मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ में अंगदान दिवस पर आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम

 
 

• विशेषज्ञ डॉक्टर्स ने अंगदान के महत्व पर अपने विचार रखते हुए सभी से अंगदान की शपथ लेने की अपील की

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ: मेदांता अस्पताल, लखनऊ ने विश्व अंगदान दिवस पर अंग दान की महत्वपूर्ण आवश्यकता के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से एक व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करके अंग दान की सार्थकता का संदेश दिया। इस कार्यक्रम में मेदांता अस्पताल के प्रख्यात विशेषज्ञ डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा पेशेवरों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने अनगिनत जिंदगियों को बचाने के लिए अंग दान के महत्व पर प्रकाश डाला।

मेदांता अस्पताल, लखनऊ के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर ने अंग दान की तत्काल आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, "हमारे देश में लाखों लोग हैं जिन्हें किडनी, लीवर, फेफड़े और हृदय प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है। लेकिन पूरे भारत में अंगों की उपलब्धता न होने के चलते, केवल कुछ हजार मामलों में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लाट हो करते हैं, एक व्यक्ति द्वारा किया गया अंग दान कई व्यक्तियों को नया जीवन दे सकता है। जीवित व्यक्ति लीवर और किडनी दान दे सकते हैं, जबकि किसी गंभीर बीमारी या एक्सीडेंट के चलते ब्रेन डेड व्यक्ति के लीवर, किडनी, कॉर्निया, स्किन, फेफड़े ट्रांसप्लांट किए या सकते हैं। अब तो पेंक्रियाज भी ट्रांसप्लांट होने लगा है। ऐसे में अंग दान त्रासदी को आशा के अवसर में बदल सकता हैं। "

मेदांता अस्पताल में नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट मेडिसिन के निदेशक डॉ. राज कुमार शर्मा ने जीवन बचाने में अंग दान के महत्वपूर्ण प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "अंग दान दिवस पर, मैं आप सभी से मृत्यु के बाद अपने अंगों को दान करने का शपथ लेने का आग्रह करता हूँ। इस परोपकारी कार्य से संभावित रूप से 8 से 10 व्यक्तियों को नया जीवन दान मिल सकता है, जिससे उन्हें जीवन जीने का दूसरा मौका मिलेगा। अंग दान उन रोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपचार विकल्प है, जिनके लिए इलाज के अन्य सभी विकल्प समाप्त हो गए हैं।"

अंग दाताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, लिवर ट्रांसप्लांट और हेपेटोबिलरी सर्जरी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. विवेक गुप्ता ने उनकी महानता की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा, "हम अंग दाताओं की उदारता को सलाम करते हैं जिन्होंने अनगिनत लोगों की जान बचाने में योगदान दिया है। उनका यह निस्वार्थ कार्य अनमोल है। जो व्यक्ति अपने अंग किसी को उपहार में दे सकता है-वहीं एक सच्चा वीर व्यक्तित्व है।"

पेड्रियाटिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. दुर्गा प्रसाद ने एक अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा, "अंग दान कोई त्रासदी नहीं है; यह एक जिम्मेदारी है जो जीवन में छा चुके सबसे अंधेरे क्षणों को भी रोशन कर सकती है।"

इंस्टीट्यूट ऑफ डाइजेस्टिव एंड हेपेटोबिलरी साइंसेज में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. अभय वर्मा ने सभी से आग्रह किया कि "किसी को जीवन का उपहार दें और अपना अंग दान करने का संकल्प लें।"

अंग दान दिवस पर मेदांता अस्पताल के जागरूकता कार्यक्रम ने आशा की किरण जगाने और जीवन बचाने में अंग दान की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला। अंग दान के बारे में अधिक अधिक लोगों को जागरूक करने के लिए सामूहिक प्रयास करना हमें याद दिलाता है कि एक व्यक्ति द्वारा किया गया अंगदान दूसरों की अंधेरे की तरफ जा रही जिंदगी को किस तरह प्रकाशित कर सकता है।