किस राशि के लिए कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए? Kon Sa Rudraksha Ghagysali Hota Hai 

Which Rudraksha should be worn for which zodiac sign?  Kon Sa Rudraksha Ghagysali Hota Hai
 

कौन सा रुद्राक्ष भाग्यशाली है?

Kon Sa Rudraksha Ghagysali Hota Hai 
 

गले में कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए?
 

कौन सा रुद्राक्ष अधिक शक्तिशाली है?


मेष राशि 

मेष राशि के स्वामी मंगल ग्रह माने जाते हैं। मेष राशि के जातकों को तीन मुख्य रुद्राक्ष धारण करना उत्तम माना जाता है। इसका संबंध अग्नि देव से तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पिछले जन्म और इस जन्म के पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा नेगेटिव विचार, अपराध की भावना संभावना कम होती है और आपके व्यक्तित्व का विकास होता है। साथ ही इसे धारण करने से बीपी, कमजोरी और संबंधी बीमारियों का भी उपचार होता है।

वृष राशि

 वृष राशि के स्वामी शुक्र देव माने जाते हैं। राशि के जातकों को छह मुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभ माना जाता है। जी ये मुखी रुद्राक्ष शिवजी के पुत्र भगवान कार्तिकेय को माना जाता है और उससे बुद्धि का विकास होता है। अभिव्यक्ति की कुशलता और इच्छा शक्ति बढ़ती है। साथ ही इसे धारण करने से। शुर ये एवं प्रेम की प्राप्ति भी होती है। अगर इसके औषधीय गुणों की बात करें तो इससे आँखों को फायदा होता है। मुँह और गले के रोग के लिए भी यह मुख्य रुद्राक्ष लाभदायक होता है। 

मिथुन राशि

 मिथुन राशि के स्वामी बुध ग्रह माने जाते हैं। मिथुन राशि के जातकों को चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना उत्तम माना जाता है। चार मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मा जी का आशीर्वाद प्राप्त है। चार मुखी रुद्राक्ष के धारण करने से मनुष्य को मेघा प्राप्त होती है। साथ ही बात तेजस्वी होता है। उसका मानसिक संतुलन अच्छा बना रहता है पर तनाव, डिप्रेशन आदि से दूर रहता है और उसकी वाणी में मधुरता आती है। करके राशि कर्क राशि के स्वामी चन्द्रदेव माने जाते हैं। कर्क राशि के जातकों को धारण करना उत्तम माना जाता है। दो मुखी रुद्राक्ष शिवजी के अर्द्धनारीश्वर यानी जिंस रूप में शिव और शक्ति का सहयोग होता है। उनका वरदान प्राप्त है। पुराण के अनुसार दो मुखी रुद्राक्ष को अग्नि का वरदान भी प्राप्त लिहाजा इसको धारण करने से। देखो ये ओम अग्निहोत्र से मिलने वाले पुण्य फल प्राप्त होते हैं। साथ ही यह अच्छे पारिवारिक जीवन सभी से अच्छे संबंधों और विवाह सिद्धि के लिए उपयोगी माना जाता है। 

सिंह राशि 

सिंह राशि के स्वामी सूर्य ग्रह माने जाते हैं। सिंह राशि के जातकों को 12 मुखी रुद्राक्ष धारण करना उत्तम माना जाता है। 12 मुखी रुद्राक्ष को सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त हैंये से द्वादश आदित्य भी कहते हैं। इसे धारण करने से किसी प्रकार के भाई से मुक्ति मिलती है और यह व्यक्ति को निर्भय और संकट बनाता है। धारक का आर्थिक पक्ष मजबूत होता है और उससे गरीबी कभी नहीं सताती है। साथ ही 12 मुखी रुद्राक्ष से। हृदयी त्वचा और आँखों के रोग का भी उपचार होता है। 

कन्या राशि

 कन्या राशि के स्वामी माने जाते हैं। कन्या राशि के जातकों को एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना उत्तम माना जाता है। एक मुखी रुद्राक्ष सबसे शुभ माना जाता है। इस रुद्राक्ष को स्वयं शिवजी का वरदान प्राप्त है। यहाँ 20। परमसुख और मोक्ष दिलाता है। कहा जाता है कि जीस जगह पर एक मुखी रुद्राक्ष की पूजा होती है, वहाँ लक्ष्मी जी का निवास होता है। एक मुखी रुद्राक्ष वृद्धि और सिद्धि दोनों दिलाता है। साथ ही ये रुद्राक्ष अपने धारक को मन की शांति प्रदान करता है और उसकी सारी इच्छाओं को पूर्ण करता है। 

