राजयोग क्या है ? क्या आपकी कुंडली मे भी हैं राजयोग के लक्षण 

 

कौन से ग्रहों के कारण होता है राजयोग 

राजयोग में सबसे बड़ा कारक चंद्रमा की स्थिति होती है कुंडली मे अगर चंद्रमा की स्थिति अगर कमजोर होती हैं तो ग्रहों का असर सही तरीके से नही मिल पाता है । उदाहरणस्वरूप चंद्रमा का अगर बृहस्पति या शुक्र के साथ अगर योग बनता है तो जातक को वो सारे सुख मिलते हैं जो राजयोग होने पर मिलते हैं । 

कुंडली के जानकार कहते हैं कि किसी भी कुंडली मे राजयोग कोई अलग से योग नही बनाता है । चंद्रमा के साथ ग्रहों की शुभ स्थिति ही राजयोग बनाता है ।

राजयोग कोई विशिष्ट योग नहीं है यह कुण्डली में बनने वाले कई योगों का प्रतिफल है. कुण्डली में जब शुभ ग्रहों का योग बनता है तो उसके आधार  जहां नीच राशि में ग्रह की स्थिति होगी वहीं से सप्तम उस ग्रह की दृष्टि अपने स्थान पर रहेगी. गौर करने के बात यह है कि इसका क्या फल होगा यह अन्य ग्रहों से सम्बन्ध पर निर्भर करेगा.