Chaurasi Mandir History In Hindi : क्या है हिमाचल के चौरासी मंदिर का रहस्य? जहां Kangana Ranaut ने की पूजा-अर्चना 

What Is The Story Of Chaurasi Khamba Temple?

 

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Himachal Ka Chaurasi Mandir

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अगर हम आपसे पूछें कि आप अपनी मौत के बाद सबसे पहले कहां जाएंगे, तो आपका जवाब होगा स्वर्ग या नर्क... और वो इसलिए क्योंकि बचपन से आप यही सुनते आ रहे हैं कि अगर कोई अच्छे कर्म करता है तो मौत के बाद वो सीधे स्वर्ग जाता है और अगर जिंदगी भर उसने बुरे कर्म किए होते हैं तो उसे सीधे नर्क में भेज दिया जाता है... लेकिन अगर हम आपसे कहें कि मरने के बाद सीधे स्वर्ग या नर्क नहीं, बल्कि आपकी आत्मा पहले एक मंदिर में पहुंचती हैं तो क्या आप हमारी इस बात का यकीन करेंगे... शायद नहीं करेंगे, इसलिए... आज हम आपको एक ऐसी रहस्यमयी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी कहानी सुनाने के बाद शायद आपको हमारी बातों पर यकीन आ जाए...

स्वर्ग या नर्क नहीं.. पहले आपको यहां आना है!

आपको मालूम होगा कि अभिनेत्री से नेत्री बनीं बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा से चुनावी मैदान में खड़ी हुई हैं... चुनाव जीतने के लिए वो धुआंधार प्रचार कर रही हैं... मंडी लोकसभा के हर क्षेत्र में पहुंचकर वो अपने लिए वोट मांग रही हैं... वोट मांगते-मांगते वो आ पहुंचीं चंबा के भरमौर में, यहां कि चौरासी मंदिर में उन्होंने माथा टेका और पूजा अर्चना की... दर्शन के बाद कंगना ने इस मंदिर के बारे में कुछ ऐसी बातें बताईं, जिसे सुनने के बाद इस मंदिर के बारे में और ज़्यादा जानने के लिए हमारे मन में जिज्ञासा पैदा हो गई... बिना देर किए हमने इस मंदिर के बारे में तमाम जानकारियां इकट्ठा कीं, जिसके बाद हमें पता चला कि ये मंदिर तो रहस्य का खज़ाना है...

तो चलिए और देर ना करते हुए इस मंदिर के अनोखे रहस्य के कुछ पहलुओं को आपके साथ भी शेयर कर लेते हैं... हिमाचल को देवों की भूमि कहा जाता है... आप यहां जिस कोने में भी जाओगे, वहां आपको एक मंदिर मिल जाएगा... और हर मंदिर कुछ ना कुछ रहस्य अपने अंदर समेटे हुए हैं... एक ऐसा ही मंदिर है भरमौर का चौरासी मंदिर, जहां पर कंगना दर्शन के लिए गई हुईं थीं... इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि आप अगर जीते जी यहां पर नहीं आए तो मरने के बाद आपको इसी मंदिर में आना पड़ेगा... क्योंकि इस मंदिर में मौत के बाद ये फैसला लिया जाता है की आप को स्वर्ग मिलेगा या नर्क... 

भरमौर क्यों प्रसिद्ध है?

इस मंदिर की मान्यता है की ये एक मात्र मौत के देवता यानी यमराज का अकेला मंदिर है... इस मंदिर में इंसान अगर जिंदा रहते हुए नहीं आया तो उसे मौत के बाद उसकी आत्मा को यहां आना पड़ता है... यहां आने के बाद उसके पाप और पुन्य दोनों का फैसला कर के उसे स्वर्ग और नर्क में भेजा जाता है... इस मंदिर में आने वाली आत्मा को धर्मराज के पास जाने से पहले एक और देवता के पास जाना पड़ता है जिन्हें चित्रगुप्त के नाम से जाना जाता है...  इस मंदिर में एक खाली कमरा है जिसे चित्रगुप्त का कमरा माना जाता है... चित्रगुप्त यमराज के सचिव हैं जो जीवात्मा के कर्मो का लेखा-जोखा रखते हैं... मान्यता है कि जब किसी प्राणी की मृत्यु होती है तब यमराज के दूत उस व्यक्ति की आत्मा को पकड़कर सबसे पहले इस मंदिर में चित्रगुप्त के सामने प्रस्तुत करते हैं...

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चित्रगुप्त जीवात्मा को उनके कर्मो का पूरा ब्योरा देते हैं इसके बाद चित्रगुप्त के सामने के कक्ष में आत्मा को ले जाया जाता है... इस कमरे को यमराज की कचहरी कहा जाता है...  चौरासी मंदिर परिसर में कुल 84 बड़े और छोटे मंदिर हैं... मान्यता है कि 84 योगियों ने इस जगह का दौरा किया था... यहां के राजा ने सभी 84 योगियों की विशेष सेवा और सत्कार किया था... राजा के आतिथ्य से सभी 84 योगी बहुत खुश थे... आपको बता दें कि राजा की कोई संतान नहीं थी, तब योगियों ने राजा को वरदान दिया कि उसके यहां 10 पुत्रों का जन्म होगा... जैसा योगियों ने कहा था, वैसा ही हुआ...

भरमौर का इतिहास

कुछ सालों बाद राजा के घर दस बेटों और एक बेटी ने जन्म लिया... कहा जाता है भरमौर का 84 मंदिर उन 84 योगियों को ही समर्पित किया गया था, और तभी से इस पूरे मंदिर परिसर का नाम चौरासी पड़ गया था... इस मंदिर को लेकर ये भी कहा जाता है कि महाशिवरात्रि पर्व पर पाताल लोक में विराजमान भगवान शिव, कैलाश को प्रस्थान करते हैं... इस यात्रा के दौरान शिव भगवान चंबा भरमौर स्थित अति प्राचीन चौरासी मंदिर में विश्राम करते हैं... उनके इस विश्राम को साकार रूप देने के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु भरमौर के चौरासी मंदिर में जुटते हैं...

साल में ये एक ही मौका होता है जब रात के चारों पहर विशेष पूजा-अर्चना चलती है और लगातार घंटियों का शोर समूचे भरमौर में सुनाई देता है... भरमौर के लोग अगर इस वीडियो को देख रहे हों या कोई भी जो इस मंदिर के दर्शन कर चुका हो, वो इस मंदिर से जुड़े कुछ और रहस्यों को या इस मंदिर के बारे में जो मान्यताएं हैं वो कितनी सही हैं, इस बारे में अपनी राय हमारे कमेंट बॉक्स में रख सकते हैं..