lal kitab ke upay in hindi  सभी ग्रहों को अनुकूल बनाने के अचूक उपाय क्या हैं ?

 
 

 ज्योतिष  शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार प्रत्येक ग्रह अपने फल देते हैं। उनके लिए कोई उपाय शास्त्र में नहीं बताए गए हैं। किंतु यदि ग्रह राशि की संदेहास्पद स्थिति हो तो उनके उपाय करने के विधान शास्त्र सम्मत माने जाते हैं 

लाल किताब क्या काम आती है ?

लाल किताब के अनुसार कई उपाय बताए गए हैं इसका सबसे सही उपाय है कि ग्रहों को अनुकूल 
 यहां ग्रहों को अनुकूल बनाकर उनसे सहयोग लेने के उपाय बताए जा रहे हैं- राहु, केतु एवं शनि पापी ग्रह हैं जो प्रायः विश्वासघात करते हैं। इनके विश्वासघात का कारण इनके ही पाप माने जाते हैं। राहु के अशुभ प्रभाव को केतु के उपाय से दूर किया जा सकता है जबकि केतु की अनिष्टता राहु के उपायों द्वारा दूर की जा सकती है।

० पापी ग्रहों से संबंधित वस्तुओं या प्राणियों को पास में रखने पालने एवं उनके आशीर्वाद से या उनसे क्षमा मांगने से अनुकूलता प्राप्त होती है। • आर्थिक नुकसान से बचने एवं शनि की अनिष्टता को दूर करने के लिए रोज कीओं को रोटी के टुकड़े खिलाएं।

यदि संतान बाधा हो तो कुत्ते को रोटी खिलाने से संतान उत्पन्न होगी। हर ग्रह की अशुभता के पीछे दो ग्रहों का हाथ रहता है। इन दो ग्रहों में से किसी एक ग्रह की अशुभता दूर करने पर शुभ फल प्राप्त होता है जो ग्रह पापी ग्रह की अशुभता दूर करने में सक्षम हो, उसका प्रभाव बढ़ाना चाहिए। शनि अशुभ हो तो उसकी अशुभता के पीछे शुक और बृहस्पति का हाथ रहता है। इनमें से बृहस्पति को अलग करने के लिए बुध के प्रभाव को बढ़ाना होगा। शुक्र-बुध के एक होने से शनि शुभ फल देगा।

अशुभ मंगल का प्रभाव मृगधर्म के उपयोग से कम होता है। बड़े तवे पर गुड़ की रोटी बनाकर लोगों को खिलाने से भी अशुभ मंगल का प्रभाव कम हो जाता है।

 

बुध, शुक्र एवं शनि के अशुभ प्रभावों को दूर करने का आसान उपाय है-गौ ग्रास रोज भोजन करते समय परोसी गयी थाली में से एक हिस्सा गाय को, एक हिस्सा कुत्ते को एवं एक हिस्सा कौए को खिलाएं। → राहु का अशुभ प्रभाव दूर करने के लिए घास या किसी अनाज - बाजरा,

ज्वार या गेहूं को जमीन पर रखकर उस पर वजनी चीज रखें जी को

से धोकर बहते पानी में प्रवाहित करें।

दूध यदि तपेदिक जैसी जानलेवा बीमारी के कारण ज्वर चढ़ जाए तो जी को गाय के मूत्र में भिगोकर स्वच्छ जल से धोकर नए कपड़े में बांधकर घर में ऊंची जगह पर टांग दें रोगी रोज गौ मूत्र से अपने दांत साफ करे ।

ग्रहों से संबंधित चीजें पर में अधिक रखने से संबंधित ग्रह का दुष्प्रभाव दूर हो जाता है। अगर पुत्री के कारण पिता को कष्ट होता हो तो पुत्री के गले में तांबे

का चौरस टुकड़ा बांधे। अगर मंगल 1, 3, 8 घर में बैठा हो तो मंगल का उपाय न करके बुध का उपाय करना चाहिए।

 

लाल किताब क्या कहती है? आजमाए हुए उपाय

यदि उपरोक्त उपाय कारगर न होते हों तो निम्न उपाय करने से तुरंत अनुकूल फल प्राप्त होते हैं ये उपाय हमारे आजमाए हुए हैं। कोई भी उपाय कम-से-कम 40 दिन और अधिक से अधिक 43 दिन तक करें अगर ये उपाय रोज न हो - सके तो प्रत्येक आठवें दिन अवश्य करना चाहिए उपाय पूर्ण होने से पहले यदि कोई व्यवधान या विघ्न आ जाए तो नए सिरे से पुनः करें। अगर अपरिहार्य कारणों से उपायों का क्रम टूट जाए तो चावल दूध में और केसर पान में रखें। इससे पूर्व समय में किए गए उपाय व्यर्थ नहीं जाते उपाय किसी भी दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही करने चाहिए ग्रहों के अनुसार ये उपाय निम्न हैं-

सूर्य - बहते पानी में गुड़ प्रवाहित करें।

चंद्र - दूध या पानी से भरा बर्तन रात को सिरहाने रखें। सुबह उस दूध या पानी से बबूल के पेड़ की जड़ सींचें । मंगल - मंगल शुभ हो तो मिठाई या मीठा भोजन दान करें। 

