IGRS पर शब्दों की बाजीगरी दिखा रहा दरोगा ,खुद ही लिखा शिकायतकर्ता के असंतुष्ट होने की संभावना 

 
 

IGRS पर गलत रिपोर्ट लगाने में माहिर है दरोगा अंबुज शर्मा , पीड़िता ने लगाया आरोप 

-- जांच आख्या में जांच अधिकारी अंबुज शर्मा ने लिखा है कि आवेदक के संतुष्ट ना होने की पूर्ण संभावना है

-- पुलिस की मौजूदगी में मंदिर की सीढ़ी तोड़े जाने की IGRS शिकायत पर लगाया गलत रिपोर्ट 

-- मामला जनपद के थाना धानेपुर के धानेपुर बाजार, पूरब  गली कहारन टोला में स्थित मंदिर का है 

-- IGRS पर गलत रिपोर्ट लगा देने के विरुद्ध मोहल्ले के पांच लोगों ने पीड़िता के साथ नोटरी शपथ पत्र देकर किया उच्च अधिकारियों से संबंधित विवेचक की शिकायत की

गोण्डा । जनपद में कुछ पुलिस वाले अपनी वर्दी व पद का बेजा लाभ लेकर जिले के तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक की साख पर बट्टा लगाने का कार्य कर रहे हैं । जिससे जनपद में पीड़ित को न्याय मिलने के साथ साथ पुलिसिया कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं । विभाग में कुछ ऐसे जिम्मेदार लोग होते हैं जिन्हें आई जी आर एस के मामले में विवेचना की जिम्मेदारी दी जाती है उनमें से कुछ ऐसे अधिकारी /कर्मचारी होते हैं जो उस मामले में मौके की जांच किए बगैर बिना पीड़ित व आसपास के लोगों का बयान दर्ज किए उक्त मामले में अपनी रिपोर्ट लगाकर मामले का निस्तारण संबंधित पोर्टल पर कर देते हैं जिससे पीड़ित का स्थानीय पुलिस से विश्वास हट जाता है और उसे उच्च अधिकारियों के दरवाजे खटखटाने को यही पुलिसकर्मी मजबूर कर देते हैं और पीड़ित ने पाने की आस लिए कुछ अधिकारियों के दरवाजे महीना महीने खटखटाता रहता है । 

*क्या है पूरा मामला* --

प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद के थाना धानेपुर अंतर्गत धानेपुर बाजार के पूरब गली कहारन टोला निवासी संजू देवी पत्नी बालक राम सैनी ने स्थानीय दरोगा राम आशीष मौर्य आदि के मौके पर खड़े होकर मंदिर की सीढ़ी विपक्षियों द्वारा तोड़वा देने की आईजीआरएस पर किए शिकायत पर जांच अधिकारी थाने के उप निरीक्षक अंबुज शर्मा के विरुद्ध स्वयं द्वारा नोटरी शपथ पत्र के साथ मोहल्ले के ही कलावती पत्नी चिनगुद , सुशीला पत्नी लालबाबू , राम निवास पुत्र मोहन ,  राजेश कुमार तिवारी पुत्र चंद्र प्रकाश तिवारी व महेंद्र प्रताप नारायण पुत्र श्री राम के द्वारा दिए नोटिस शपथ पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी गोंडा , पुलिस अधीक्षक गोंडा , मंडलायुक्त देवीपाटन मंडल गोंडा , मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश व पुलिस महानिदेशक लखनऊ उत्तर प्रदेश को शिकायती पत्र देकर आईजीआरएस पर उप निरीक्षक अंबुज शर्मा द्वारा फर्जी वा झूठी मंघड़ंत रिपोर्ट लगाकर किए गए शिकायत का निस्तारण करने की शिकायत की है। दिए गए शिकायती पत्र में संजू देवी ने लिखा है कि प्रार्थिनी द्वारा आईजीआरएस संख्या 400183210 24741 पर दरोगा राम आशीष मौर्य आदि की मौजूदगी में मेरे विपक्षियों द्वारा मंदिर की सीढ़ी जबरन तोड़ने के संबंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए दिया था ।

