Hina Khan Prays To Lord Ganesh : हिना की 'गणेश भक्ति' पर गुस्साए कट्टरपंथी

Hina Khan Prays To Lord Ganesh | Know Why Mullas Got Angry? Viral Bhayani
 
 
Hina Khan Prays To Lord Ganesh :हिना खान. टेलीविज़न की दुनिया की एक नायाब अदाकारा. इन्हें भला कौन नहीं जानता.'ये रिश्ता क्या कहलाता है' सीरियल से इन्होंने घर-घर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. फिलहाल ये कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ाई लड़ रही हैं. हिना को स्टेज 3 का कैंसर है और ये अब तक कीमोथेरेपी के पांच सेशंस करा चुकी हैं. लेकिन इनके साथ जो कुछ हुआ है, वो बहुत अच्छा हुआ. अरे एक मिनट, ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, ये बोल तो कुछ कट्टरपंथी जमात के लोगों के हैं. क्या है पूरा मामला चलिए आपको बताते हैं.

 

 सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा 

आप जानते हैं कि गणेश उत्सव की शुरुआत हो चुकी है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें हिना खान गणपति के दरबार में हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हुई दिखाई दे रही हैं. ये वीडियो वायरल भयानी ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर डाला है... लेकिन जब आप इस वीडियो के कोमेंट सेक्शन में जाएंगे, तो आपको पता चल जाएगा कि हमारे देश में नफरती जमात कितनी ज़्यादा एक्टिव है.

 शायद इसीलिए अल्लाह का अज़ाब नाज़िल हुआ है

ये कुछ कोमेंट्स हम आपको दिखा रहे हैं जिन्हें पढ़ कर आपको हैरत होगी. अफ्फि अली नाम के एक इंस्टाग्राम यूजर कोमेंट करते हैं कि शायद इसीलिए अल्लाह का अज़ाब नाज़िल हुआ है इस पर... दरअसल ये कहना चाह रहे हैं कि हिना खान को कैंसर जैसी घातक बीमारी ने इसलिए जकड़ा है क्योंकि वो मूर्ति पूजा करती हैं. वहीं आयज़ा अफ़ज़ल लिखती हैं कि अगर ये नमाज़ पढ़ कर अल्लाह के करीब होतीं तो शायद इसे अज़ाब नहीं मिलता. ठीक इसी तरह बहुत से कट्टरपंथी लोगों ने हिना की बीमारी को लेकर उन्हें ट्रॉल करने की कोशिश की है... बाकी अस्तगफिरुल्लाह वाले कोमेंट्स तो आपको बहुत से मिल जाएंगे.

लेकिन ये बात इन्हें तब मालूम हो जब ये कुरान पढ़ें

मेरा नाम आमीना दाउद है. मैं भी एक मुस्लिम हूं. लेकिन जब मैं इस तरह के कॉमेंट्स पढ़ती हूं तो बस यही सोचती हूं. (Arshad Warsi Meme- Kon Hain Ye Log Kahan Sey Aatey Hain Ye Log) कसम से बहुत हैरान भी होती हूं और बहुत गुस्सा भी आती है. ये लोग ये छोटी सी बात नहीं जानते कि इस्लाम में दूसरे धर्मों का एहतराम करना, उनकी इज़्ज़त करना सिखाया जाता है. लेकिन ये बात इन्हें तब मालूम हो जब ये कुरान पढ़ें, लेकिन नहीं इन्हें कुरान का इस्लाम नहीं, कुछ नफरती मुल्लों का इस्लाम ज़्यादा समझ आता है. क्या इनका ईमान इतना कमज़ोर है कि दूसरे मज़हब के त्योहारों में शरीक हो जाने से खतरे में पड़ जाता है? मतलब हद ही है बिल्कुल.

 सही गलत का फैसला करने का हक सिर्फ अल्लाह या ईश्वर को ही है

 हिना खान पहले ही तकलीफ में हैं, उनकी तकलीफों में उनको पॉज़िटिव फील कराने पर लोग ज़्यादा फोकस करें तो ये हिना और आपके लिए भी अच्छा होगा. क्योंकि सही गलत का फैसला करने का हक सिर्फ अल्लाह या ईश्वर को ही है. आपका ईमान आपके साथ और औरों का ईमान उनके साथ. उम्मीद करती हूं कि नफरत करने वाले लोगों को अक्ल आए और वो अपनी आदतों से बाज़ आएं.

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