धनराशि वास्तविक जन्मभूमि राजापुर गोण्डा के लिये सदुपयोग किया जाना न्यायोचित होगा: स्वामी भगवदाचार्य

It would be justified if the money is used for the actual birthplace Rajapur Gonda: Swami Bhagvadacharya
 
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)। स्वामी भगवदाचार्य ने कहा कि श्रीरामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी का  जन्मस्थान राजापुर सूकरखेत जनपद गोण्डा में स्थित है। तुलसी जन्मभूमि के सन्दर्भ में राजापुर गोण्डा, दूसरा राजापुर जनपद बांदा वर्तमान चित्रकूट तीसरा सोरो एटा का विवाद लंबित है। सरकारी कागजातों में वास्तविक जन्मस्थान की जगह गलत जन्मस्थान दर्ज चला आ रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राजापुर चित्रकूट को गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली के रूप में विकसित करने के लिए मु० 21.00 करोड़ रूपये की स्वीकृत प्रदान की गई तथा स्वीकृति धनराशि से मु० 4.50 लाख रूपये विकास हेतु जारी कर दिये गये हैं जबकि गोस्वामी तुलसीदास का वास्तविक जन्मस्थान राजापुर सूकरखेत गोण्डा में है।


तुलसी जन्मभूमि राजापुर गोण्डा में गोस्वामी तुलसीदास का जन्म हुआ था। उनके पिता आत्माराम दुबे जिनके नाम आज भी भू-राजस्व अभिलेखों में राजस्व गांव राजापुर में आत्माराम टेपरा के नाम भूमि दर्ज है। अवधी भाषा सूकरखेत, जग बहराइच जाय तथा तुलसी तिहारों घर जायो है। आदि आत्मकथ्य तुलसी जन्मभूमि के प्रबल साक्ष्य हैं, फिर भी पाठ्य-पुस्तकों व धार्मिक पुस्तकों में तुलसीदास जी का जन्मस्थान गलत ढंग से प्रकाशित है जो पूर्णतया तथ्यों एवं साक्ष्यों के विपरीत है। उसे समाप्त किया जाना वैधानिक आवश्यकता है ताकि सर्वमान्य गोस्वामी तुलसीदास का जन्मस्थान राजापुर जनपद गोण्डा घोषित करते हुये कायम किया जा सके

. मतान्तर व विभिन्नता समाप्त हो सके। इस सन्दर्भ में ग्राम राजापुर वि०ख० परसपुर, तह. करनैलगंज जनपद गोण्डा को महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्मस्थान घोषित करने हेतु प्रार्थी ने एक घोषणात्मक वाद न्यायालय श्रीमान सिविल जज (जुडी ०) महोदय गोण्डा डॉ स्वामी भगवदाचार्य बनाम उ०प्र० सरकार आदि संस्थित कर दिया है जोकि न्यायालय के समक्ष लंबित है। गोस्वामी तुलसीदास जी के जन्मस्थल के तथ्य वादग्रस्त होने के कारण राजापुर चित्रकूट के विकास के लिए शासन द्वारा स्वीकृत धनराशि व उस परिप्रेश्य में जारी की गयी धनराशि यथार्थ रूप से गोस्वामी तुलसीदास जी के जन्मस्थान के निमित्त व्यय होने में शंका है।

अतः यह कहा जाना कि उक्त धनराशि महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी के जन्मस्थान के विकास हेतु निर्गत किये जा रहे है तो यह निश्चित रूप से अनुचित एवं उद्देश्य विहीन होगा। अतएव गोस्वामी तुलसीदास जी की जन्मस्थली के रूप में स्वीकृत धनराशि का निर्गमन अथवा जारी करने पर रोक लगाया जाना न्यायोचित होगा। उक्त धनराशि बास्तविक जन्मभूमि राजापुर गोण्डा के लिये सदुपयोग किया जाना न्यायोचित होगा। इस सम्बन्ध में मा० मुख्यमंत्री उ०प्र०, मुख्य सचिव, सचिव पर्यटन और सचिव वित्त एवं राजस्व को भी सूचित किया जा चुका है।