जिस पर जांचकर्ता दरोगा अंबुज शर्मा द्वारा मेरे विपक्षियों से मिलीभगत करके मौके पर ना तो जांच करने गए बल्कि फर्जी मनगढ़ंत व गलत रिपोर्ट लगाकर उच्च अधिकारियों को गुमराह करते हुए मामले का निस्तारण कर दिया । संजू देवी ने बतलाया कि दिनांक 13 सितंबर 2021 को मंदिर पर आने जाने के लिए बनी सीढ़ी दरोगा राम आशीष मौर्य व दरोगा अंबुज शर्मा अपने एक अन्य सहयोगी के साथ मौके पर खड़े होकर हमारे विपक्षियों से कहकर सीढ़ी को तोड़ डाले हैं जिसका विरोध करने पर दरोगा राम आशीष मौर्या द्वारा मुझे गाली गलौज देते हुए मेरा जबरन बलपूर्वक हाथ पकड़कर घसीटते हुए मुझे मेरे कमरे में ले जाकर के अंदर धकेल दिया और बाहर से दरवाजा बंद कर सिटकनी  लगा दी अंदर में चिल्लाती रही। मेरा छोटा बच्चा बाहर रोता रहा। मंदिर का सीढ़ी टूट जाने के बाद किसी के द्वारा मेरे दरवाजे की सिटकनी खोली गई तब मैं बाहर निकली मंदिर की सीढ़ी  तोड़ने में जोड़ने ईट निकाली गई वह मेरे विपक्षियों द्वारा मेरे नीव के ऊपर रख दी गई है जो अब भी उसी तरह रखी हुई है । यह घटना संबंधित पुलिसकर्मियों के द्वारा मेरे विपक्षियों से जब कराई गई उस समय मैं घर पर अकेली थी मेरे पति व मेरे बच्चे घर से बाहर गए थे वह घर पर मौजूद नहीं थे । तभी से उपरोक्त दरोगा राम आशीष मौर्या व अंबुज शर्मा द्वारा मेरे ऊपर बराबर दबाव बनाया जा रहा है कि घर पर बैठ जाओ, इसमें कुछ ना करो नहीं तो मैं तुम्हें पूरे परिवार सहित कई मुकदमे में फंसा कर जेल भेज दूंगा वही जिंदगी भर सड़ोगी । तभी से मैं न्याय पाने के लिए सक्षम अधिकारियों का दरवाजा खटखटा रही हूं । पीड़िता संजू देवी ने दिए शिकायती पत्र में लिखा है कि आईजीआरएस पर तथ्यों के विपरीत गलत आख्या लगाकर निस्तारित करने व मेरे विपक्षियों के साथ मौके पर खड़े होकर मंदिर की सीढ़ी तुड़वाने वाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई किया जाए तथा  मंदिर पर आने जाने की सीढ़ी को पुनः उसी स्वरूप में बनवाया जाए । यदि प प्रार्थिनी को  अतिशीघ्र न्याय ना मिला तो धानेपुर पुलिस की प्रताड़ना के कारण प्रार्थिनी जिलाधिकारी कार्यालय गोंडा के सामने आत्मदाह करने के लिए विवश होगी । जिसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी।


क्या कहते हैं इस संबंध में जांच करने वाले धानेपुर थाना के उपनिरीक्षक अंबुज शर्मा -- 

पीड़िता संजू देवी के द्वारा आईजीआरएस संख्या 400 1832 102 474 1 पर गलत जांच रिपोर्ट लगाने की उच्च अधिकारियों से हुई शिकायत पर जांचकर्ता अंबुज शर्मा से दूरभाष पर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने दूरभाष पर बताया कि भैया वह आपके जानने वाले हैं उनकी पंचायत बड़े साहब के सामने आप कर चुके उसमें मुझे क्या कहना है। उनसे यह पूछे जाने पर कि पीड़िता संजू देवी द्वारा आईजीआरएस पर किए गए शिकायत की जांच रिपोर्ट में जो आपके द्वारा रिपोर्ट लगाकर के निस्तारण किया गया है उसका कहना है कि वह गलत है जिसकी शिकायत उसके द्वारा उच्च अधिकारियों से आपके विरुद्ध किया गया है इस पर आप क्या कहना चाहेंगे । उन्होंने कहा कि मैं फोन पर कुछ नहीं बतला सकता आमने-सामने बैठकर पूछिए तभी कुछ बताऊंगा वैसे मुझे जांच में मिला है वह मैंने अपने जांच रिपोर्ट में लिख दिया है । 
यह पूछे जाने पर कि जांच आख्या रिपोर्ट में आपने लिखा है कि आवेदक के संतुष्ट ना होने की पूर्ण संभावना है । क्या आपको अपने जांच आख्या रिपोर्ट पर यकीन नहीं है इस पर उन्होंने फोन कट कर दिया ।  
सवाल उठना स्वाभाविक है कि एक जांच अधिकारी  निष्पक्ष जांच करता है और वह खुद अपने जांच से संतुष्ट नहीं होता उसे  पूर्वाभास कैसे हो जाता है कि मेरी जांच अच्छा रिपोर्ट से आवेदक के संतुष्ट न होने की पूर्ण संभावना है यह अपने आप में एक यक्ष प्रश्न है और मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के द्वारा जनता को सुलभ और उनके द्वार पर ही उनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए बनाया गया आइजीआरएस पोर्टल पर संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा उच्च अधिकारियों को भ्रमित करते हुए रिपोर्ट लगाई जा रही है जिससे शिकायतकर्ता बार-बार अपनी शिकायत को लेकर उच्च अधिकारियों का दरवाजा खटखटाने को मजबूर हो जाता है ।
वैसे पीड़िता संजू देवी द्वारा हमारे संवाददाता को उपलब्ध कराया गया उच्च अधिकारियों को दिया गया शिकायती पत्र व मोहल्ले के कई लोगों के नोटरी शपथ पत्र के साथ उपरोक्त मामले में आईजीआरएस पर गलत रिपोर्ट लगाने के संबंध में पत्र तथा मंदिर के सीढ़ी को तोड़ने के बाद की फोटोग्राफ्स देखकर कोई भी व्यक्ति यह अंदाजा लगा सकता है कि उपरोक्त पीड़ित द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत सत्य है देखना यह है कि पीड़ित संजू देवी के द्वारा आईजीआरएस पर गलत रिपोर्ट लगाने की शिकायत उच्च अधिकारियों से करने के बाद संबंधित उच्च अधिकारी जिम्मेदार लोगों के ऊपर क्या कार्रवाई करते हैं ।