महिलाओं को सशक्त बनाना: पीसीओडीस्टेग्मटाइज्ड फाउंडेशन ने 'रन फॉर हर' मैराथन की मेजबानी की

Empowering women: PCODestagmatized Foundation hosts 'Run for Her' marathon
 

लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)। पीसीओएस जागरूकता माह के उपलक्ष्य में, पीसीओडीस्टेग्मटाइज्ड फाउंडेशन ने वंशती फर्टिलिटी के साथ मिलकर 22 सितंबर 2024 को सुबह 6:00 बजे से 7:30 बजे तक सामाजिक परिवर्तन प्रतीक स्थल पर 'रन फॉर हर' मैराथन का आयोजन किया, जिसमें 2,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ पद्मश्री अर्जुन पुरस्कार विजेता ओलंपियन श्रीमती सुधा सिंह, स्वामी मुक्तिनाथानंद जी महाराज, सचिव, रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम विवेकानंद पॉलीक्लिनिक और मेडिकल साइंसेज संस्थान, लखनऊ और कई अन्य सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया।

यह हाफ मैराथन तीन श्रेणियों में रहीं। इसमें तीन किलोमीटर(किमी), पांच किमी और 10 किमी की श्रेणियों वाली हाफ मैराथन की थीम 'रन फॉर हर' थी।  इसका उद्देश्य पीसीओडी के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। हर साल सितंबर को पीसीओएस जागरूकता माह के रूप मनाया जाता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को पीसीओडी के बारे में बताना और शिक्षित करना था, साथ ही स्वस्थ जीवनशैली और उज्जवल भविष्य को बढ़ावा देना था। रन फॉर हर सिर्फ एक दौड़ से कहीं ज़्यादा है। यह महिलाओं को सशक्त बनाने, ज्ञान फैलाने और बदलाव को प्रेरित करने का एक आंदोलन है। प्रतिभागियों को एक प्रमाण पत्र मिला और विजेताओं को नकद पुरस्कार दिए गए। 

पीसीओडीस्टेग्मटाइज़्ड फ़ाउंडेशन की संस्थापक डॉ. सीमा पांडेय ने पीसीओडी जागरूकता के महत्व पर जोर दिया कि पीसीओएस महिलाओं में सबसे आम हार्मोनल विकार है। जो 10% से 40% महिला आबादी को प्रभावित करता है। यह एक आजीवन बीमारी है। जो अक्सर गर्भ में शुरू होती है। किशोरावस्था के दौरान प्रकट होती है। इसका कारण अस्वस्थ जीवनशैली, पर्यावरण प्रदूषण और आनुवंशिक हो सकता है। इसका सटीक इलाज नहीं हैं। हालांकि कुछ जीवनशैली में बदलाव करके महिलाएं इसे नियंत्रित कर सकती हैं।

मैराथन 21 सितंबर को शुरू हुए दो दिवसीय पीसीओडी जागरूकता कार्यक्रम का हिस्सा था। पहले दिन पीसीओडी फोरम और एडवोकेसी, पीसीओडीस्टेग्मटाइज़्ड फ़ाउंडेशन का शुभारंभ और श्वेताम्भरी का आयोजन किया गया। 

पीसीओडी समुदाय को होने वाले लाभों पर चर्चा करते हुए, डॉ. सीमा ने कहा कि पीसीओडीस्टेग्मटाइज्ड फाउंडेशन यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि पीसीओडी से पीड़ित कोई भी व्यक्ति अकेला महसूस न करें। उसे आवश्यक सहायता मिले। जिसमें सही डॉक्टर का चयन करने, स्वस्थ भोजन की आदतें अपनाने और अपनी दिनचर्या में प्रभावी व्यायाम शामिल करने के लिए मार्गदर्शन शामिल है। फाउंडेशन महिलाओं के अनुभवों को साझा करने के लिए सुरक्षित स्थान बनाएगा। समुदाय को शिक्षित करने के लिए सूचनात्मक वीडियो, शोध पत्र और ब्लॉग विकसित करेगा और आम चिंताओं को दूर करने के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों की एक व्यापक सूची प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, संसाधनों और सहायता तक पहुंच को सुव्यवस्थित करने के लिए एक समर्पित ऐप लॉन्च करने की योजनाएं चल रही हैं। साथ ही उन लोगों को सहायता प्रदान करने की योजना भी है जो उपचार का खर्च नहीं उठा सकते हैं। यह सुनिश्चित करते हुए कि वित्तीय बाधाएं व्यक्तियों को मदद लेने से न रोकें। इन प्रयासों के माध्यम से, फाउंडेशन का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और पीसीओडी से प्रभावित लोगों के बीच समुदाय की भावना को बढ़ावा देना है।