राष्ट्रपति शब्द को जेंडर न्यूट्रल घोषित किया जाए : देवाशीष जरारिया

भोपाल, 31 जुलाई (आईएएनएस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर की गई टिप्पणी के बाद सियासी माहौल गरमाया हुआ है। सत्ताधारी दल भाजपा और विपक्षी दल इस मामले में आमने-सामने हैं, इस बीच कांग्रेस नेता और भिंड से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके देवाशीष जरारिया ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक खत लिखकर राष्ट्रपति शब्द को लैंगिक तटस्थ अर्थात जेंडर न्यूट्रल घोषित करने की मांग की है।
 
भोपाल, 31 जुलाई (आईएएनएस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर की गई टिप्पणी के बाद सियासी माहौल गरमाया हुआ है। सत्ताधारी दल भाजपा और विपक्षी दल इस मामले में आमने-सामने हैं, इस बीच कांग्रेस नेता और भिंड से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके देवाशीष जरारिया ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक खत लिखकर राष्ट्रपति शब्द को लैंगिक तटस्थ अर्थात जेंडर न्यूट्रल घोषित करने की मांग की है।

कांग्रेस नेतादेवाशीष जरारिया द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि आपके देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति और पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनने से पूरा देश गौरवान्वित है, आपका कार्यकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा और करोड़ों दलितों, आदिवासियों महिलाओं, गरीबों के लिए प्रेरणा बनेगा, आपके राष्ट्रपति बनने से सत्तापक्ष के साथ विपक्ष भी अभिभूत है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी के संबोधन को लेकर जरारिया ने लिखा है, अधीर रंजन चौधरी द्वारा आपके संबोधन को लेकर लैंगिक त्रुटि हुई है, इस भाषाई त्रुटि के लिए उन्होंने तत्काल माफी भी मांगी और देश का नागरिक एवं पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते मैं भी आपसे क्षमा प्रार्थी हूं।

उन्होंने आगे लिखा है कि भारत बहुभाषी देश है, संसद में ऐसे अनेक सांसद हैं, जिनकी हिंदी अच्छी नहीं है या उन्हें आती नहीं है। अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल से आते हैं, उनकी हिंदी भाषा पर पकड़ इतनी मजबूत भी नहीं है, एक गैर-हिंदी भाषी के व्याकरण त्रुटि को आपके अनादर से जोड़ना उन करोड़ों भारतीयों के लिए अपमानजनक है, जिनकी प्रथम भाषा या मातृभाषा हिंदी नहीं है।

कांग्रेस नेता जरारिया ने आरोप लगाया है कि देश में मौजूदा हालात में महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दे हैं जिन से ध्यान हटाकर व्याकरण त्रुटि पर ले जाया जा रहा है, इसलिए इस विषय को समाप्त करने के लिए जरूरी है कि राष्ट्रपति शब्द को लैंगिक तटस्थ अर्थात जेंडर न्यूट्रल करने की जरूरत है।

उन्होंने आगे लिखा है कि पूरे विश्व में ऐसे उदाहरण हैं, जब कोई पद लैंगिकता प्रदर्शित कर रहा हो तो उसे लैंगिक तटस्थ शब्द से बदल दिया गया है। उदाहरण के लिए अंग्रेजी में चेयरमैन शब्द के स्थान पर चेयरपर्सन का इस्तेमाल किया जाने लगा है, बैट्समैन के स्थान पर बैटर शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। आप के पद पर आसीन होने के बाद अनेक भारतीय महिलाएं देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होगी, इस बेवजह के विवाद को हमेशा के लिए समाप्त करने के लिए आप स्वयं आगे आएं और राष्ट्रपति पद को किसी लैंगिक शब्द में बदल दें।

--आईएएनएस

एसएनपी/एसजीके