मुसलमानों के हाथ मे कम्प्यूटर और एक हाथ मे कुरान
उ०प्र० अस्पसंख्यक आयोग द्वारा भारत सरकार से मदरसा आधुनिकीकरण योजना का नवीनीकरण किये जाने पर विचार करने हेतु संस्तुति सहित प्रस्ताव प्रेषित करने का निर्णय लिया
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। उ०प्र० अस्पसंख्यक आयोग द्वारा भारत सरकार से मदरसा आधुनिकीकरण योजना का नवीनीकरण किये जाने पर विचार करने हेतु संस्तुति सहित प्रस्ताव प्रेषित करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में मा० आयक्ष, उ०मा अल्पसंख्यक आयोग के कक्ष सं0-633 में प्रेस वार्ता आयोजित की गयी है। प्रेस वार्ता में मा० अध्यक्ष उ०प्र० अल्पसंख्यक आयोग, श्री अशफाक सैफी एवं मा० सदस्या श्रीमती समाना सिद्दीकी, सुश्री अनीता जैन तथा मा० सदस्य सरदार परविन्दर सिंह, श्री नवेन्दु सिंह इजिकेल एवं श्री सम्मान अफरोज खान मौजूद रहें।
भारत सरकार द्वारा पिछले 10 वर्षों में गरीब पसमांदा मुस्लिमों के उत्थान का कार्य काफी किया है। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री जी द्वारा मुस्लिम युवाओं के समक्ष संकल्प रखा है कि भारत में मुस्लिम बच्चों के एक हाथ में कुरान तथा एक हाथ में कम्पयूटर होना चाहिए। मरदरसा आधुनिकीकरण योजना इसी की एक मजबूत कही है। योजना के तहत मदरसों के बच्चे न केवल आधुनिक विषयों की शिक्षा प्राप्त करते है बल्कि मदरसा शिक्षा को यह राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली से भी जोड़ता है। इस योजना के तहत कार्यरत आधुनिक शिक्षकों को केन्द्र सरकार द्वारा मानदेय का भुगतान किया जाता है तथा उ0प्र0 सरकार द्वारा अपने अंश का भुगतान किया जाता है।
इस योजना के अंतर्गत 7442 शासकीय सहायता प्राप्त / गैर सहायता प्राप्त मदरसों में 21126 आधुनिक शिक्षक कार्यस्त है जिनके 40% गैर अल्पसंख्यक है जहीं लगभग मदरसों के 10 लाख बच्चो को आधुनिक विषयों की शिक्षा प्राप्त करते है। मदरसा आधुनिकीकरण योजना मुस्लिम युवाओं के शैक्षिक विकास हेतु एवं महत्वपूर्ण योजना है जो लाखों गरीब, पसमांदा मुस्लिम बच्चों के भविष्य को उज्जवल बना सकती है।
भारत सरकार एवं उ0प्र0 सरकार द्वारा मदरसा आधुनिक शिक्षकों को लगातार मानदेय
दिया जाता रहा है। किन्तु मदरसा आधुनिकीकरण योजना के शिक्षकों का मानदेय रोके जाने से जहाँ विद्याहीनता बढ़ेगी वही नौजवानों में बेरोजगारी भी बढेगी। उ०प्र० सरकार द्वारा इस संबंध में स्पष्ट किया गया है कि यह योजना तब तक चलेगी जब तक केन्द्र सरकार द्वारा यह योजना चलाई जायेगी एवं बजट आवंटन किया जायेगा।
पिछले 10 वर्षों में मा० प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा गरीब, अशिक्षित एवं पसमांदा मुस्लिमों को प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्जवला योजना, जनधन योजना, प्रधानमंत्री प्रोत्साहन योजना, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना, डी०बी०टी० योजना, राष्ट्रीय गामीण आजीविका मिशन, पं० दीनदयाल उपध्याय ग्रामीण कौशल योजना, अंत्योदय योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, अमृत योजना, डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम, मेक इन इण्डिया कार्यक्रम, स्मार्ट सिटी योजना, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, अयुषमान भारत योजना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली योजना एवं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आदि योजनाओं का लाभ देकर आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है। मा० प्रधानमंत्री की उक्त योजनाओं तथा नीतियों का ही परिणाम है कि देश के अन्य पिछड़े वर्गों के साथ गरीब, पसमांदा मुस्लिम भी राष्ट्र की मुख्य धारा के द्वार पर खड़ा है।
यदि मदरसा आधुनिकीकरण योजना का नवीनीकरण नहीं किया जायेगा तो मुस्लिम युवा जो मदरसे में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ जायेंगे तथा 2014 की पूर्व की स्थित्ति में आ जायेंगे।
मुस्लिम युवाओं को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने राष्ट्र की मुख्य धारा में लाने तथा प्रशासनिक सेवाओं में मुस्लिमों की भागीदारी बढ़ाने के लिये मदरसा आधुनिकीकरण योजना बहुत जरूरी है। मा० प्रधानमंत्री का संकल्प "एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कम्पयूटर" तभी सफल हो सकता है जब मदरसा आधुनिकीकरण योजना को पूरे प्रदेश में अक्षरशः लागू किया जाये।
अतः उ०प्र० अल्पसंख्यक आयोग द्वारा मा० मुख्यमंत्री, उ०प्र० के माध्यम से मा० प्रधानमंत्री महोदय से अनुरोध किया गया है कि गरीब, अशिक्षित, पसमांदा मुस्लिम समाज के विकास तथा मदरसे में आधुनिक शिक्षा प्रदान करने हेतु उत्तम शिक्षकों का प्रबंध करने के लिये मदरसा माधुनिकीकरण योजना का नवीनीकरण किया जाये एवं मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों के काये केन्द्रांश का भुगतान किया जाये।