दरिद्रता नाशक मंत्र ,बड़ा से बड़ा कर्ज भी उतर जाएगा दारिद्रय दहन स्त्रोत मंत्र के जाप से दरिद्रता होगी दूर 

 
 

 

आज के युग में ऐसे बहुत कम ही लोग जिन्हें धन की कमी नही है । कहीं न कहीं लोग धन की।कमी से जूझ रहे हैं गरीबी और दरिद्रता पीछा नही छोड़ रही है ।जब काम नही चलता है तब व्यक्ति कर्जदार भी हो जाता है । 
हिन्दू धर्म मे कई तरीके बताए गए हैं जिससे धन की कमी को दूर किया जा सकता है । शिव जी के मन्त्र जाप से दरिद्रता दूर करने के उपाय ।
शिव दारिद्र दहन स्त्रोत बहुत ही कारगर मंत्र है जिससे दरिद्रता दूर करने में आसानी होती है मान्यता यह भी है कि बड़े से बड़ा कर्ज भी उतर जाता है ।
आर्थिक परेशानी और कर्ज से मुक्ति दिलाता है। 
यहां यह स्पष्ट कर देना है कि सबसे पहले आता है कर्म बिना कर्म किये कुछ भी हासिल नही जोन वाला है लेकिन एक स्थिति यह भी आती है कि कर्म करने के बाद भी सफ़लता नही मिलती है अब ऐसे में धर्म का सहारा भी लेना होता है और कई ऐसे मंत्र हैं जो आपकी मदद करते हैं ।

दारिद्र दहन स्त्रोत क्या है ?

दारिद्र्य दहन स्त्रोत शिव भगवान का मंत्र  है जिसके जाप से दरिद्रता दूर होते हैं नौकरी व्यापार में आने वाली बाधाएं दूर होती है और लाभ की स्थिति बनने लगती है ।

इस मंत्र की रचना महर्षि वशिष्ठ द्वारा की गई थी ।

दारिद्र्य दहन स्त्रोत का जाप कैसे करें ?

दारिद्रय दहन स्त्रोत का।जाप करने के लिए किसी प्राण प्रतिष्टित शिवमंदिर में इसके मंत्रों का जाप किया जाए तो लाभ जल्दी मिलने की संभावना रहती है । यदि यःसम्भाव न हो तो अपने घर के ही मंदिर में जहां शिव भगवान की मूर्ति लगी हो वहां पूजा की जा सकती है ।
आजकल सावन चल रहा है और किसी भी दिन 108 मंत्रों का।जाप किया जा सकता है । यदि रोज तीन माला का जाप करें उसपर भी लाभ दायक स्थिति बन सकती है । भोले बाबा की कृपा होगी ।

।।दारिद्रय दहन स्तोत्रम्।।
विश्वेशराय नरकार्ण अवतारणाय
कर्णामृताय शशिशेखर धारणाय।
कर्पूर कान्ति धवलाय, जटाधराय,
दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।१
गौरी प्रियाय रजनीश कलाधराय,
कलांतकाय भुजगाधिप कंकणाय।
गंगाधराय गजराज विमर्दनाय
द्रारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।२
भक्तिप्रियाय भवरोग भयापहाय
उग्राय दुर्ग भवसागर तारणाय।
ज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकाय,
दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।३
चर्माम्बराय शवभस्म विलेपनाय,
भालेक्षणाय मणिकुंडल-मण्डिताय।
मँजीर पादयुगलाय जटाधराय
दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।४
पंचाननाय फणिराज विभूषणाय
हेमांशुकाय भुवनत्रय मंडिताय।
आनंद भूमि वरदाय तमोमयाय,
दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।५
भानुप्रियाय भवसागर तारणाय,
कालान्तकाय कमलासन पूजिताय।
नेत्रत्रयाय शुभलक्षण लक्षिताय
दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।६
रामप्रियाय रधुनाथ वरप्रदाय
नाग प्रियाय नरकार्ण अवताराणाय।
पुण्येषु पुण्य भरिताय सुरार्चिताय,
दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।७
मुक्तेश्वराय फलदाय गणेश्वराय
गीतप्रियाय वृषभेश्वर वाहनाय।
मातंग चर्म वसनाय महेश्वराय,
दारिद्रय दुख दहनाय नमः शिवाय।।८
वसिष्ठेन कृतं स्तोत्रं सर्व रोग निवारणम्
सर्व संपत् करं शीघ्रं पुत्र पौत्रादि वर्धनम्।।
शुभदं कामदं ह्दयं धनधान्य प्रवर्धनम्
त्रिसंध्यं यः पठेन् नित्यम् स हि स्वर्गम् वाप्युन्यात्।।९
।।इति श्रीवशिष्ठरचितं दारिद्रयुदुखदहन शिवस्तोत्रम संपूर्णम।।
ॐ राम रामाय नमः

दारिद्र्य दहन स्त्रोत का जाप किस माला से करें ?

दारिद्रय दहन स्त्रोत का जाप करने के लिए रुद्राक्ष की माला से जाप कर सकते हैं ।