गीता हमारे जीवन केे लिए अध्यात्मिक मार्ग प्रशस्त करती है - विमला बहन
 

Gita paves the spiritual path for our life - Vimala Behan
 
शाहजहांपुर (अम्बरीष कुमार सक्सेना)  पूज्य विनोबा जी ने सन 1932 में महाराष्ट्र की धुलिया जेल में 18 अध्यायों की गीता को 18 रविवारों में कहा जो गीता इतनी कठिन थी उसकों जनसामन्य की भाषा में बताने का कहानियों के माध्यम से किया है। हर अध्याय में एक दो कहानियां है। जो जीवन के लिए सुन्दर मार्ग प्रषस्त करती हैं। 


उक्त विचार विनोबा सेवा आश्रम के अहिंसा प्रेक्षाग्रह में तीन दिवसीय गीता स्वाध्याय शिविर के समापन अवसर पर जमुनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित विमला बहन ने व्यक्त करते हुए कहा कि पवनार की धरती से गीता प्रवचन के प्रति समझ का जो संचार हुआ है वह निरंतर बढता ही जा रहा है गीता में जीवन की हर समस्या का हल दिखायी पड रहा

है। व्यक्ति के स्वाधर्म से लेकर उसके समपर्ण तक की सभी प्रक्रियें गीता के अध्यायों में दिखायी पढती है। गीता किसी उम्र की कायल नहीं है। वह उम्रदराज व्यक्ति को भी जितना ज्ञान देती है उतनी ही रूचिकर गीता विद्यार्थीयों के लिए भी है। यह शिविर विनोबा सेवा आश्रम का इसी बात की पुष्टी करता है। जो चालिस लडकीयां इस शिविर में तीन दिन में गीता को समझनें का प्रयास की है। उनके जीवन में अंतर दिखायी पढ रहा है। 


विनोबा विचार प्रवाह से जुडे संजय राय जी ने इन बहनों से बात करते हुए कहा गीता से आपने क्या सीखा है तो गीता प्रवचन का प्रथम बार नाम सुननंे वाली बहनों ने कहा हम रोज गीता प्रवचन पुस्तक का  स्वाध्याय करेंगे। यह भी संकलप जाहिर किया कि हम एक दूसरे को रामहरि कहेंगे। बहनों ने खुद स्वीकार किया गीता प्रवचन से हमारे जीवन में कुछ अंतर आना शुरू हुआ है। 


क्योंकि समापन विनोबा जयंती के दिवस पर हो रहा है इसलिए आश्रम के शिक्षा संकुल से जुडी समस्त बालिकाओं ने समापन में भाग लिया। सभी को आशीर्वाद देते हुए रमेष भइया ने कहा विनोबा विचार प्रवाह कि ओर से इन सभी चालिस बहनों को जो बारहवीं कक्षा की विद्यार्थी है। सभी को गीता प्रवचन पुस्तक दी गयी है जिससे यह घर पर स्वाध्याय कर सकंेगी। इनके अंदर गीता स्वाध्याय के प्रति रूचि पैदा होना ही हमारी सफलता है। 


अंत में गीता स्वाध्याय शिविर की संयोजक ललिता बहन ने कहा कि हम सब सौभाग्य शाली है। कि विनोबा जी के आश्रम से जुडे हैं। वो एक महापुरूष थे। उनका जीवन अत्यंत पावन था। रमेश भइया और विमला दीदी हम सबके लिए विनोबा के प्रतीक है। आप सभी से प्रतिमाह गीता के बारे में एक टेस्ट लिया जाया करेगा।आज इन सब बालिकाओं का सौभाग्य रहा कि साबरमती आश्रम गुजरात के अध्यक्ष जयेश भाई पटेल , राष्ट्रीय युवा योजना के संचालक अजय पांडे, सुघड के संमन्वयक  देवेन्द्र भाई जय जगत सेवा आश्रम के अमित भाई आदि सभी ने पवनार केे अनुभव सुनाते हुए आशीर्वाद दिया। सभी ने विनेाबा जी के चरणों में नमन किया।  स्वाध्याय शिविर को दिव्या श्रीवास्ताव , शीना शर्मा, अल्का पांडे , कमला सिंह ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर शिवांगी, रजनी सिंह, संगीता शमा, फयमा, दिव्यांसी, शान्ती, रोशनी, सलोनी, उपासना आदि बालिकाओं ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किये।