सत्य सनातन नारी शक्ति लक्ष्मणपुरी ने छठी संगोष्ठी में भरी हुंकार, विदेशों में भी गूंजेगा सुन्दरकांड का पाठ

 
 ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। सत्य सनातन नारी शक्ति लक्ष्मणपुरी की संस्थापक सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल के नेतृत्व में शुक्रवार को छठी संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें इस मौके पर पारंपरिक हरियाली तीज उत्सव एवं सुन्दर कांड की मुहिम को लेकर जागरूक भी किया गया। सनातन धर्म को जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल के संयोजन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर बच्चों ने राधा कृष्ण के वेशभूषा में अपनी अपनी सुन्दर प्रस्तुति भी दी। कार्यक्रम में जिन बच्चों के द्वारा प्रस्तुति दी गई उन्हे ध्वजवाहिका सपना गोयल के द्वारा सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर सत्य सनातन नारी शक्ति लक्ष्मणपुरी की संस्थापक सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल ने कहा कि हिन्दुत्व को जगाने का अब समय आ गया है, हमने अपनी शक्तिपीठ महिलाओं के द्वारा हर मंदिर पर सुन्दर कांड कराने की मुहीम शुरू की है। हमारी मुहीम के तहत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के तमाम मंदिरो पर सुन्दरकांड का पाठ होना शुरू हो गया है। अब हमारा उद्देश्य है कि इस मुहीम को हम विदेशों तक भी ले जाएंगा और विदेशों में भी सुन्दरकांड का पाठ होगा। हालांकि इसके लिए जन जन को जागरूक होना होगा और अपने अपने स्थानिय मंदिरो पर सुन्दरकांड का पाठ करना होगा। हम अपनी 51 महिला शक्तिपीठो के सहयोग से हम लखनऊ के बलरामपुर गार्डेन में आगामी 10 मार्च को 5000 से भी अधिक महिलाओं के साथ सुंदरकांड का पाठ कर एक रिकार्ड बनाने जा रहे है। हमारा मुख्य उद्देश्य लखनऊ को लक्ष्मणपुरी बनाना व हिन्दू राष्ट्र को जागृत करना है। इस मौके पर सनातन ध्वजवाहिका सपना गोयल के साथ, रीतू अग्रवाल, पुनीता भटनागर, रजनी शुक्ला, रागिनी श्रीवास्तव व सुरभी श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में महिलाए मौजूद रही।


*कार्यक्रम के दौरान लगाई गुहार*

- लखनऊ को प्राचीनतम नाम लक्ष्मणपुरी के नाम से पुनस्थापित कराने हेतु जन जागरण एवं जन समर्थन जुटाना
- स्थानीय सभी मंदिरो में मंगलवार/शनिवार को स्थानीय जागरूक नागरिकों के सहयोग से सुन्दरकांड का प्रारम्भ कराना
- सभी हिन्दू जनों को अपने अपने निकट के मंदिरो से जुड़ने के लिए प्रेरित करें तथा हर मंगलवार को सुन्दरकांड में शामिल हो
- धर्म की रक्षा करना हर हिन्दू का कर्तव्य है
- भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए आध्यात्मिक पूँजी को सम्भाले, तभी देश सुरक्षित होगा