सुइयों से डर लगता है? हवा का एक झोंका लगा सकता है आपको अगला टीका

न्यूयॉर्क, 27 मार्च (आईएएनएस)। सुइयों से डरने वाले लोगों के लिए अमेरिकी शोधकर्ताओं ने कंप्रेस्ड गैस से संचालित एक ऐसी प्रणाली विकसित की है, जो अपेक्षाकृत दर्द रहित तरीके से मानव शरीर में टीके और बायोलॉजिक्स पहुंचा सकती है।
 
न्यूयॉर्क, 27 मार्च (आईएएनएस)। सुइयों से डरने वाले लोगों के लिए अमेरिकी शोधकर्ताओं ने कंप्रेस्ड गैस से संचालित एक ऐसी प्रणाली विकसित की है, जो अपेक्षाकृत दर्द रहित तरीके से मानव शरीर में टीके और बायोलॉजिक्स पहुंचा सकती है।

डलास में टेक्सास विश्वविद्यालय की टीम के अनुसार, नए इंजेक्टर में पशु चिकित्सा से लेकर कृषि तक या किसी दिन मानव टीकाकरण या उपचार तक कई तरह के अनुप्रयोग हो सकते हैं।

उन्होंने अमेरिकन केमिकल सोसाइटी (एसीएस) की चल रही वसंत बैठक में अपने परिणाम प्रस्तुत किए।

कोविड महामारी के दौरान प्रमुख अन्वेषक जेरेमिया गैसेनस्मिथ ने एक संपीड़ित गैस-संचालित जेट इंजेक्शन प्रणाली के सस्ते टुकड़े खरीदे। परिसर में लौटने के बाद उन्होंने लैब में स्नातक छात्रा यालिनी विजेसुंदरा को टुकड़े सौंपे, जिन्होंने पहले 1960 के दशक में अन्य जेट इंजेक्टरों पर शोध किया था। जेट इंजेक्शन प्रणाली में द्रव की एक संकीर्ण धारा को इंजेक्ट करने के लिए संपीड़ित गैस का उपयोग किया जाता है।

विजेसुंदरा को पता चला कि वे मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क या एमओएफ में बंद कार्गो की डिलीवरी कर सकते हैं।

ये ढांचे झरझरा, क्रिस्टलीय संरचनाएं हैं जो न्यूक्लिक एसिड और प्रोटीन समेत विभिन्न प्रकार की सामग्रियों को समाहित करने के लिए आणविक पिंजरों की तरह कार्य करती हैं।

उन्होंने हवा के साथ शूट करके कोशिकाओं तक पाउडर पहुंचाने के लिए एमओएफ-जेट बनाया।

टीम ने कार्गो को जिओलाइटिक-इमिडाजोलेट फ्रेमवर्क आठ (जेडआईएफ-8) के रूप में ज्ञात एमओएफ के अंदर रखा। कार्गो, उन्होंने तय किया, तरल के बजाय पाउडर के रूप में होगा, जिससे वैक्सीन को ठंडे तापमान पर स्टोर करने की जरूरत खत्म हो जाएगी।

अपने सिस्टम का परीक्षण करने के लिए उन्होंने प्याज की कोशिकाओं को जेडआईएफ-8 संलग्न जीन और साथ ही चूहों को जेडआईएफ-8 संलग्न प्रोटीन दिया।

इसके अलावा शोधकर्ताओं ने कहा कि चूंकि एमओएफ-जेट सामग्री को एक विस्तृत क्षेत्र में फैला सकता है, यह सुई की तुलना में मेलेनोमा में कैंसर चिकित्सीय को समान रूप से वितरित कर सकता है, जो कि वर्तमान वितरण पद्धति है। केवल वाहक गैस को नियंत्रित करके वे रोगी की जरूरतों के आधार पर तेजी से या धीमी गति से रिलीज होने वाली समय सीमा के साथ कीमोथेराप्यूटिक्स प्रदान कर सकते हैं।

--आईएएनएस

एसजीके/एएनएम