स्वामी रामानंद सरस्वती ने भक्तों के साथ किये कैंची धाम में दर्शन

 
 

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। भारतीय मूल के प्रवासी  डॉ. आर. एस. द्विवेदी अमेरिका सरकार में वरिष्ठ वैज्ञानिक रहते अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्था आइसा के जरिये दुनियाभर में भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म का डंका बजा रहे हैं। हर साल महीनेभर की स्वदेश यात्रा में वह अधिकतर सपत्नीक तीर्थाटन करते हैं। इसी श्रृंखला में स्वामी जी ने परिजनों व भक्तों के साथ हनुमत् स्वरूप बाबा नीब करौरी महाराज की हृदयस्थली कैंची धाम (नैनीताल) में दर्शन कर सुंदर कांड का पाठ किया।
सूबे के सुल्तानपुर जनपद में पिपरी साईंनाथपुर, कूरेभार (हनुमतपुरम्) के मूल निवासी स्वामी जी वैज्ञानिक होने के साथ ही प्रभु श्रीराम व हनुमान जी के अनन्य भक्त हैं। बीते कई दशक से वाशिँगटन डीसी, अमेरिका में रह रहे स्वामी जी इंटरनेशनल सोसायटी फॉर स्प्रिंचुयल एनवारमेंट (आइसा) से हजारों प्रवासी हिन्दुओं को जोड़कर सोशल मीडिया पर ऑन लाइन श्रीरामचरितमानस अखण्ड पाठ, सुंदर कांड व हनुमान चालीसा पाठ, भजन, व स्तुति आदि के माध्यम से सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति का दुनियाभर में भरपूर प्रचार - प्रसार कर रहे हैं।

स्वामी जी ने कैंची धाम तीर्थ यात्रा में सत्संग करते हुए कहा कि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई श्रीरामचरितमानस हिन्दू परिवारों के लिए संजीवनी है। घर के सभी लोगों को हनुमान चालीसा और एक सदस्य को प्रतिदिन रामचरितमानस का पाठ अवश्य करना चाहिए। इससे बच्चों से लेकर बड़ों तक के जीवन में संस्कारों का असर पड़ता हैं। स्वामी जी ने कैंची धाम में लेखक व वरिष्ठ पत्रकार सियाराम पाण्डेय ' शांत ' द्वारा लिखी ' बुलडोजर ' और ' मणिपुर की आग ' पुस्तक का विमोचन भी किया।

स्वामी जी के साथ कैंची धाम यात्रा में जो भक्त शामिल रहे उनमें स्वामी जी धर्मपत्नी श्रीमती श्रीमती अरुणा द्विवेदी, हनुमत् कृपा पत्रिका के संपादक नरेश दीक्षित, अशोक द्विवेदी एडवोकेट, आपकी खबर न्यूज पोर्टल के चेयरपर्सन राजीव, दस्तक भारत न्यूज चैनल के संपादक  अनुराग द्विवेदी, धर्मेंद्र सक्सेना, आचार्य रामू पाण्डेय, रमेश शर्मा, प्रदीप मिश्र, नरेंद्र द्विवेदी, अभिषेक द्विवेदी, नीलम दीक्षित, प्रियम् आदि प्रभुख हैं।