chhath puja kyu manaya jata hai : छठ पूजा की शुरुआत कैसे हुई 

Why is Chhath Puja celebrated: How did Chhath Puja begin
 
chhath puja 2024 : छठ पूजा की शुरुआत को लेकर कई पौराणिक और ऐतिहासिक कथाएँ प्रसिद्ध हैं। यह पर्व मुख्य रूप से सूर्य देवता और छठी मैया को समर्पित है, और इसका उद्देश्य प्रकृति, शक्ति, और स्वास्थ्य की पूजा करना है। यहाँ कुछ प्रमुख कथाएँ दी गई हैं जो छठ पूजा की शुरुआत को स्पष्ट करती हैं

1. महाभारत से संबंधित कथा

एक कथा के अनुसार, जब पांडव अपना राजपाठ हार गए थे, तब द्रौपदी ने छठी मैया की आराधना की थी ताकि उन्हें उनका खोया हुआ राजपाठ वापस मिल सके। द्रौपदी की प्रार्थना से प्रसन्न होकर छठी मैया ने उनकी मनोकामना पूरी की और पांडवों को पुनः राजपाठ प्राप्त हुआ। इस कथा के कारण छठ पूजा को मनोकामना पूर्ति का पर्व भी माना जाता है।

2. भगवान राम और सीता से संबंधित कथा

एक मान्यता के अनुसार, भगवान राम और माता सीता ने अपने वनवास से लौटने के बाद कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन सूर्य देवता की पूजा की थी। यह पूजा सूर्य देव को समर्पित थी और इसी के साथ छठ पूजा की परंपरा की शुरुआत हुई। तब से यह पर्व मुख्य रूप से सूर्योपासना के रूप में मनाया जाता है।

3. सूर्य पुत्र कर्ण की पूजा

कहा जाता है कि महाभारत काल में सूर्य के पुत्र कर्ण प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करते थे और उनकी पूजा करते थे। सूर्य की कृपा से कर्ण को अत्यंत बल और वीरता प्राप्त हुई। उनकी श्रद्धा और आस्था का प्रतीक छठ पर्व माना जाता है।

4. वैदिक काल की उत्पत्ति

छठ पूजा की जड़ें वैदिक काल में भी मानी जाती हैं, जब ऋषि-मुनि बिना अन्न और जल ग्रहण किए, सूर्य के माध्यम से दिव्य ऊर्जा प्राप्त करने के लिए सूर्योपासना करते थे। यह एक प्रकार की तपस्या होती थी और इस पूजा का महत्व आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करना और स्वास्थ्य लाभ के लिए भी माना जाता है।