भूमि अधिग्रहण के खिलाफ शिकायतों का अधिकार खत्म नहीं किया जाना : हाईकोट

नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि भूमि अधिग्रहण के खिलाफ अपनी शिकायतों को व्यक्त करने के किसी व्यक्ति के अमूल्य अधिकार को अनुचित रूप से समाप्त नहीं किया जाना चाहिए।
 
नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि भूमि अधिग्रहण के खिलाफ अपनी शिकायतों को व्यक्त करने के किसी व्यक्ति के अमूल्य अधिकार को अनुचित रूप से समाप्त नहीं किया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट की पीठ ने कहा, केवल इसलिए कि अधिग्रहण का उद्देश्य एक सार्वजनिक उद्देश्य पाया जाता है, प्राधिकरण का कर्तव्य समाप्त नहीं होता है।

इसमें आगे कहा गया है, उन्हें इस बात से संतुष्ट होना चाहिए कि ऐसी वास्तविक एजेंसी है कि अधिग्रहण के खिलाफ अपनी शिकायतों को व्यक्त करने के लिए किसी व्यक्ति को दिए गए अमूल्य अधिकार को अनुचित रूप से समाप्त नहीं किया गया है। अधिनियम (भूमि अधिग्रहण अधिनियम) की धारा 5 ए अधिकार की गारंटी देती है। संपत्ति में रुचि रखने वाला व्यक्ति जो उसकी संपत्ति के अनिवार्य अधिग्रहण को रोकने के लिए एकमात्र वैधानिक सुरक्षा था।

पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि अधिकारियों को नागरिकों के पक्ष में बनाए गए अनमोल अधिकार के प्रति जीवित और सतर्क रहना चाहिए।

शीर्ष अदालत का 62 पन्नों का फैसला बुलंदशहर-खुर्जा विकास प्राधिकरण के सार्वजनिक उद्देश्य और कालिंदी कुंज आवासीय सह वाणिज्यिक योजना के लिए भूमि अधिग्रहण को चुनौती देने वाली याचिका पर आया है।

--आईएएनएस

एसजीके