पत्रकार के साथ ही एक बेहतरीन इंसान थे खुर्शीद किदवई: अम्मार*

 
 

*वरिष्ठ पत्रकार हशमत उल्लाह को मिला खुर्शीद कामिल किदवई अवार्ड*


ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

बाराबंकी। खुर्शीद कामिल किदवई एक बेहतरीन इंसान ही नहीं बल्कि बेबाक पत्रकार भी थे। अख़बारों में उनकी बेबाक लेखनी और टिप्पणी खुलकर बोलती थी। लोग उनकी बेबाकी की वजह से पसंद करते थे। जो उन्हें मेहनती, लगनशील और एक अच्छा सहाफी बनाती है। यह बात उत्तर प्रदेश के पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री डॉ. अम्मार रिज़वी ने गांधी भवन में खुर्शीद कामिल किदवई की 80वीं जयन्ती पर आयोजित सम्मान समारोह के दौरान कही। उन्होंने कहा कि खुर्शीद किदवई मेरे अज़ीज़ दोस्तों में थे। साथ ही वह मेहमान नवाज़ी के शौकीन थे। वह कभी किसी की बुराई नहीं करते थे। उनकी रिपोर्टिंग बहुत उम्दा होती थी और वह अखबारों को जीनत बख्शते थे। रविवार को गांधीवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा द्वारा आयोजित खुर्शीद कामिल किदवई अवार्ड समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. अम्मार रिज़वी, वरिष्ठ समाजसेवी अमीर हैदर, पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविन्द कुमार सिंह गोप, पूर्व विधायक सरवर अली ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। तदोपरान्त स्व. किदवई के चित्र पर मार्ल्यापण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार हशमत उल्लाह और वरिष्ठ पत्रकार के. विक्रम राव को प्रथम खुर्शीद कामिल किदवई अर्वाउ से सम्मानित किया गया। समारोह की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अमीर हैदर ने कहा कि खुर्शीद कामिल किदवई ने चालीस वर्ष की सहाफ़त में जनसरोकार और मुद्दा आधारित पत्रकारिता की। यूं तो बुनियादी तौर पर अंग्रेजी के सहाफी थे, पर हिन्दी और उर्दू पत्रकारिता में भी खूब कलम चलाए। वह यू.एन.आई में अंग्रेजी संस्करण से लंबे समय तक जुड़े रहे। संयोजक राजनाथ शर्मा ने बताया कि खुर्शीद कामिल किदवई ने गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट की स्थापना में अहम भूमिका निभाई। वह ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य थे और ट्रस्ट की गतिविधियों में हिस्सा लेते थे। भारत, पाक, बांग्लादेश का महासंघ बनाओ मुहिम के समर्थक थे। पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविन्द कुमार सिंह गोप ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होता है। खुर्शीद किदवई ने बाराबंकी का नाम देश दुनिया में रोशन किया। पत्रकारिता में उन्होंने जो दिशा दिखाई है, उसका पालन किया जाना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार हिसाम सिद्दीकी ने कहा कि खुर्शीद कामिल किदवई ने यूएनआई से रिटायमेंट के बाद भी सहाफ़त नहीं छोड़ी और उन्होंने लगातार हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू के कई अख़बारों में लेखन का काम किया। उन्होंने जीवन में अंतिम पडाव तक पत्रकारिता के धर्म को निभाया। वरिष्ठ पत्रकार जीलानी खान अलीग ने कहा कि खुर्शीद कामिल किदवई खांटी किस्म के पत्रकार रहे हैं। यूएनआई जैसी प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी में एडिटर रहते हुए उन्होंने पत्रकारिता में नए आयाम गढ़े। समारोह में वरिष्ठ पत्रकार अमान अब्बास, यूपी प्रेस क्लब के सचिव एवं वरिष्ठ पत्रकार हसीब सिद्दीकी, वरिष्ठ पत्रकार अजीज़ हैदर, पत्रकार तारिक किदवई ने अपने संस्मरण और विचार साझा किए। कार्यक्रम का संचालन मो उमैर किदवई ने किया। अन्त में आए हुए अतिथियों का स्व. खुर्शीद कामिल किदवई की बेटी वरिष्ठ पत्रकार नाईला किदवई और बेटा जफ़र किदवई ने आभार व्यक्त किया। इस मौके पर लंदन से आए अमीन मेहंदी एडवोकेट, पूर्व ब्लाक प्रमुख चौधरी तालिब नजीब कोकब, पूर्व प्रमुख सुरेन्द्र सिंह वर्मा, समाजसेवी वामिक रफीक वारसी, मेराज हैदर, प्रमुख रईस आलम, सहकारी नेता शिवशंकर शुक्ला, पत्रकार तारिक खान, मो अतहर, विनय कुमार सिंह, सलाउद्दीन किदवई, अशोक शुक्ला, मृत्युंजय शर्मा, अजीज अहमद अज्जू, वेद प्रकाश यादव, शऊर किदवई, अनवर महबूब किदवई, सपा प्रवक्ता फराज किदवई, हुमायूं नईम खान, वीरेन्द्र प्रधान सहित कई लोग मौजूद रहे।