क्रांतिकारी किसान यूनियन की मांगें: टाटा मोटर्स द्वारा शर्तों का उल्लंघन

Demands of Revolutionary Kisan Union: Violation of terms by Tata Motors
 
लखनक डेस्क (आर एल पाण्डेय)। तहसील सदर लखनऊ कृषि भूमि अधिग्रहण के संदर्भ में क्रांतिकारी किसान यूनियन ने उप जिलाधिकारी महोदय को पत्र लिखकर मेसर्स टाटा मोटर्स द्वारा किसानों की जमीनों के अधिग्रहण में किए गए वादों का पालन न करने की समस्या उठाई है।

अधिग्रहण की शर्तें और किसानों की पीड़ा

किसानों की जमीनों का अधिग्रहण यू. पी. एस. आई. डी. सी. के माध्यम से किया गया था, जिसमें कई शर्तें तय की गई थीं। संगठन ने आरोप लगाया है कि इन शर्तों का उल्लंघन हो रहा है, जिससे किसानों की स्थिति दयनीय हो गई है। 

1. नौकरियों का वादा
   अनुबंध के अनुसार, जिन किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया, उन्हें एक या दो सदस्यों को स्थायी नौकरी देने का वादा किया गया था। लेकिन अभी तक किसी भी किसान परिवार को नौकरी नहीं दी गई है।

2. बुनियादी सुविधाओं की कमी
   अधिग्रहित गांवों में विकास कार्यों जैसे शिक्षा, सड़कें, जल निकासी, सामुदायिक केंद्र, अस्पताल और स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था का वादा किया गया था, जो पूरी तरह से अधूरा है।

3. मुआवजे का न मिलना
   किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है, जबकि अनुबंध के अनुसार 15 प्रतिशत ब्याज के साथ मुआवजा देने का वादा किया गया था। अन्य सरकारी संस्थाएं किसानों को लाभ पहुंचाने में सफल रही हैं, परंतु टाटा मोटर्स और यू. पी. एस. आई. डी. सी. ने कोई सुविधा नहीं दी है।

4. शिक्षा का अभाव
   किसानों के बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए स्कूल और कॉलेज बनाने का कोई प्रयास नहीं किया गया है, जिससे उन्हें सस्ती और अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है।

किसानों की समस्याओं का समाधान आवश्यक

क्रांतिकारी किसान यूनियन ने उप जिलाधिकारी से आग्रह किया है कि किसानों की समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए। संगठन ने अपनी आवाज उठाई है कि अगर ये मुद्दे तुरंत नहीं सुलझाए गए, तो किसानों का आक्रोश और बढ़ सकता है। 

किसानों के अधिकारों की रक्षा और उनके विकास के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की गई है, ताकि वे अपनी उपजिविका को सुरक्षित रख सकें।