तुला राशि 

तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह माने जाते हैं को आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभ माना जाता है। आठ मुखी रुद्राक्ष को गणेश भगवान की संकट के निवारक है। उनका वरदान प्राप्त है। आठ मुखी रुद्राक्ष बुद्धि का विकास, सर्कुलेशन की शक्ति और राइटिंग स्किल प्रदान करता है। साथ ही इस यश कला में निपुणता एवं समृद्धि प्राप्त होती है। 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल ग्रह मानी जाती है। वृश्चिक राशि के जातकों को पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करना उत्तम माना जाता है। पंचमुखी रुद्राक्ष को शिवजी के कालीन रुद्ररूप का वरदान मिला हुआ है। मान्यता है कि तीन बड़े पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने से अकाल मृत्यु भी टल जाती है। साथ ही तन और मन की शुद्धि होती है। और जहाँ तक इसके औषधीय गुणों का सवाल है, ये बी पी डायबिटीज़, कान, पेट के रोगों को नियंत्रण करने के लिए माना जाता है। 

धनु राशि 

धनु राशि के स्वामी बृहस्पति ग्रह माने जाते हैं। धनु राशि के जातकों को नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करना अति उत्तम माना जाता है। ना मुखी रुद्राक्ष को देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त है। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाला व्यक्ति भाई और तनाव मुक्त रहता है और इसको पहनने से व्यक्ति के अंतर्मन की पवित्र अग्नि द्वारा शुद्धि होती है। साथ ही यह अपने धारक को। चाल चली और आत्मविश्वास ही बनाता है। मान्यता है कि काल यानी यमराज और कालभैरव दोनों नौ मुखी मुख्य रुद्राक्ष के धारक की हमेशा रक्षा करते हैं, जिसके कारण ऐसे काल भाई निवारक भी कहते हैं। 

मकर राशि 

मकर राशि के स्वामी शनि देव माने जाते हैं। मकर राशि को 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करना उत्तम माना जाता है। इस रुद्राक्ष को भगवान शिव का वरदान प्राप्त इसे पूजा में रखकर हरी और हर दोनों की कृपा प्राप्त की जा सकती है। और ये दो महाशक्तियों को छोड़कर वो तो जादू, कोना आदि संकटों से। मुक्ति दिलाता है। साथ ही घर, कार्यालय या कारखानों के वास्तुदोष को भी। इसके अलावा मुकदमा और शत्रु उपद्रव होने पर ये 20 बहुत सहायक होता है।

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के स्वामी शनि देव माने जाते हैं। सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना उत्तम माना जाता है। ये रुद्राक्ष सात के साथ सूर्य सप्तर्षि, कार्तिक के अंगद यानी कामदेव, अनंत यानी बासुकी और नटराज को समर्पित। सत्यार्थी का यानी ब्रह्मा, महेश्वरी, कुमारी, वैष्णवी, वाराही, इंद्राणी और चामुंडा को समर्पित होने से। ये लक्ष्मी को प्रसन्न करता है जिसके कारण इसको धारण करने वाले के जीवन में प्रति कीर्ति और धन की वर्षा होती रहती है और ये धारक के दुर्भाग्य को भी मिटाता। 

मीन राशि

 मीन राशि के स्वामी बृहस्पति ग्रह माने जाते हैं। मीन राशि के जातकों को 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करना अति उत्तम माना जाता है। प्यारा मुखी रुद्राक्ष को हनुमान जी की कृपा प्राप्त है। 11 मुखी रुद्राक्ष के धारक को हनुमान जी जैसे गुण प्राप्त होती जैसे बात करने की कुशलता, आत्मविश्वास, तेज बुद्धि, शारीरिक बल आदि। योग और तंत्र से जुड़े व्यक्तियों के लिए ये बहुत लाभकारी होता है। साथ ही ये रुद्राक्ष सुरक्षा प्रदान करता है। औषधि के रूप में यह देवया बीज, पेट, हृदय, लिवर संबंधी जैसे रोगों के उपचार में सहायक होता है।