ओज एवं नवगीत के सशक्त हस्ताक्षर हैं सहित्य भूषण शिवाकांत मिश्र 'विद्रोही'

 
 

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

गोण्डा। जनपद  के साहित्य भूषण पुरस्कार प्राप्त कवि शिवाकांत मिश्र का आज जन्म दिवस है। 
 जननी स्व0 इतराज कुंअरि पत्नी स्व0 पं आद्याप्रसाद मिश्र के पुत्र के रूप में ग्राम भगवानदीन पुरवा, कस्बा खरगूपुर के निकट 30 जून 1954 को जन्में कवि विद्रोही उम्र की इस देहली पर नव ऊर्जा से ने प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं। 
हाईस्कूल की कक्षा से ही कविता लिखने और गोष्ठी मंच की शुरु हुई यात्राएँ  अबतक देश के कोने-कोने में जारी है।  उ. प्र. सरकार से प्रतिष्ठित साहित्य भूषण पुरस्कार प्राप्त करने वाले विद्रोही मंच के लोकप्रिय कवि हैं। अभी 23 मार्च 2023 को भिवानी हरियाणा में शहीद दिवस के 48 वें राष्ट्रीय कवि सम्मेलन से लेकर अबतक देश व प्रदेश के कई कवि सम्मेलनों में भागीदारी की है।  आयु के 23 वें साल से ही आकाशवाणी पर काव्य पाठ का  शुरु हुआ दौर 106 बार काव्य पाठ करने का रिकॉर्ड अभी थमा नहीं है।  ऐसे ही दूरदर्शन के विभिन्न चैनलों पर अबतक लगभग 34-35 बार काव्य पाठ किया है। देश की बहुचर्चित लोकप्रिय  पत्र-पत्रिकाओं में भी प्रकाशित ओजस्वी गीत और नवगीतों की संख्या भी  250 से ऊपर ही होगी। पांच बार लखनऊ महोत्सव में एक बार लालकिले के राष्ट्रीय कवि सम्मेलन सहित संस्कृति विभाग भारत सरकार व उ0प्र0 सरकार के निमन्त्रण पर अबतक तीन बार कुम्भ मेलों के राष्ट्रीय कवि सम्मेलनों में भी पढ़ने का रिकार्ड है।  150 से अधिक सम्मान भी अबतक देश के विभिन्न प्रान्तों से कवि की झोली में हैं। अपनी साहित्यिक यात्रा और उपलब्धियों पर विद्रोही विनम्र भाव से कहते हैं - मैं कवि नहीं हूँ,  आपके बीच का सामान्य और कला संस्कृति प्रेमी साहित्य प्रेमी एक जिज्ञासु रचनाधर्मी हूं।  फिर भी कुल चार पुस्तकें प्रकाशित करवा कर आपके कर-कमलों तक पहुँचाने का विनम्र प्रयास किया  है। जिनका नाम व परिचय यूँ है-
1- किसलय कलश (विद्यार्थी जीवन की कविताओं का संग्रह)-1987 में प्रकाशित
2- सुगन्ध के हस्ताक्षर (पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित गीतों-नवगीतों का संग्रह)-1997
3- वीरभद्र(पौराणिक कथा पर आधारित ओजस्वी खण्ड काव्य)-2011
4- रोटी है तो दाल नहीं है (सूचना प्रसारण मंत्रालय की अन्तर्राष्ट्रीय  पत्रिका आजकल में  इक्कीसवीं सदी में प्रकाशित गीतों-नवगीतों) का संग्रह-2015।