Baba neem karori farrukhabad बाबा नीम करौली के चमत्कार से खारे कुवां का पानी भी हो गया पीने लायक 

 

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बाबा नीम करोली आश्रम फर्रुखाबाद के बारे में बताया जाता है कि यहां बाबा नीम करौली गुजरात के बवानिया से होकर आए थे और यही एक स्थान पर बैठकर ध्यान मुद्रा में रहते थे जहां पर गांव वालों ने उनके लिए एक ध्यान के लिए एक गुफा बना दी थी और उसके बाद में बाबा नीम करौली ने खुद अपने हाथों से गोबर से एक हनुमान जी की प्रतिमा बनाई थी जिसको स्थापित भी किया गया इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा मार्च में की गई थी और बताया गया कि यहां 1 महीने तक लगातार यज्ञ होता रहा था और उसके बाद में भंडारा किया गया था आज भी मार्च में मेला लगता है नीम करोली आश्रम फर्रुखाबाद में जहां दूरदराज क्षेत्रों से 1 फरवरी के भक्त आते हैं यहां एक सबसे बड़ी बात यह है कि एक कुआं था जिसका पानी काफी खा रहा था जिससे लोग उस को पीट नहीं करते थे बाबा नीमकरोरी को जब यह बात पता चली तो उन्होंने भक्तों से कहा कि उसमें कुछ बोले चीनी के डाल दो और उसके बाद ही कुएं का पानी पीने लायक हो गया और गांव के लोग उसी कुएं का पानी पीने लगे जो कि एक चमत्कार के रूप में था.