amavasya kab ki hai : अमावस्या कब है
अमावस्या क्यों मनाई जाती है?
अमावस्या को विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। इसके पीछे कई कारण हैं:
धार्मिक महत्व
पितृ पूजा: हिंदू धर्म में अमावस्या को पितृदोष दूर करने और पितरों का श्राद्ध करने का दिन माना जाता है।
नए महीने की शुरुआत: अमावस्या के बाद नए चंद्रमा का उदय होता है, जिसे नए महीने की शुरुआत माना जाता है।
देवी-देवताओं की पूजा: कुछ देवी-देवताओं की पूजा भी अमावस्या के दिन की जाती है।
ज्योतिषीय महत्व
ग्रहों की स्थिति: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या के दिन ग्रहों की स्थिति विशेष होती है, जो मानव जीवन पर प्रभाव डालती है।
सांस्कृतिक महत्व
त्यौहार और उत्सव: कई संस्कृतियों में अमावस्या के दिन विशेष त्यौहार और उत्सव मनाए जाते हैं।
अमावस्या के दिन क्या किया जाता है?
पितृदोष निवारण: पितृदोष से मुक्ति के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि किए जाते हैं।
दान: अन्न, वस्त्र आदि का दान किया जाता है।
पूजा-पाठ: देवी-देवताओं की पूजा की जाती है।
व्रत: कुछ लोग अमावस्या का व्रत रखते हैं।
धार्मिक अनुष्ठान: विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
अमावस्या के बारे में कुछ रोचक तथ्य
अमावस्या हर महीने आती है।
अमावस्या के दिन चंद्र ग्रहण भी हो सकता है।
अमावस्या को अंधेरी रात भी कहा जाता है।
अमावस्या के दिन कुछ लोग मानसिक रूप से अधिक प्रभावित होते हैं।