वाइस चांसलर को अस्पताल के गंदे बिस्तर पर लेटने के लिए मजबूर करने पर अधिकांश ने की आलोचना : आईएएनएस सर्वे

नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा ने 30 जुलाई को बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (बीएफयूएचएस) के वाइस चांसलर और जाने-माने सर्जन डॉ. राज बहादुर को मरीज के गंदे बिस्तर पर लेटने के लिए मजबूर किया। ये मुद्दा अब काफी गर्म हो गया है।
 
नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा ने 30 जुलाई को बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (बीएफयूएचएस) के वाइस चांसलर और जाने-माने सर्जन डॉ. राज बहादुर को मरीज के गंदे बिस्तर पर लेटने के लिए मजबूर किया। ये मुद्दा अब काफी गर्म हो गया है।

यह घटना पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री फरीदकोट के गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के निरीक्षण के दौरान हुई, जो बीएफयूएचएस के अंतर्गत आता है।

घटना का विरोध करते हुए, डॉ राज बहादुर ने इस्तीफा दे दिया और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से उन्हें सेवाओं से मुक्त करने का अनुरोध किया।

पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (पीसीएमएसए) ने एक बयान जारी कर कुलपति के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार की निंदा की है। एसोसिएशन ने मंत्री से बिना शर्त माफी और इस्तीफे की भी मांग की। इस घटना ने मंत्री द्वारा एक प्रमुख स्वास्थ्य पेशेवर के अनादर की निंदा करते हुए राज्य में विपक्ष को हमला बोलने का मौका दे दिया है।

सीवोटर - इंडियाट्रैकर ने घटना के बारे में लोगों की राय जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक जनमत सर्वे कराया। सर्वे के दौरान, अधिकांश लोगों ने वरिष्ठ स्वास्थ्य पेशेवर को अस्पताल के गंदे बिस्तर पर लेटने के लिए मजबूर करने के लिए पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री की आलोचना की। सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, जहां 63 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने घटना की निंदा की, वहीं केवल 37 प्रतिशत ने स्वास्थ्य मंत्री की कार्रवाई को सहमति दी।

दिलचस्प बात यह है कि सर्वे के दौरान, एनडीए और विपक्षी दोनों मतदाताओं के बहुमत ने कुलपति के साथ किए गए अपमानजनक व्यवहार के खिलाफ बात की। सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, एनडीए के 64 फीसदी मतदाताओं और 62 फीसदी विपक्षी समर्थकों ने मंत्री द्वारा वरिष्ठ डॉक्टर के अपमानजनक व्यवहार को गलत ठहराया।

सर्वे के दौरान, अधिकांश शहरी और ग्रामीण मतदाताओं ने भी इसी तरह के विचार रखे। सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, 67 प्रतिशत शहरी और 60 प्रतिशत ग्रामीण ने वरिष्ठ डॉक्टर के अपमान और उत्पीड़न के लिए पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री की आलोचना की।

--आईएएनएस

एचके/एसकेपी