सरकारी संगठनों में साइबर सुरक्षा और मजबूत साइबर इकोसिस्टम बनाने को लेकर सरकार चला रही है प्रशिक्षण कार्यक्रम
साइबर सुरक्षित भारत पहल के तहत चलाए जा रहे इस डीप डाइव प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य सीआईएसओ और अग्रिम मोर्चे पर नियुक्त आईटी अधिकारियों को साइबर सुरक्षा से संबंधित चुनौतियों का सामना करने और साइबर संकट से निपटने को लेकर तैयार करना है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय ई-शासन विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस 24वें सीआईएसओ डीप डाइव प्रशिक्षण कार्यक्रम में आईएसएमएस मानक, मोबाइल सुरक्षा, भारत में साइबर सुरक्षा उत्पाद, डेटा सुरक्षा, पहचान सुरक्षा, और क्रिप्टोग्राफी जैसे विषयों के बारे में बताया जा रहा है। इसमें सरकारी और निजी, दोनों ही क्षेत्रों के विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं।
आपको बता दें कि साइबर सुरक्षित भारत पहल की शुरूआत इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने जनवरी, 2018 में की थी। यह अपनी तरह की पहली सार्वजनिक-निजी भागीदारी है, जो इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ज्ञान साझेदारों के रूप में सी-डैक, सीईआरटी-इन, एनआईसी और एसटीक्यूसी जैसे एमईआईटीवाई (मंत्रालय) के संगठनों के साथ साइबर सुरक्षा में आईटी उद्योग की विशेषज्ञता का लाभ उठाती है।
22 नवंबर को क्षमता निर्माण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए ई-शासन विभाग के संयुक्त सचिव अमितेश कुमार सिन्हा ने भारत के बदलते साइबर परि²श्य और कैसे देश अपनी वैश्विक साइबर सुरक्षा रैंकिंग में निरंतर सुधार कर रहा है के बारे में बोलते हुए कहा था, साल 2020 के लिए साइबर सुरक्षा में भारत को 182 में से शीर्ष 10 देशों में जगह दी गई है, भारत साल 2018 में 47वें स्थान से छलांग लगाकर 2020 में 10वें स्थान पर पहुंच गया है। यह भारत में साइबर तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
सिन्हा ने एक लचीले साइबर इकोसिस्टम के महत्व और जरूरत को दोहराते हुए दावा किया कि यह देश को डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बड़ी उन्नति करने में सहायता करेगा।
--आईएएनएस
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