Balrampur news 4000 रुपये लिए तब लगाया टांका प्रसूता ने की शिकायत, राज्य महिला आयोग सदस्य सुनीता बंसल का बलरामपुर दौरा 

 

 बलरामपुर। राज्य महिला आयोग की सदस्या सुनीता बंसल ने बुधवार को संयुक्त जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल की पोल खुल गई। अस्पताल के सीएमएस समेत कई चिकित्सक अपनी ड्यूटी से गायब थे। यहीं नहीं अस्पताल व लेबर रूम में पैसा वसूली की शिकायत पर आयोग की सदस्या भड़क उठी। उन्होंने पैसे लेने की शिकायतों की जांच कराकर संबंधित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया। साथ ही आयोग की सदस्या के बुलाने पर 12 बजे अस्पताल पहुंचे सीएमएस डा. प्रवीन कुमार व कई चिकित्सकों की शिकायतें मिलने पर कड़ी फटकार लगाई। आयोग की सदस्या के सवाल के जवाब सीएमओ के सामने अस्पताल के सीएमएस नहीं दे सके। जिस पर उन्होंने सीएमएस की जमकर क्लाश लगाईर्। 

राज्य महिला आयोग की सदस्या व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सुनीता बंसल जिले के भ्रमण के दौरान बुधवार को सवा 11 बजे के करीब अचानक संयुक्त जिला अस्पताल पहुंच गई। उनके अस्पताल पहुंचते ही अफरा-तफरी का माहौल हो गया। निरीक्षयण के दौरान साढ़े 11 बजे तक अस्पताल के सीएमएस अपनी ड्यूटी पर नहीं थे। अस्पताल कर्मियों ने बताया कि सीएमएस अपने परिवार के साथ मंदिर पर दर्शन करने गए है। सुबह आकर हस्ताक्षर बनाने के बाद वह चले गए थे। आयोग की सदस्या सीधे चिकित्सकों की ओपीडी में पहुंची। अस्पताल के पैथालॉजिस्ट डा. एपी मिश्र अपनी ड्यूटी से नदारद थे। दो घंटे के निरीक्षण के दौरान उन्हें बार-बार बुलाने के बाद भी आयोग की सदस्या के सामने पेश नहीं हुए। इसी तरह से सर्जन डा. अरुण कुमार भी अपने चैम्बर में नहीं थे। मरीजों ने बताया कि सुबह आठ बजे से वे पैथालॉजिस्ट और सर्जन का इंतजार कर रहे हैं।

12 बजे तक यह दोनों चिकित्सक अस्पताल में नहीं आए। विलोहा गांव निवासिनी ज्योति व पचपेड़वा की गुड़िया ने बताया कि वे सुबह आठ बजे से चिकित्सक का इंतजार कर रही है, लेकिन उन्हें डाक्टर नहीं मिले। जब वह लोग सीएमएस कार्यालय में शिकायत करने पहुंचे तो पता चला कि सीएमएस भी कार्यालय में नहीं है। इस पर आयोग की सदस्या ने सीएमएस को कड़ी फटकार लगाई। कहा कि जब सीएमएस स्वयं अस्पताल में नहीं बैठेगा तो व्यवस्थाएं प्रभवित तो होंगी। आयोग की सदस्या का समर्थन मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुशील कुमार ने भी  किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल की व्यवस्थाएं बेपटरी हैं। अब वह स्वयं इसकी निगरानी करेंगे। आयोग की सदस्या व सीएमओ ने कहा कि अस्पताल की साफ-सफाई व गुणवत्ता बेहतरीन है। फिर भी मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा नहीं मिल पा रही है। अस्पताल की गुणवत्ता की तारीफ करते हुए आयोग की सदस्या व सीएमओ ने संबंधित क्वालिटी प्रबंधक डा. रुचि पांडेय के कार्यों की तारीफ की। 


प्रसूता ने चार हजार रुपए लेने का आरोप लगाया 

संयुक्त जिला अस्पताल में भर्ती प्रसूता रानीजोत निवासिनी सरीना ने छोटे ऑपरेशन के नाम पर चार हजार रुपए लेने का आरोप लगाया। सरीना व उनके परिजनों ने बताया कि चार हजार रुपए लिए गए। टाका लगाने के लिए भी लोग पैंसा मांग रहे थे। मरीज का आरोप है कि अस्पताल की नर्सों न कहा कि जब तब पैसा नहीं दोंगे तब तक टाका नहीं लगाया जाएगा। यह शिकायत सुनने के बाद आयोग की सदस्या भड़क उठी। इस संबंध में सीएमएस भी स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। आयोग की सदस्या न कहा कि मामले की जांच कराकर प्रसूता का पैसा वापस कराया जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो उच्चाधिकारियों से शिकायत की जाएगी। क्योंकि यहां के भ्रष्टाचार में सीएमएस की मिलीभगत है। इस पर सिस्टर इचार्ज से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। सीएमओ ने कहा कि अगर दोबारा ऐसी शिकायत मिली तो इंचार्ज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 


