पहली बार कांग्रेस का घोषणा पत्र देश की जनता ने तैयार किया है जिसका नाम ‘‘न्याय पत्र’’ रखा गया है

For the first time, the manifesto of Congress has been prepared by the people of the country, which has been named “Nyaya Patra”.
 

उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ( आर एल पाण्डेय)। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव प्रभारी उत्तर प्रदेश  अविनाश पाण्डेय  ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी इस लोकसभा चुनाव में 5 न्याय ( हिस्सेदारी न्याय, किसान न्याय, श्रमिक न्याय, युवा न्याय, नारी न्याय ) के तहत 25 गारंटियों के माध्यम से देश की तस्वीर बदलने का संकल्प लेती है। प्रेस वार्ता में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय, अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रवक्ता एवं उ0प्र0 कांग्रेस मीडिया प्रभारी अभय दुबे, राज्यसभा सांसद  प्रमोद तिवारी, कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना, पूर्व मंत्री  नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व मंत्री मीडिया चेयरमैन डॉ0 सी0पी0 राय, प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक प्रसाद, सुशील पासी, संगठन महासचिव  अनिल यादव, मीडिया विभाग के वाइस चेयरमैन मनीष श्रीवास्तव हिंदवी, प्रदेश प्रवक्ता पुनीत पाठक, प्रियंका गुप्ता, डॉ0 सुधा मिश्रा, सहित आदि कांग्रेसजन मौजूद रहे।

श्री पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी किया गया न्याय पत्र आप सभी सम्मानित पत्रकारों के सम्मुख रखा जा रहा है। आज यूपी के लिए इस न्याय पत्र की प्रासंगिकता सर्वाधिक है। बीते वर्षों में भाजपा की यूपी और केंद्र सरकार ने देश और प्रदेश के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक और संवैधानिक ताने बाने को तहस नहस कर दिया है। किसानों को आमदनी से, युवाओं को रोजगार से, महिलाओं को सुरक्षा के भाव से और समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को समृद्धि से वंचित कर दिया है। 

 अविनाश पाण्डेय ने कहा कि कुछ मुट्ठी भर लोगों को बेपनाह दौलत दी गई और देश के वंचित वर्ग को अन्याय और अत्याचार के दलदल में धकेल दिया गया है। कांग्रेस पार्टी संकल्प लेती है कि भाजपा के इस अन्याय को खत्म कर हम इंडिया गठबंधन के न्याय का राज स्थापित करेंगे। 
 अविनाश पाण्डेय  ने बताया कि कांग्रेस हिस्सेदारी न्याय के तहत कांग्रेस पार्टी जातीय जनगणना करायेगी तथा एस0सी/एस0टी0 एवं ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित सभी रिक्त पदों को एक साल में भरा जायेगा। कांग्रेस सरकार बनने पर संविदा कर्मियों का नियमितीकरण होगा। साथ ही अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, नौकरी, आदि में बिना किसी भेदभाव के उचित अवसर प्रदान किये जायेंगे।उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य न्याय के तहत देश के नागरिकों के लिए 25 लाख रुपये तक के निःशुल्क इलाज के लिए कैशलेस बीमा योजना लागू की जायेगी।साथ ही स्वास्थ्य के लिए बजट आवंटन को बढ़ाकर जी0डी0पी0 के चार प्रतिशत तक किया जायेगा।

श्री पाण्डेय ने युवा न्याय पर अपनी बात रखते हुए बताया कि युवा न्याय के तहत पहली नौकरी पक्की गारंटी- 25 वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक डिप्लोमा धारक या स्नातक के लिए एक साल का प्रशिक्षुता (APPRENTICESHIP)  कार्यक्रम एक लाख रूपये प्रतिवर्ष के मानदेय के साथ दिया जायेगा। सरकार बनने पर केन्द्र सरकार में 30 लाख रिक्त पदों को भरा जायेगा। स्टार्ट-अप के लिए प्रत्येक जिले में लगभग 5000 करोड़ रूपये का आवंटन किया जायेगा। सभी सरकारी परीक्षाओं के लिए आवेदन शुल्क समाप्त किया जायेगा। 15 मार्च 2024 तक के सभी छात्रों के शैक्षिक ऋण माफ कर दिये जायेंगे। कक्षा 1 से 12 तक की शिक्षा निशुल्क एवं अनिवार्य की जायेगी।

श्री नारी न्याय पर रोशनी डालते हुए श्री अविनाश पाण्डेय जी ने कहा कि महालक्ष्मी योजना के अन्तर्गत प्रत्येक गरीब परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला के खाते में प्रतिवर्ष एक लाख रुपये स्थानांतरित किया जायेगा। महिला आरक्षण के नाम पर भाजपा सरकार द्वारा किये गये छल को समाप्त कर 2025 से की सीटों पर आरक्षण लागू किया जायेगा। साथ ही केंद्र सरकार की 50 प्रतिशत नौकरियों को महिलाओं के लिए आरक्षित किया जायेगा।

किसान न्याय पर बात करते हुए श्री पाण्डेय  ने बताया कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी दी जायेगी। फसल बीमा योजना को किसान हितैषी बनाकर दावों का निपटारा 30 दिनों के भीतर किया जायेगा। कृषि इनपुट जैसे कृषि यंत्रों, खाद इत्यादि पर जीएसटी नहीं लगेगा।श्रमिक न्याय पर बोलते हुए राष्ट्रीय महासचिव प्रभारी उत्तर प्रदेश  अविनाश पाण्डेय ने बताया कि देश में कांग्रेस सरकार बनने पर सभी श्रमिकों को प्रतिदिन 400 रूपये न्यूनतम राष्ट्रीय वेतन की गारंटी दी जायेगी। गिग और असंगठित श्रमिकों के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए कानून बनाया जायेगा। मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ाकर 400 रूपये प्रतिदिन की जायेगी। पत्रकारों को राज्य की बलपूर्वक कार्यवाही से बचाने के लिए कानून बनाया जायेगा। सेंसरशिप के नाम पर राज्य को बेलगाम शक्तियां देने वाले सभी अधिनियमों में संशोधन किया जायेगा।