भाई दूज का शुभ मुहूर्त, भाई दूज का त्योहार कैसे किया जाता है?

 
 

गंगा-यमुना नीर बहे,मेरे भाई की आयु बढ़े

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। हर साल कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए यम की पूजा करती हैं। ज्योतिषायन के आचार्य दीपक दुबे ने बताया कि कार्तिक मास की शुक्ल द्वितीया तिथि 14 नवंबर 2023 को दोपहर 02:36 बजे से शुरू हो रही है और इसका समापन 15 नवंबर 2023 को दोपहर 01:47 बजे होगा। अतः उदया तिथि के अनुसार  भाई-दूज 15 नवंबर बुधवार को मनाया जाएगा।भाई दूज पर वैसे तो राहुकाल को छोड़कर बहनें कभी भी भाई को तिलक कर सकती हैं। साथ ही इस विशेष दिन पर चित्रगुप्त जी की पूजा भी की जाती है। आज भाई दूज पर आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिससे बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना कर सकती हैं।
भाई दूज पर पूजा के दौरान भाई को पूर्व की ओर मुंह करके बैठाएं तथा भाई को तिलक करते समय इस मंत्र का जाप जरूर करें -*‘गंगा पूजे यमुना को,यमी पूजे यमराज को,सुभद्रा पूजे कृष्णा को,गंगा यमुना नीर बहे,मेरे भाई की आयु बढ़े’।*
यदि आपका  भाई दूज के दिन किसी कारणवश आपका भाई आपके घर पर न हो , तो आप खुद भी भाई के घर जाकर भाई दूज मना सकती हैं। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा करने से आपके और आपके भाई के ऊपर यमराज की कृपा बनी रहती है और दोनों को ही लंबी उम्र की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि  यमुना जी ने अपने भाई यम देवता को घर पर भोजन के लिए आमंत्रित किया था। जब यम, यमुना के घर गए तो बहन ने तिलक लगाकर उनका स्वागत किया, उन्हें भोजन कराया। साथ ही साथ यम देवता से वरदान मांगा कि जो बहन अपने भाई को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर घर में बुलाकर टीका करें और उसे भोजन कराए, उसके भाई को यम का कोई भय न रहे। तब यमराज ने उन्हें तथास्तु कहकर यमुना को उपहार देकर यमलोक वापस चले गए।मान्यता है कि इस दिन बहनें अपने भाईयों को शुभ मुहूर्त में टीका करेंगी उन्हें पूरे साल यम देवता के भय से मुक्त रखते हुए सुख-सौभाग्य प्राप्त होगा। इसीलिए भाई दूज को यम द्वितीया भी कहते हैं।