डॉ. आर.एम.एल.आइ.एम.एस में आज प्रो. (डॉ.) सी.एम.सिंह, निदेशक, के नेतृत्व में विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2024 मनाया गया

World No Tobacco Day 2024 was celebrated today at Dr. R.M.L.I.M.S under the leadership of Prof. (Dr.) C.M.Singh, Director
 
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ(आर एल पांडेय).विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर सामुदायिक चिकित्सा विभाग, डॉ. आरएमएलआईएमएस, लखनऊ द्वारा दंत चिकित्सा विभाग के साथ मिलकर कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की गई। यह कार्यक्रम "तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बच्चों की सुरक्षा" विषय पर केंद्रित था और रोगियों और उनके परिचारकों, स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों और छात्रों को तंबाकू महामारी के खतरों, रोकथाम रणनीतियों और तम्बाकू की लत छुड़ाने के तरीके के बारे में जागरूक किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत हॉस्पिटल ब्लॉक की ओपीडी में एमबीबीएस और नर्सिंग छात्रों द्वारा मनमोहक नुक्कड़ नाटक प्रदर्शन के साथ हुई। शहरी स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र यूएचटीसी, उजरियांव परभीनुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। छात्रों ने तंबाकू के उपयोग से संबंधित विभिन्न चिकित्सा और सामाजिक मुद्दों पर अभिनय किया और रोगियों और उनके परिचारकों के साथ बातचीत की और उनसे अपने परिचितों और प्रियजनों के बीच इस संदेश को फैलाने की अपील की। तंबाकू सेवन न करने की शपथ भी दिलाई गई।

एम.बी.बी.एस. और नर्सिंग छात्रों के लिए एक "स्लोगन लेखन" और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य उन्हें तंबाकू के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करना और उन्हें तंबाकू मुक्त समाज के लिए काम करने के लिए प्रेरित करना था। ओ पी डी क्षेत्र में पोस्टर और बैनर प्रदर्शित किये गये।

तम्बाकू के खतरों, निवारक रणनीतियों, तम्बाकू की लत छुड़ाने, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम और सी.ओ.टी.पी.ए अधिनियम के प्रावधानों पर ज्ञान को अद्यतन करने के लिए शिक्षकों, सीनियर और जूनियर डॉक्टर और छात्रों के लिए एक सी.एम.ई भी आयोजित की गई। नारालेखन, पोस्टर मेकिंग के विजेताओं और नुक्कड़ नाटक के प्रतिभागियों को कार्यक्रम के मुख्यअतिथि प्रो. (डॉ.) सी. एम सिंह, निदेशक, डॉ. आरएमएलआईएमएस द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए। इस अवसर पर डीन प्रो. (डॉ.) प्रद्युम्न सिंह, सी एम एस-प्रो. (डॉ.) ए के सिंह, एच

ओ डी- कम्युनिटी मेडिसिन, प्रो एस डी कांडपाल, आयोजन सचिव डॉ. मनीष कुमार सिंह और सह-आयोजन सचिव डॉ. शैली महाजन भी मौजूद थे

प्रोफेसर (डॉ). सी एम सिंह ने कहा, "विश्व तंबाकू निषेध दिवस तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है। उन्होंने इस वर्ष की थीम "बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना" पर विस्तार से बात की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि युवाओं में तंबाकू के उपयोग की प्रवृत्ति बढ़ रही है, क्योंकि तम्बाकू उद्योग ऐसे उत्पाद और विज्ञापन, रणनीति विकसित करता है जो बच्चों और किशोरों को पसंद आतेहैं, जो सोशल मीडिया और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से उन तक पहुंचते हैं। इसलिए, इन पर ध्यान देने की तत्काल आवश्यकता है"

डीन, प्रो. (डॉ.) प्रद्युम्न सिंह ने तंबाकू के उपयोग के खतरों और रोकथाम और तम्बाकू की लत छुड़ाने के प्रयासों के महत्व के बारे में निरंतर शिक्षा और जागरूकता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

से एम एस, प्रो. (डॉ.) एके सिंह ने स्वास्थ्य पेशेवरों के कर्तव्य के बारे में बताया कि वे उदाहरण पेश करें और तंबाकू मुक्त जीवन शैली की वकालत करें।

