कस्तूरबा हेल्थ सोसाइटी वर्धा तथा नवजीवन ट्रस्ट के अध्यक्ष 
आदरणीय धीरू भाई मेहता को दी श्रद्धांजलि     

 
त्तर प्रदेश देश  डेस्क लखनऊ आर एल पाण्डेय )। श्रद्धांजलि देने वालों में सर्व प्रथम  आदरणीय       *जस्टिस सत्य रंजन धर्माधिकारी बंबई* आदरणीय धीरुभाई मेहता हमारे परिवार के सदस्य थे। परमपूज्य दादा और हमारे पिता माता सभी ऊनका सम्मान करते थे। बजाज जाजू और धर्माधिकारी मानो एक ही थे। सामाजिक क्षेत्र मे धीरुभाई जी का बडा योगदान सदैव याद किया जायेगा। हमारी विनम्र श्रध्दांजलि।* *सत्यरंजन धर्माधिकारी.परिवार*। श्री ओम प्रकाश माथुर, डा राकेश पालीवाल पूर्व आयकर महानिदेशक  आदरणीय ज्योत्सना दीदी पवनार आश्रम श्री ज्ञानेश्वर जी लखनऊ  श्री राजदेव चतुर्वेदी          आजमगढ़  , मुकेश भाई मुजफ्फरपुर, आदरणीय  कुसुम बहन अध्यक्ष हरिजन सेवक संघ उत्तर प्रदेश , श्री के एम भाई कानपुर , आदरणीय।उर्मिला बहन अध्यक्ष सर्वोदय आश्रम हरदोई, श्री श्याम सुंदर भाटिया महावीर तीर्थंकर विश्विद्यालय मुरादाबाद

श्री शंभू शाह एचएसएस दिल्ली , श्री सुधीर भाई  गोयल, अंकितग्राम सेवाधाम उज्जैन, डा  संजय सिंह काशी विद्यापीठ वाराणसी ,
श्री  राजेश बाजपेई WWF श्री सुरेश तिवारी श्री ब्रजेश मिश्र यूनिसेफ 
श्री  संजीव जैन लखनऊ 
 ज्योति मिश्रा बुंदेलखंड विश्विद्यालय झांसी 
श्री  मिजाजी लाल जेल अधीक्षक,  श्री सुगन बरंट पूर्व अध्यक्ष सर्व सेवा संघ सेवाग्राम
श्री अजय शर्मा एवं श्री समीर   सक्सेना रोटरी क्लब शाहजहांपुर सुश्री  प्राची नरेंद्र धुलिया महा.
*श्री सुभाष पाटिल कर्जत* बंबई में उनके घरपर और पवनार आश्रम विनोबा पुण्यतिथी पर्व के मित्र मिलन में उनकी भेट होती थी।महान व्यक्ति होते हुयेभी वे सामान्य व्यक्तीको अपना मानते थे।वे सबको अपने लगते थे। हम भारतके दूर दूर प्रांत से बंबई आये हुये  सामान्य कार्यकर्तांको बडे प्यार और आत्मियता से अपने घर पर रख लेते.बंबई शहर दिखाने की व्यवस्था भी करवा देते थे। बडे आनंद के साथ बैठाकर डायनिंग टेबल पर अपने साथ घर मे खाना खिलाते थे। इसमें उनको बहुत समाधान मिलता था। देश दुनिया में गांधी-विनोबा अंहिसा विचार के प्रतिनिधि के तौर पर उन्हें सारा देश और पुरी दुनिया बडी सन्मानसे देखती थी।उनके जीवन और कार्य में एक वैचारिक प्रभाव हमेशा रहा है। हमारे सामने  निरंहकार में बडा उंचा जीवन उनका था।हमें उनकी स्मृती हमेशा याद रहेगी,उनको भावपूर्ण श्रद्धांजली अर्पण।