौद्रम, रानम, रुधिराम और अंग्रेजी में राइज, रोअर, रिवोल्ट का संक्षिप्त शब्द है।
स्टोरीलाइन तेलुगु राज्यों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के दो ऐतिहासिक किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है। राजमौली ने उस कहानी को डेवलप किया, जिसे राजमौली के पिता विजयेंद्र प्रसाद ने लिखा था। हालांकि, राजमौली ने अपनी फिल्म के लिए प्रेरणा के रूप में इनग्लोरियस बास्टर्डस और द मोटरसाइकिल डायरीज जैसी अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों का भी हवाला दिया।
फिल्म की शूटिंग शुरू हुई, लेकिन कोविड महामारी के कारण चीजें बीच में धीमी हो गईं। बड़े पैमाने पर हैदराबाद और उसके आसपास लोकेशन पर फिल्म की शूटिंग की गई। आरआरआर में गुजरात और विदेशों जैसे बुल्गारिया और यूक्रेन में शूटिंग शेड्यूल भी थे, जहां नाटू नाटू सॉन्ग की शूटिंग के लिए सेट लगाया गया। गाने को अगस्त 2021 में यूक्रेनी राष्ट्रपति महल के परिसर में शूट किया गया था।
550 करोड़ रुपये के बड़े बजट के साथ निर्मित, फिल्म की फाइनल कॉपी फिल्म लॉन्च होने के तीन साल बाद नवंबर 2021 में तैयार हुई थी। महामारी के कारण हुई देरी और शूटिंग के दौरान अभिनेताओं को लगी कुछ चोटों के कारण, आरआरआर की रिलीज की तारीख को बार-बार टालना पड़ा। ओरिजनल रिलीज की तारीख जुलाई 2020 थी, लेकिन फिल्म ने आखिरकार 24 मार्च, 2022 को सिनेमाघरों में दस्तक दी।
इसके बाद, फिल्म ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और बॉक्स ऑफिस पर हर तरह के रिकॉर्ड बनाए। पांच भारतीय भाषाओं में एक अखिल भारतीय फिल्म के रूप में निर्मित और कई अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में भी डब की गई। विजुअल अपील और कहानी कहने की शैली ने युवा और बूढ़े, भारतीयों और गैर-भारतीयों को समान रूप से आकर्षित किया।
गोल्डन ग्लोब सहित कई अवॉर्ड्स के साथ फिल्म को आलोचनात्मक सराहना भी मिली। आखिरी सीमा जिसे जीतना बाकी है, वह है 12 मार्च को ऑस्कर अवॉर्डस। करोड़ों दिल इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
--आईएएनएस
पीके/एसकेपी