शिकायत पर कई चिकित्सकों को लगाई फटकार


राज्य महिला आयोग की सदस्या ने संयुक्त जिला अस्पताल में पैसा वसूलने की शिकायत पर चिकित्सकों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने अस्पताल के पैथालॉजिस्ट डा. एपी मिश्र के कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाया। उन्होंने बताया कि उन्हें ऐसी शिकायत मिली है कि लेबर रूम में अंजली सिंह नाम की महिला मरीजों से पैसा वसूल करती है। इस महिला का कहना है कि उसे पैसा पैथालॉजिस्ट से लेकर सीएमएस तक को देना पड़ता है। इस पर आयोग की सदस्या ने कहा कि यह गंभीर मामला है। अस्पताल के सीएमएस स्थितियों को संभाल नहीं पा रहे हैं। उनके विरुद्ध शासन को रिपोर्ट दी जाएगी। इसी तरह से जयावती ने एनीमा लगाने के लिए 300 रुपए लेने व ओमबाबू पांडेय ने जांच के नाम पर बाल रोग विशेषज्ञ के ऊपर रुपए वसूलने की शिकायत की। इस पर आयोग की सदस्या ने कहा कि बाल रोग विशेषज्ञ डा. नितिन चौधरी की लगातार मिल रही शिकायतों को लेकर जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि बाल रोग विशेषज्ञ को रंगे हाथ पैसा लेते हुए पकड़ा था, फिर भी स्थिति में कोई सुधार नहीं है। इसी तरह सीटीस्कैन न लिखने की शिकायत भगवतीगंज निवासी राज कुमार श्रीवास्वत ने की। जिस पर उन्होंने फिजीशियन डा. गिरधर चौहान को कड़ी फटकार लगाई। उन्हें मरीजों के साथ उचित व्यवहार करने की हिदायत दी गई। साथ ही आयोग की सदस्या व सीएमओ के निर्देश पर फिजीशियन ने तत्काल मरीज क सीटीस्कैन पर्चे पर लिखा।    

आयोग की सदस्या के सामने बेबश नजर आए सीएमएस 

राज्य महिला आयोग की सदस्या सुनीता बंसल के निरीक्षण के दौरान संयुक्त जिला अस्पताल के सीएमएस डा. प्रवीन कुमार बेबश नजर आए। क्योंकि वह खुद अपनी ड्यूटी से गायब थे। साढ़े 11 बजे के करीब जब आयोग की सदस्या ने उनको फोन करवाया तब वह आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे। पहुंचने के बाद आयोग की सदस्या के किसी सवाल का जवाब वह नहीं दे सके। अक्सर सीएमएस अस्पताल से गायब रहते हैं। उन्होंने मीडिया से भी दूरी बना रखी है। आयोग की सदस्या सुनीता बंसल ने कहा कि यहां के सीएमएस बेहद लापरवाह हैं। उनकी शिकायत शासन स्तर पर की जाएगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल के पैथालॉजिस्ट और बाल रोग विशेषज्ञ की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। फिर भी सीएमएस की मिलीभगत से इनके खिलाफ कोई कार्रवाईर् नहीं हो रही है। 

कई दिनों से गायब लिपिक नहीं आया सामाने 

आयोग की सदस्या ने सीएमएस कार्यालय के लिपिक अजय श्रीवास्तव को तलब किया, लेकिन वह उनके बृहद निरीक्षण के दौरान सामने नहीं आया। सीएमएस लिपिक को फोन करते रहे, लेकिन फिर भी वह नहीं आया, क्योकि वह जिले में था ही नहीं। आयोग की सदस्या ने बताया कि उन्हें यह पता चला है कि सीएमएस ने उसे 15 दिन में एक दिन आने की अनुमति दी है। जिससे वह विभगीय कार्य छोड़कर ठेके व पट्टे का काम करता है। लिपिक से संबंधित सवालों का जवाब भी सीएमएस नहीं दे सके। आयोग की सदस्या न कहा कि लिपिक की मनमानी की वजह से चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को वेतन समय से नहीं मिल पा रहा है। 


अधिकारी के बोल

संयुक्त जिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान भारी अव्यवस्था मिली है। अस्पताल के सीएमएस अपनी ड्यूटी के प्रति गंभीर नहीं हैं। वह अक्सर गायब रहते हैं। इसीलिए व्यवस्थाएं सुधर नहीं रही हैं। इस पर जिलाधिकारी को भी ध्यान देना चाहिए। मरीजों से भी पैसा वसूलने की शिकायत मिली है। संपूर्ण रिपोर्ट मुख्यमंत्री सहित अन्य शासन के अधिकारियों को भेजी जाएगी। 
सुनीता बसंल, सदस्य राज्य महिला आयोग उत्तर प्रदेश