कृषि कानूनों को वापस लेकर सरकार ने राष्ट्रविरोधी और अलगाववादी तत्वों की मंशा को विफल कर दिया - स्वदेशी जागरण मंच

 

स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक अश्विनी महाजन ने केंद्र सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों की मंशा अच्छी थी लेकिन जैसा कि प्रधानमंत्री ने स्वयं स्वीकार किया कि उनकी सरकार आंदोलनकारी किसानों को इन कानूनों के फायदे के बारे में समझाने में कामयाब नहीं हो पाई।

अश्विनी महाजन ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर, कई अलगाववादी ताकतें आंदोलन में घुस गयी थीं और देश की अखंडता और सुरक्षा को खतरे में डाल रहीं थी। कृषि कानूनों को निरस्त करने के इस कृत्य से सरकार ने राष्ट्रविरोधी और अलगाववादी ताकतों के गलत इरादों को परास्त कर दिया है।

स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक ने आगे कहा, निश्चित रूप से समय की आवश्यकता के अनुसार पुराने कानूनों में संशोधन और नए कानून बनाने की आवश्यकता है। हालांकि, नए कानून बनाते समय सभी हितधारकों को साथ लेने की अंतर्निहित आवश्यकता है। उम्मीद है कि इन कानूनों को निरस्त करने के बाद एक नया अध्याय शुरू होगा और कृषि विपणन और अन्य संस्थागत क्षेत्रों में सुधारों का रास्ता साफ हो जाएगा।

महाजन ने देश में खेती और किसानों की स्थिति में सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों की सराहना भी की। आपको बता दें कि देश में चल रहे किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इन तीनों कृषि कानूनों को देशहित में वापस लेने का ऐलान कर दिया है।

--आईएएनएस

एसटीपी/एएनएम