भगवान राम के आदर्श समाज व देश के लिए अनुकरणीय हैं:नवनीत गुप्ता
अम्बरीष कुमार सक्सेना ने कहा कि राम लीला का भारतीय संस्कृति में एक विशेष महत्व है। यह एक नाट्य प्रदर्शन है जो भगवान राम के जीवन, उनके आदर्शों और उनके द्वारा स्थापित मर्यादा पर आधारित होता है। और इसमें रामायण के प्रमुख प्रसंगों को नाटकीय रूप से प्रस्तुत किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य धार्मिक शिक्षा, सदाचार और धर्म की स्थापना को लोगों तक पहुंचाना है।
राम लीला भगवान राम के जीवन की कथा को जीवंत रूप से प्रस्तुत कर धार्मिक प्रेरणा प्रदान करती है और लोगों में नैतिकता व अच्छाई की भावना को जागृत करती है। राम लीला भारतीय संस्कृति की एक पुरानी परंपरा है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है। यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का काम करती है। राम लीला के पात्रों के आदर्श, जैसे सत्य, धर्म, कर्तव्यपरायणता, और मर्यादा, दर्शकों को नैतिकता और मानवीय मूल्यों के प्रति जागरूक करते हैं। राम लीला के मंचन में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग मिलकर भाग लेते हैं, जिससे सामाजिक एकता और आपसी भाईचारा बढ़ता है।
राम लीला में बच्चों और बड़ों को एक साथ नैतिक शिक्षा मिलती है।इस प्रकार राम लीला केवल एक नाटकीय प्रस्तुति नहीं है, बल्कि जीवन में अच्छे आचरण और धर्म का महत्व सिखाने का माध्यम है।श्री सक्सेना ने "युग युग से बहता आता, यह पुण्य प्रवाह हमारा" गीत सुनाया। इस पर अवसर पर रवींद्र सिंह चौहान, प्रताप दिवाकर, अरुण सिंह, जगमोहन सिंह चौहान, राजेंद्र सिंह, नागेश्वर सिंह, सचिन सिंह, पुनीत सिंह, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य जयवीर सिंह, आशुतोष सिंह, इंद्रेश दीक्षित, मुन्ना सिंह, दिवाकर सिंह, गातेंद्र सिंह चौहान तथा समस्त ग्रामवासी मौजूद रहे।