नवरात्र में हवन यज्ञ पर रोक लगाना गलत - पं. शशिपाल डोगरा

 मंदिरों के कपाट बंद करना सही नही है
 
 क्या हिंदुओं के मंदिर जानेक्से ही कोरोना फैल रहा है क्या चुनाव से कोरोना नही फैल रहा है ।
 *सत्यदेव शर्मा सहोड़*

शिमला।

ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष पं. शशि पाल डोगरा ने नवरात्र के समय मंदिरों में हवन यज्ञ पर लगाई पाबंदी पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने पूछा कि आखिर सरकार के निर्णय हिंदू संस्कृति पर ही क्यों हैं? साथ ही पूछा कि आखिर हिन्दुओं के त्यौहार पर ही पाबंदी क्यों? उन्होंने कहा कि मंदिरों के कपाट बंद करने के निर्णय सरकार के सही नहीं हैं। 

पं. डोगरा ने कहा कि मंदिरों को बंद करना व यज्ञ न करने के आदेश प्रदेश व देश के हित में नहीं हैं। यजुर्वेद में कहा गया है कि यज्ञ करने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति अपना वह अपनों का भला चाहता है वो यज्ञ को बंद ना करें।  क्योंकि यज्ञ को बंद करने से अनिष्ट होने की आशंका अधिक रहती है। आदिकाल में भी ज़ब कोई भी व्याधि आती थी तो उस व्याधि को खत्म करने के लिए यज्ञ का आयोजन किया जाता था। हैरानी तो तब हो जाती है जब सरकारें केवल मात्र अपना हित देखती हैं और अपनी सुविधा के अनुसार निर्णय लेती है। 

पं. डोगरा ने सवाल उठाया‌ कि क्या हिंदुओं के त्योहारों से ही करोना का संक्रमण बढ़ेगा। क्या देश में हो रहे चुनाव और वहां पर नेताओं द्वारा की गई एकत्रित भीड़ से कोरोना संक्रमण भय खाता है। उन्होंने कहा कि जब नेताओं की अपनी जय-जय कार हो रही होती है तब शायद कोरोना नहीं बढ़ता। लेकिन जब हिंदुओं को अपने देवी-देवताओं की पूजा करनी होती है तो सरकारों को लगता है कि कोरोना संक्रमण बढ़ेगा। जबकि इस व्याधि को बढ़ाने में नेताओं का सबसे बड़ा योगदान है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि मंदिरों में होने वाले यज्ञ को ना रोका जाए, अन्यथा बहुत बड़ा अनिष्ट हो सकता है, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की होगी और उसकी मार को नेताओं को भी भुगतना पड़ेगा।