सभी को अपने माता पिता एवं शिक्षकों से अवश्य ही संवाद करना चाहिए
कार्यक्रम का शुभारम्भ प्राचार्य प्रो. विनोद चंद्रा के उद्बोधन द्वारा हुआ । प्रो. चंद्रा ने छात्र छात्राओं को आत्महत्या से संबंधित कारणों की व्याख्या करते हुए बताया कि, जब व्यक्ति समाज में स्वयं को अकेला महसूस करता है और बात करने के लिए अपने आस पास कोई व्यक्ति नही पाता है, तो ऐसी स्थिति में उसकी आत्महत्या के प्रति प्रवृत्ति बढ़ने लगती है।
ऐसे में सभी को अपने माता पिता एवं शिक्षकों से अवश्य ही संवाद करना चाहिए । संवाद कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ के रूप उपस्थित प्रो. अंशुमालि शर्मा ने विद्यार्थियों को आत्महत्या और ऐच्छिक मृत्यु जैसे विषय पर अंतर को समझाया और बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को आत्महत्या की अनुमति नहीं दी जा सकती है ।
शिक्षाशास्त्र विभाग की अध्यक्ष प्रो. रश्मि सोनी ने समस्याओं का वास्तविक उदाहरण देते हुए समाधान प्रस्तुत किया। डॉ मनीष मिश्रा , डॉ. वंदना सिंह एवं डॉ. समन खान ने विद्यार्थियों से उनके जीवन में चल रही समस्याओं के संदर्भ में प्रश्न पूछे और उनके समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करते हुए उनको जीवन में चल रहे संघर्षों से लड़ने के लिए प्रेरित किया । कार्यक्रम का संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ मनीष मिश्रा ने किया । संवाद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित रहकर विद्यार्थियों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया एवं मुक्त हृदय से अपने मन की बात रखी।