14वीं मिडटर्म इंटरवेंशनल मीटिंग में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने राज्य में और अधिक हृदय रोग विशेषज्ञों की आवश्यकता पर जोर दिया

In the 14th Midterm Interventional Meeting, specialist doctors stressed the need for more cardiologists in the state
 

लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)। उत्तर प्रदेश चैप्टर ऑफ कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (CSI) द्वारा आयोजित 14वीं मिडटर्म इंटरवेंशनल मीटिंग लखनऊ में आयोजित की गई। यह बैठक UPCSI के अध्यक्ष प्रो. नवीन गर्ग (SGPGI), UPCSI के सचिव प्रो. भुवन चंद्र तिवारी (डॉ. आरएमएलआईएमएस), और आयोजन सचिव के रूप में डॉ. अवधेश कुमार शर्मा (एलपीएस आईसी, कानपुर) के नेतृत्व में आयोजित की गई।

इस एक दिवसीय सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञों के साथ-साथ पूरे राज्य के resident डॉक्टरों ने भी भाग लिया। बैठक में 60 से अधिक प्रस्तुतियाँ दी गईं और चर्चा की गई। इन प्रस्तुतियों का मुख्य उद्देश्य इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना और रोगियों के उपचार परिणामों में सुधार करना था।

सम्मेलन के दौरान चर्चाओं में बुनियादी एंजियोप्लास्टी प्रक्रियाओं से लेकर जटिल हस्तक्षेपों तक के विभिन्न विषय शामिल थे।

इन्द्रावस्क्युलर अल्ट्रासाउंड (IVUS), ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (OCT), और फ्रैक्शनल फ्लो रिजर्व (FFR) जैसी कई इमेजिंग तकनीकों पर भी व्यापक चर्चा की गई, जिससे प्रतिभागियों को निदान की सटीकता और रोगी देखभाल में सुधार के लिए इनकी उपयोगिता और लाभों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई। इस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए और इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के भविष्य को आकार देने वाली नवीन तकनीकों को प्रस्तुत किया।

UPCSI के अध्यक्ष डॉ. नवीन गर्ग ने अपने संदेश में इस तरह के सम्मेलनों को ज्ञान साझा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञों से लेकर नए डॉक्टरों तक, हर कोई यहां से कुछ न कुछ सीख कर जाएगा, जिससे उनकी प्रैक्टिस में सुधार होगा। UPCSI के सचिव डॉ. भुवन तिवारी ने इस सम्मेलन में व्यापक भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि विशेष रूप से इंटरवेंशनल प्रक्रियाओं को सही तरीके से करने के बारे में निवासी
resident डॉक्टरों के लिए यह एक बड़ी सीख है। UPCSI के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आदित्य कपूर और डॉ. एस. के. द्विवेदी dr Rishi Sethi ने भी अपने महत्वपूर्ण विचार रखे। उन्होंने राज्य में और अधिक हृदय रोग विशेषज्ञों की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे उन्नत बुनियादी ढांचे की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके, जिसे सरकार बड़े पैमाने पर समर्थन दे रही है। इस सम्मेलन ने सहयोग और सीखने का एक सफल वातावरण तैयार करने में सफलता प्राप्त की और भविष्य में आयोजित होने वाली बैठकों के लिए एक मापदंड स्थापित किया, जिसका
उद्देश्य उत्तर प्रदेश में हृदय रोग के क्षेत्र में प्रगति को बढ़ावा देना है।
सभी ने आयोजन सचिव डॉ. अवधेश शर्मा के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने इस बैठक को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। बैठक में वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञों जैसे प्रो. पी. के. गोयल, प्रो. नाकुल सिन्हा, प्रो. रमेश ठाकुर, प्रो. एम.यू. रब्बानी, प्रो. आर.के. सरन, और प्रो. उमेश्वर पांडे, ने भाग लिया।