UGC NET परीक्षा क्यों रद्द हुई? यह कैसे आयोजित की जाती है?

Why was UGC NET exam cancelled
 
How To Counduct UGC NET exam
UGC NET परीक्षा क्यों रद्द हुई?

Why was UGC NET exam cancelled How To Counduct UGC NET exam : एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार रात को UGC-NET को रद्द करने का आदेश दिया, क्योंकि परीक्षा गड़बड़ी होने की सूचना मिली थी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा UGC-NET परीक्षा की सत्यनिष्ठा पर चिंता जताए जाने के बाद इसे रद्द कर दिया गया, जिसके बाद लगभग 11 लाख छात्रों को दोबारा परीक्षा देनी होगी। परीक्षा की नई तिथियों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।

UGC-NET क्या है?
UGC-NET या विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा, भारत भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर या जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर के रूप में भूमिकाओं के लिए भारतीय नागरिकों की पात्रता निर्धारित करती है। JRF या सहायक प्रोफेसरशिप के लिए यूजीसी दो पेपर-I और पेपर-II का आयोजन करता है। केवल सहायक प्रोफेसर के लिए योग्यता प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को संबंधित विश्वविद्यालयों, कॉलेजों या राज्य सरकारों द्वारा भर्ती किया जाता है।

NTA क्या है?
भारतीय सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत नवंबर 2017 में स्थापित राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) एक स्वायत्त निकाय है। इसे उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए विभिन्न प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने का काम सौंपा गया है। NTA NEET, JEE, CTET, GATE, GPAT, GMAT, CAT और UGC-NET जैसी परीक्षाएं आयोजित करता है। इस एजेंसी की अध्यक्षता मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नियुक्त एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् द्वारा की जाती है। इसकी अध्यक्षता वर्तमान में UPSC के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी करते हैं।

UGC-NET कैसे आयोजित किया जाता है?
NTA को UGC-NET परीक्षा लेने का अधिकार है। यह साल में दो बार (जून और दिसंबर) आयोजित की जाती है। दिसंबर 2018 से UGC-NET को NTA द्वारा कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) मोड में आयोजित किया जा रहा है। हालांकि इस बार पिछली प्रथा से हटकर राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) एक ही दिन 18 जून को पेन-एंड-पेपर मोड में यह परीक्षा आयोजित की थी। इस परीक्षा के लिए रिकॉर्ड 11 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था।

केंद्र ने यूजीसी-नेट क्यों रद्द किया
शिक्षा मंत्रालय ने गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से प्राप्त इनपुट के आधार पर यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा रद्द करने की घोषणा की। बुधवार को एक बयान में कहा गया कि इन इनपुट से परीक्षा की अखंडता में संभावित समझौते का संकेत मिलता है। बयान में कहा गया कि परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए मंत्रालय ने परीक्षा रद्द करने और एक नया परीक्षा चक्र शुरू करने का फैसला किया है। मामले को गहन जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को भी भेज दिया गया है।

शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी-नेट को रद करने का यह फैसला गृह मंत्रालय से मिले उस इनपुट के आधार पर लिया है, जिसमें पेपर लीक होने समेत बड़े स्तर पर गड़बड़ी की सूचना मिली थी। गृह मंत्रालय को भी परीक्षा में गड़बड़ी की यह सूचना साइबर क्राइम यूनिट से मिली थी। प्राथमिक स्तर पर गड़बड़ी प्रमाणित होने के बाद यह पूरा फैसला लिया गया है। मंत्रालय के मुताबिक परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को भी मिली थी।