भारत में आत्मनिर्भर तरीके से न्यूक्लियर साइंस एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में लहराता परचम “ - प्रोफेसर बीएन जगताप

The flag is flying in the field of nuclear science and technology in a self-reliant manner in India - Professor BN Jagtap
 
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ ( आर एल पाण्डेय )। देश में परमाणु ऊर्जा के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने ,इससे जुड़ी भ्रांतियां को दूर करने एवं विद्यार्थियों को परमाणु वैज्ञानिक बनने हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से इंडियन न्यूक्लियर सोसाइटी एंड (आई एन एस), मुंबई द्वारा , लखनऊ में पहली बार विद्यार्थियों के लिए देश के वरिष्ठ एवं विशिष्ट परमाणु वैज्ञानिकों के साथ संवाद स्थापित करने हेतु 26 अप्रैल 2024 को एल्डिको  स्थित पायनियर मोंटेसरी स्कूल में एक विशेष जन- जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।

इस अवसर पर कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड ( एन. पी. सी. आई. एल.) के निदेशक(टेक्निकल )  श्री वी राजेश ने कहा कि  “ परमाणु ऊर्जा भविष्य की ऊर्जा है और इसमें अपार संभावनाएं हैं। इस से स्वच्छ, हरित, सुरक्षित एवं किफायती तरीके से बिजली का उत्पादन करके कार्बन का उत्सर्जन कम किया जा सकता है और वर्ष 2070 तक भारत द्वारा नेट- जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में इसका महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।

इसके साथ ही अपने भाषण में आई एन एस के अध्यक्ष एवं भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र( बी. ए.आर. सी. ),मुंबई से सेवानिवृत देश के प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक डॉक्टर बी एन जगताप ने भारत में आत्मनिर्भर तरीके से न्यूक्लियर साइंस एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हो रही उत्तरोत्तर वृद्धि के बारे में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को अवगत करवाया ।इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह से आई एन एस देशभर में लोगों को परमाणु ऊर्जा के महत्वपूर्ण आयाम के बारे में बताने एवं लोगों को इसके बारे में जागरूक एवं शिक्षित करने के उद्देश्य से इसी प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है ।

इस मौके पर बी. ए. आर. सी. , भारत सरकार के पूर्व विशिष्ट वैज्ञानिक डॉक्टर इंदिरा प्रियदर्शिनी विद्यार्थियों के साथ चर्चा करते हुए न्यूक्लियर साइंस एवं टेक्नोलॉजी एवं खास तौर पर रेडिएशन से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण विषयों जैसे एग्रीकल्चर, स्वास्थ्य ,जलवायु ,परिवर्तनों एवं खाद्यान्न प्रसंस्करण में इसकी उपयोगिता के बारे में चर्चा की ।इसके अलावा उन्होंने भविष्य में परमाणु ऊर्जा द्वारा लोगों के जीवन स्तर को और भी अधिक बेहतर बनाने के उद्देश्य से परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा किए जा रहे नए-नए अनुसंधानों के बारे में भी जानकारी प्रदान की। परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद (ए. ई. आर. बी.) से आए हुए श्री सत्यवान बंसल द्वारा बताया गया कि किस तरह से एईआरबी भारत में परमाणु और विकिरण सुविधाओं के लिए लाइसेंस / अनुमतियां प्रदान करता है जिससे सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।

इस अवसर पर परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत कार्यरत न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (एन. पी. सी. आई. एल) से इस विद्यालय के पूर्व छात्र रहे उप- महाप्रबंधक (मीडिया), श्री अमृतेश श्रीवास्तव ने सभी आगंतुकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में आज विभिन्न स्थानों पर 24 न्यूक्लियर पावर प्लांट्स कार्यरत हैं जिनसे 8180 मेगावाट क्षमता पर शुद्ध, हरित, सुरक्षित एवं किफायती तरीके से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि परमाणु ऊर्जा से बिजली उत्पादन की दिशा में आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में कुछ दिन पूर्व 31 मार्च, 2024 को गुजरात राज्य में स्थित भारत के सबसे बड़े और विशालकाय स्वदेशी तकनीक पर आधारित काकरापार परमाणु विद्युत परियोजना की 700 मेगावाट विद्युत क्षमता वाली प्रेशराइज्ड हैवी वॉटर रिएक्टर अर्थात पी एच डब्लू आर प्रौद्योगिकी पर आधारित दूसरी स्वदेशी इकाई, केएपीपी-4 का पूरी क्षमता के साथ व्यावसायिक प्रचलन शुरू हो गया और भविष्य में और भी अधिक परमाणु रिएक्टरों के लगने से भारत में स्वच्छ और हरित तरीके से बिजली की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सकेगा। इसके अलावा उन्होंने एनपीसीआईएल के द्वारा बेहद सुरक्षित तरीके से संचालित सभी परमाणु बिजली घरों के ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में भी चर्चा की ।

इस अवसर पर लगभग 800 विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने मुंबई से आए हुए परमाणु वैज्ञानिकों से परमाणु ऊर्जा की उपयोगिता एवं भविष्य में इसके योगदान पर जानकारी हासिल की । कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए विद्यालय के प्रबंधक श्री बृजेंद्र सिंह एवं प्रधानाचार्या श्रीमती शर्मिला सिंह ने मुंबई से आए सभी अतिथियों का स्वागत किया और इस तरह के जागरूकता पूर्ण आयोजन को पायनियर मोंटेसरी स्कूल में करने हेतु धन्यवाद दिया। 
कार्यक्रम की समाप्ति पर आईएनएस की तरफ से श्री ओ पी राय ने विद्यालय को सफलतापूर्वक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए धन्यवाद प्रेषित किया।