 

मंगल अशुभ हो तो क्या करें 
पानी में प्रवाहित करें मंगल अशुभ हो तो बहते पानी में तिल और गुड़ से बनी रेवड़ियां प्रवाहित करें।

बुध - तांबे के पत्तर में छेद करके उसे बहते पानी में प्रवाहित करें। बृहस्पति - केसर का सेवन करें। उसे नाभि या जीभ पर लगाएं। शुक्र - गौ दान करें। ज्वार या घने का चारा दान करें।

शनि - किसी बर्तन में तेल लेकर उसमें अपना प्रतिबिंब देखें और वह बर्तन तेल के साथ दान करें। बर्तन कांसे का हो तो शीघ्र फलदायी होता है । राहु मूली की तरकारी का दान करें। मूली के पत्ते निकाल लें।

केतु -- कुत्ते को रोटी खिलाएं।

कुछ खास तरीके

विवाह के समय या विवाह के पूर्व अशुभ ग्रहों का उपाय कर लेना अनिवार्य होता है। खासकर पुरुषों को तो ये उपाय अवश्य ही करने चाहिए, क्योंकि विवाह के बाद पुरुष के ग्रहों का संपूर्ण प्रभाव स्त्री पर पड़ता है। पितृ ऋण या अशुभ ग्रह से मुक्ति पाने और संतान प्राप्ति के लिए संबंधित ग्रहों से बचाव करना चाहिए। ग्रहों के अनुसार ये उपाय निम्न हैं- 1

सूर्य के लिए गेहूं और तांबे का बर्तन दान करें।

Q चंद्र के लिए चावल, दूध एवं चांदी की वस्तु का दान करें। मंगल के लिए साबुत मसूर या मसूर की दाल दान करें।

बुध के लिए साबुत मूंग का दान करें। बृहस्पति के लिए चने की दाल एवं सोने की वस्तु दान करें। शुक्र के लिए दही, घी, कपूर या मोती में से किसी एक वस्तु का दान करें।

शनि के लिए काले साबुत उड़द एवं लोहे की वस्तु का दान करें। ० राहु के लिए सरसों एवं नीलम का दान करें।

केतु के लिए तिल का दान करें।

ये हैं लाल किताब के उपाय ,विशेष उपाय 

अशुभ ग्रहों से बचाव के लिए निम्न विशेष उपाय भी किए जा सकते हैं- सूर्य---यदि सूर्य अशुभ हो तो एक ही आकार और वजन के तांबे के तीन टुकड़े लें। एक टुकड़ा कन्यादान विधि से दान करें। दूसरा टुकड़ा बहते पानी में

 

प्रवाहित कर दें तीसरा टुकड़ा जीवनभर अपने पास रखें। यह टुकड़ा किसी भी कीमत पर न बेचें। ऐसा करने से सूर्य का अशुभ प्रभाव दूर हो जाएगा। यदि तांबे का यह टुकड़ा खो जाए तो पुनः टुकड़ा लाकर अपने पास रखें। दूसरी बार उसे पानी में प्रवाहित करने और दान करने की जरूरत नहीं है। चंद्र- यदि चंद्र अशुभ या प्रतिकूल हो तो सच्चा मोती, चांदी का टुकड़ा

या चावल साथ रखें।

मंगल - मंगल अशुभ हो तो लाल पत्थर यानी अकीक अपने पास रखें। बुध-बुध अशुभ हो तो हीरा अपने पास रखें।

बृहस्पति बृहस्पति अशुभ हो तो सोना या केसर अपने पास रखें।

शुक्र शुक्र अशुभ हो तो सफेद मोती धारण करें या सीप अपने पास रखें। शनि - शनि अशुभ हो तो लोहा, काला नमक और काला सुरमा धारण करें। राहु-राहु अशुभ हो तो सच्चा मोती, चांदी का टुकड़ा या बासमती साबुत

चावल सदैव अपने पास रखें। केतु यदि केतु अशुभ हो तो चितकबरा पत्थर हमेशा अपने पास रखें।

बनावटी ग्रह दो ग्रह इकट्ठे होने से वे बनावटी बन जाते हैं। ऐसे में उनका असर भी

बनावटी ही रहता है।

सूर्य बुध-शुक्र-गुड़ जैसा रंग : चंद्र सूर्य+बुध दूध जैसा सफेद रंग

मंगल (शुभ) : सूर्य + बुध = लाल रंग ।

मंगल (अशुभ) सूर्य + शनि-फीका लाल, कोकाकोला जैसा रंग

बुधबृहस्पति+राहुहरा रंग

शुक राहु केतु दही जैसा सफेद रंग

शनि : शुक्र + बृहस्पति = काला रंग ।

मंगल+बुध-सफेद।

राहु: मंगल+शानि उच्च एवं काला सूर्य+शनि-नीच एवं काला।

जिस घर में कोई भी ग्रह नीच हो जाता है, उसका बनावटी भाग वहां से हटाकर कुप्रभाव से बचा जा सकता है।