525 वर्षों बाद तुलसी जन्मभूमि का वास्तविक तथ्य उजागर: डॉक्टर स्वामी भगवदाचार्य जी महाराज

 
 
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय 
लखनऊ। बहुत दिनों से तुलसी जन्मभूमि का विवाद लंबित था। 31 मई 1960 को दिल्ली विश्वविद्यालय में एटा सोरो अप्रामाणिक सिद्ध हुआ । लखनऊ विश्वविद्यालय और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय  तुलसी सम्मेलन में प्रोफ़ेसर सुरेंद्र सिंह कुलपति के समक्ष देश के गणमान्य तुलसी विशेषज्ञों द्वारा राजापुर बांदा को अप्रमाणिक तथा राजापुर  जनपद गोंडा को वास्तविक जन्मभूमि स्वीकार किया। राजापुर बांदा वर्तमान चित्रकूट का नाम राजापुर न होकर पहले विक्रमपुर था । तुलसी  जन्म भूमि पुस्तक के संपादक डॉ सूर्य प्रसाद दीक्षित ने उल्लेख किया है । वहां सूकरखेत नहीं है अवधी भाषा नहीं है ।
वहां अयोध्या कांड की पांडुलिपि 200 वर्षों से कम का है , डॉक्टर भगीरथ मिश्र कुलपति हरिसिंह गौर सागर विश्वविद्यालय के कार्बन डेटिंग द्वारा उजागर तथ्य सर्वविदित है । बांदा के जिला गजेटियर में तुलसी यमुना पार करके राजापुर आए और इंपीरियल गजेटियर आफ इंडिया कलकत्ता में तुलसी ने राजापुर को बसाया का उल्लेख है। इसलिए तुलसी के जन्मभूमि होने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता।
अयोध्या के निकट गोंडा जनपद के करनैलगंज तहसील विकासखंड परसपुर में सूकरखेत स्थित सरयू तट राजापुर में गोस्वामी तुलसीदास का जन्म श्रावण शुक्ला सप्तमी संवत् 1554 में हुआ था। यहां से 5 किलोमीटर दूर गोस्वामी तुलसीदास के गुरु नरहरिदास का पसका सूकरखेत में आश्रम है । गोस्वामी जी ने बचपन में अपने गुरु नरहरिदास जी से सूकरखेत में राम कथा श्रवण किया था। रामचरितमानस के बालकांड के तीसवें दोहे में उल्लेख किया गया है , गोंडा की भाषा अवधी है । गोस्वामी जी का ननिहाल दधिवलकुंड दहौरा भिलोरावासू विकासखंड फखरपुर तहसील कैसरगंज जनपद बहराइच में था।
गोस्वामी जी ने दोहावली के 496 छंद में बहराइच का उल्लेख किया है जग बहराइच जाय ।गोस्वामी जी ने कवितावली में संकेत किया है तुलसी तिहारो घर जायो है ।मैं आपके घर का पैदा हुआ हूं ।गोंडा का राजापुर आज भी अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा में सम्मिलित है । युग तुलसी पंडित रामकिंकर उपाध्याय तुलसी जन्मभूमि राजापुर गोंडा पधार कर इसे प्रामाणिक तुलसी जन्मभूमि घोषित कर चुके हैं । 4 अगस्त को यहां पर तुलसी जयंती का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर दिल्ली से भारतीयम् संस्था द्वारा आत्माराम टेपरा में तुलसी बन लगाया जाएगा । देश के गणमान्य महानुभाव इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।