मांगो उससे जो सबको देता है ,जीवन की कोई भी परेशानी हनुमान जी से कहो वही करेंगे निवारण

 

 निश्छल प्रेम के भूखे हैं हनुमानजी : स्वामी रामानंद सरस्वती                           

( आर. एल. पाण्डेय    )                    लखनऊ. दुनिया में सबसे ज्यादा भक्त प्रभु श्रीराम व हनुमान जी के हैं. हनुमान जी अपने भक्तों की करुण पुकार तुरंत सुनते हैं. कोई हनुमानभक्त ऐसा नहीं है जिसने पूरी श्रद्धा व समर्पण भाव से प्रभु से निश्छल प्रेमपूर्वक विनती की हो और भक्त शिरोमणि हनुमान जी ने उसकी प्रार्थना सुनने में देरी की हो. यह बात इंटरनेशनल सोसाइटी फार स्पिरिचुअल एडवांसमेंट (आइसा) के अध्यक्ष स्वामी रामानंद सरस्वती ने ' हनुमान जी की महिमा ' विषय पर आयोजित वर्चुयल बैठक में कही.

मूलतः सुल्तानपुर जनपद के पिपरी साईंनाथपुर हनुमतपुरम् के रहने वाले अमेरिका सरकार में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर. एस. द्विवेदी (आध्यात्मिक नाम स्वामी रामानंद सरस्वती) बचपन से ही प्रभु श्रीराम व हनुमान जी के परम् भक्त हैं. वह ज़ब लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ते थे तब भी प्रतिदिन हनुमान सेतु मंदिर में प्रभु जी के दर्शन करने जरूर जाते थे.

स्वामी जी का कहना कि हनुमान जी को माता सीता जी से अजर अमर होने का वरदान मिला है इसलिए वह हमेशा भक्तजनों के आसपास ही रहते हैं. सांसारिक माया मोह में फंसे होने के कारण हमारी बाहरी आँखें उन्हें देख नहीं पाती. प्रभु कृपा से ज़ब भक्त को आध्यात्मिक दृष्टि मिलती है तब अन्तर्चक्षु से हनुमान जी के दर्शन होने लगते हैं. संकट मोचन नाम को सार्थक करते हुए हनुमान जी सभी भक्तों के क्षणभर में ही संकट दूर कर देते हैं.

जीवन की परेशानी सीधे हनुमान जी से कहिए 

स्वामी रामानंद सरस्वती का कहना है कि जीवन में परेशानी चाहे जितनी आये किसी से कहने के बजाय सीधे हनुमान जी से कहिये. जो मनुष्य खुद सबेरे जगकर भगवान के सामने हाथ जोड़कर मांगता हो उससे क्या मांगना. मांगो उससे जो सबको देता है. हनुमान जी अन्तर्यामी हैं वह बिना कहे ही भक्त के मन की बात जान लेते हैं. निर्मल मन से प्रभु की भक्ति में मन लगाइये, सारी इच्छाएं अपने आप शांत हो जाएंगी. ज्यों ज्यों संसार से विरक्ति होगी त्यों त्यों आध्यात्म में मन लगेगा और प्रभु कृपा बढ़ती जाएगी.