अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट पर सरकार अपना रुख जल्द करे स्पष्ट : डॉ0 आदर्श दीपक मिश्रा
हरदोई (अम्बरीष कुमार सक्सेना)
समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष डॉ.आदर्श दीपक मिश्र एडवोकेट ने आशा नगर स्थित अपने आवास पर प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हापुड़ में निहत्थे वकीलों पर पुलिस प्रशासन ने जो जमकर लाठियां बरसाई हैं। ये शासन और प्रशासन का तानाशाही रवैया है। शासन प्रशासन की यह दमनकारी अधिवक्ता विरोधी नीति से अधिवक्ताओं में ही नहीं बल्कि आम जनमानस में भी रोष है। अधिवक्ता समाज का अगुवाकार है। न्याय व्यवस्था को चलाने का कार्य प्रमुख रूप से अधिवक्ता ही करता है। अधिवक्ता न्याय व्यवस्था का प्रमुख स्तंभ माना जाता है। जिसे सरकार अपनी दमनकारी नीति से तोड़ने का कार्य कर रही है। कहा, इस कृत्य से आम जनता का न्याय व्यवस्था से विश्वास उठ जाएगा। पुलिस प्रशासन पूरी तरीके से निरंकुश हो चुका है। सरकार का इस पर किसी प्रकार से कोई अंकुश नहीं है। पुलिस प्रशासन के तानाशाही रवैये के विरोध में पूरे देश प्रदेश में अधिवक्ता अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से हड़ताल कर रहा है जिसे प्रदेश में बैठी सरकार अनदेखा और अनसुना कर रही है। जो कि अधिवक्ता समाज के हित में नहीं है। अगर जल्द सरकार नहीं चेती तो आंदोलन का रूप बहुत भयंकर हो सकता है। कहा, सरकार को जल्द ही अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। जब न्याय व्यवस्था के प्रमुख स्तंभ अधिवक्ता साथियों के साथ यह व्यवहार होगा। उनके चैंबर, घर, कार्यालय में बर्बरता पूर्वक मारा पीटा जाएगा ऐसे में न्याय व्यवस्था का दबदबा भरने वाली सरकार से न्याय की उम्मीद कहां तक की जा सकती है। जनपद हापुड़ के अधिवक्ताओं को न्याय न मिलने से यह साबित हो रहा है कि सरकार दोषी पुलिसकर्मी एवं उनका संरक्षण देने वाले पुलिस अधीक्षक हापुड़ एवं जिलाधिकारी हापुड को बचाने का काम कर रही है। इससे यह साबित होता है प्रदेश सरकार अधिवक्ताओं की हितैषी नहीं है और प्रदेश सरकार की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। मांग की कि दोषी पुलिस कर्मियों पर न्याय हित में अतिशीघ्र कार्यवाही कराकर तुरंत जेल भेजा जाए। अधिवक्ताओं पर लिखी कई जिलो मे फर्जी एफ0आई0आर तुरंत वापस की जाए साथ ही तत्कालीन जिलाधिकारी हापुड़ एवं पुलिस अधीक्षक को स्थानांतरित कर कार्रवाई की जाए। अधिवक्ता संघ के पूर्व महामंत्री परम अग्निहोत्री ने मांग की कि देश एवं प्रदेश में अधिवक्ताओं के हित एवं उनकी सुरक्षा के लिए अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट, विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा में पास कर जल्द लागू किया जाए ऐसा न होने पर अधिवक्ता ही नहीं आम जनता का भी न्याय व्यवस्था से भरोसा उठ जाएगा। जिसका परिणाम आने वाले समय में अच्छा नहीं होगा। उन्होंने कहा अधिवक्ता किसी भी कीमत में हड़ताल वापस नहीं लेगा जब तक उसकी मांग सरकार नहीं मानेगी।
प्रेस वार्ता में प्रमुख रूप से अधिवक्ता सुशील त्रिपाठी, अधिवक्ता राम जी अवस्थी, अधिवक्ता देवेश द्विवेदी, अधिवक्ता धीरज सिंह चौहान, अधिवक्ता राजीव कश्यप, अधिवक्ता चंद्रशेखर पाल, अधिवक्ता अयूब खान सहित कई अधिवक्ता गण उपस्थित रहे।