भारतीय बाल रोग अकादमी (आईएपी) के संकल्प संपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूली बच्चों के प्रशिक्षण के संदर्भ में प्रेस विज्ञप्ति एसएसएस प्राइमरी स्कूल टीचर्स, उत्तर प्रदेश की प्रथम कार्यशाला 

 
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। भारतीय बाल रोग अकादमी (आईएपी) एक पंजीकृत गैर-लाभकारी ट्रस्ट है और दुनिया में बाल विशेषज्ञ डॉक्टरों का दूसरा सबसे बड़ा पेशेवर संगठन है, जिसके लगभग 40,000 सदस्य हैं, और पूरे भारत में लगभग 347 शहर शाखाएं हैं। कई दशकों से, आईएपी भारत में बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य और देखभाल के सभी पहलुओं से घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ है, न केवल निजी क्षेत्र में, बल्कि केंद्रीय और विभिन्न राज्य सरकारों के साथ भी।
वर्तमान में इसकी स्थापना के हीरक जयंती वर्ष में इसके इतिहास में पहली बार वर्ष 2023 के लिए इसके प्रमुख कार्यक्रम के रूप में,


आईएपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष 2023 डॉ. उपेंद्र एस. किंजवडेकर की अध्यक्षीय कार्य योजना के अंतरगत, कोर टीम के अन्य सदस्यों डॉ.
रेखा हरीश और डॉ. दीपक पांडे के साथ, आईएपी ने संकल्पः संपूर्ण स्वास्थ्य (एसएसएस) नामक एक अनूठा और पूरी तरह से जन
कल्याण पर केंद्रित कार्यक्रम आरंभ किया है।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने कार्यक्रम की उपयोगिता देखते हुए प्रदेश के सभी जनपदों की बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश पत्र जारी किया जो प्रदेश के बच्चो के स्वस्थ के लिए महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस कार्यक्रम को प्रदेश के डेढ़ लाख प्राइमरी स्कूल और उनके 4 करोड़ बच्चों तक लाभ पहुँचाने के लिए स्कूल के शिक्षकों को माध्यम बनाने का सुझाव दिया और प्रदेश के प्राइमरी शिक्षकों की यह प्रथम कार्यशाला इसी क्रम में पहला कदम है।

मुख्य अतिथि डॉ पवन सचान (निदेशक, स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग, उत्तर प्रदेश) ने कार्यक्रम की सराहना की और बताया कि संकल्प संपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम का उद्देश्य सभी स्कूली बच्चों को स्वस्थ जीवन शैली के विविध पहलुओं में प्रशिक्षित करने के लिए स्कूलों को सक्षम बनाना है, जिससे उन्हें मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर और यकृत, गुर्दे और के कुछ विकारों के जोखिम को कम करने में मदद मिल सके। कार्यक्रम की प्रशिक्षक डॉ शालिनी भसीन ने ने बताया कि ये स्वास्थ कार्यक्रम विशेष रूप से संतुलित आहार JUNCS खाद्य पदार्थों से बचने, दैनिक व्यायाम, स्क्रीन समय में कमी, मनोवैज्ञानिक कल्याण को बढ़ावा देने और प्रसन्न रहने, पर्याप्त नींद, व्यसनों को रोकने और प्रदूषण को कम करने पर ज्ञान और व्यावहारिक कौशल प्रदान करता है।

भारतीय बाल अकादमी के प्रदेश अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के प्रदेश संचालक डॉ संजय निरंजन ने बताया सभी स्कूली बच्चों के लिए इस तरह के प्रशिक्षण के माध्यम से, आईएपी प्रत्येक स्कूल को स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले स्कूल में बदलने के लिए उत्प्रेरित करने का प्रयास करता है। बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों को यह कार्यक्रम स्कूल के हर बच्चे तक कैसे पहुँचाये जाए इसके लिए मार्ग दर्शन किया।