एच.ओ.डी सामुदायिक चिकित्सा-प्रो. (डॉ.) एस डी कांडपाल ने सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा में तंबाकू के उपयोग की रोकथाम और समाप्ति के महत्वपूर्ण महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने ऐसे वातावरण बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों का आग्रह किया जो स्वस्थ विकल्पों और तंबाकू की लत की पकड़ से मुक्त समाज का समर्थन करता हो
कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. मनीष कुमार सिंह ने तंबाकू महामारी के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल परिणामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तंबाकू के कारण हर साल विश्व स्तर पर 80 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है, जिसमें अनुमानित 13 लाख गैर-धूम्रपान करने वाले लोग भी शामिल हैं, जो सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आते हैं। वैश्विक स्तर पर कुल तंबाकू उपयोग कर्ताओं में से लगभग 40 प्रतिशत भारत और
चीन में हैं, भारत में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लगभग 26.7 करोड़ तंबाकू उपयोगकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिदिन लगभग 3500 मौतें तंबाकू के सेवन के कारण होती हैं। तम्बाकू में 7,000 से अधिक विषाक्त पदार्थ और 70 ज्ञात कार्सिनोजन होते हैं और यह शरीर के लगभग हर अंग को नुकसान पहुंचा सकता है।" उन्होंने तम्बाकू महामारी से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया।

डॉ. मुकेश मबतन हेलिया, राज्य नोडल अधिकारी राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी), उत्तर प्रदेश ने तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान परिचालन दिशा निर्देशों पर बात की। उन्होंने सीओटीपीए अधिनियम 2023 के प्रावधानों सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध, 18 वर्ष से कम उम्र के नाबालिगों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध और शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि के भीतर तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध पर भी बात की। उन्होंने कहा कि यूपी में धुआंरहित तंबाकू का सेवन एक बड़ी चिंता का विषय है, जिसका प्रचलन वयस्कों में लगभग 29 है। वे भारत सरकार की टोल फ्री हेल्पलाइन उन्होंने कहा कि जो लोग तंबाकू छोड़ना चाहते हैं 1800112356 पर सोमवार को छोड़कर सभी दिनसुबह 8 बजे से शाम 8 बजे के बीच संपर्क कर सकते हैं।

प्रोफेसर डॉ. शैली महाजन, विभागाध्यक्ष दंतचिकित्सा विभाग ने तंबाकू से जुड़े मुँह के घावों एवम मौखिक स्वास्थ्य पर तंबाकू के गंभीर प्रभाव और स्क्रीनिंग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

प्रो. (डॉ.) सूर्यकांत, विभागाध्यक्ष, श्वसन चिकित्सा विभाग, के०जी०एम०यू०, लखनऊ ने बताया कि विश्व भर में तम्बाकू उत्पाद एवं उपयोग के संबंध में भारत दूसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया की तम्बाकू के दूष्प्रभावों पर वह िपछले पांच वर्षों से भारत के प्रधानमंत्री एवं स्वास्थ्यमंत्री को पत्र लिखकर तम्बाकू के उत्पादन, भण्डारण तथा ब्रिकी पर रोक लगाने की मुहिम चला रहे हैं। दूसरी ओर इसके लिए दो कुतर्क दिये जाते हैं कि तम्बाकू उत्पाद से करोड़ों लोगों को रोजगार मिलता है तथा इससे काफी राजस्व की प्राप्ति होती है राजस्व की प्राप्ति एक मिथक ही है क्योंकि भारतीय वित्तमंत्रालय भारत सरकार 2015-2016 के आंकड़ों के अनुसार तम्बाकू के उत्पादों से प्रतिवर्ष 31,000 करोड़ रूपये अर्जित होते हैं जबकि हम 10,4500 करोड़ रूपये तम्बाकू के दुष्प्रभावों से हो रही प्रमुख बीमारियों पर खर्च कर देते हैं जैसे- फेफड़े का कैंसर, मुहँ का कैंसर आदि।

कार्यक्रम का समापन दंत चिकित्सा विभाग द्वारा रोगी के साथ ओरल कैंसर परामर्श और स्क्रीनिंग सत्र के साथ हुआ।

संस्थान के मीडिया-पी आर प्रकोश्ठ की सकिय भगीदारी रही प्रकोष्ठ से प्रोफसर ए.पी.जैन, मीडिया प्रवक्ता, मीना जौहरी, जन सम्पर्क अधिकारी निमिशा सोनकर, नोउल अधिकारी मीडिया-पी आर प्रकोश्ठ कार्यक्रम में उपस्थित रहे।