Astrology free predictions क्या आपकी कुंडली में है धन योग ? समझिए बहुत आसान तरीके से
Astrology meaning in hindi Astrology के हिसाब से अगर देखें तो जैसे कि कुंडली मे दूसरे भाव में अगर सूर्य है तो देखना ही होगा की दूसरे भाव में जो संख्या लिखी है वह संख्या किस स्थान पर कुंडली में आ रही है जैसा कि सूर्य जिस स्थान पर कुंडली में है उस पर कौन सी संख्या लिखी हुई है अगर सूर्य 1 ,5 और 9 स्थान में है तो धन के योग बनेंगे जबकि इसी प्रकार से अन्य ग्रहों की स्थिति होती है ।
सबसे पहले यह जान लेना जरूरी है कि आपके दूसरे भाव मे जो संख्या लिखी है उसके ग्रह कौन से हैं ।
सूर्य 5 ,चंद्र 4,मंगल 1-8,बुध 3-6 ,गुरु 9-12,शुक्र 2-7 ,शनि 10-11
अब आपको देखना है कि आपके धन का स्वामी जैसे कि सूर्य अगर आपके लग्न कुंडली मे 5 लिखा है तो वह जिस स्थान पर है वहां कौन सी संख्या लिखी हुई है ।
धन योग
सूर्य -1,5,9
चंद्र-2,4
मंगल -1,8,10
बुध-3,6
गुरु बृहस्पति -9,12,4
शुक्र-2,7,12
शनि-10,11
अगर इन स्थानों पर आपके ग्रह हैं आपका जो धन लाभ में उसका स्वामी जो ग्रह था अगर इन अंकों पर लिखे स्थानों पर वह है तो धनी योग कहा जाता है इसके अलावा धन योग के कई और भी कारक होते हैं लेकिन जो आसान शब्दों में इसको जो समझा जा सकता है वह धन योग के इस तरीके से कारक बनते हैं और अगर वह धन योग में वह ग्रह नहीं आते हैं कहीं अगर दरिद्र योग में आते हैं तो ऐसे ग्रहों का दान और जब ही उसका उपचार होता है उसके लिए किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह लेते हुए ही उन ग्रहों का जप और दान करना चाहिए जिससे जो खराब प्रभाव रहते हैं उस में कमी आती है और अगर धन योग हैं तब आपके ग्रह आपको बहुत अच्छे फल देंगे इसके लिए आपको उस को स्ट्रांग करना होगा क्योंकि कई बार अगर उन ग्रहों के अंश में कमी रहती है तब भी वह आपको जो वांछित लाभ है वह नहीं दे पाते हैं इन सब के लिए आप कुंडली का विश्लेषण खुद तो कर सकते हैं लेकिन उस पर अमल करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लें जिससे आपको पूरा का पूरा लाभ मिलेगा।
यह जानकारी कुछ सूत्रों पर ही आधारित है उचित होगा कि इस पर अमल करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लें आप की खबर किसी भी जानकारी की पुष्टि स्वयं नहीं करता है।