अपने कार्यक्रम को प्रेम और भाईचारे का जरिया बनायें: मोहम्मद अफाक
किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें, जबकि यह अनुष्ठान शिया और सुन्नी का रिवाज है इस्लामिक शरिया नहीं है। आगे कहा कि शिया और सुन्नी के युवा लड़के-लड़कियां अपने-अपने कार्यक्रमों के बाद शांति व्यवस्था के साथ घर लौटें, न कि शोर शराबे के साथ। उनहों ने कहा की हिन्दू भाइयों का कावड़ यात्रा भी शुरू हो चुका है।
यदि आप उनके कावड़ यात्रियों को दे खेँ तो बिना किसी भेद भाव के उनका समर्थन करें और उनके लिए रास्ता खाली कर दें। मुहम्मद अफाक ने कहा कि शिया-सुन्नी कार्यक्रम जो भी हो, उसका संदेश शांति और सुरक्षा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहली मुहर्रम से 10वीं मुहर्रम तक इस दौरान विरोधाभासी मामलों को नजरअंदाज करना चाहिए, यह समय बहुत महत्वपूर्ण है। मुहम्मद आफ़ाक़ ने कहा कि यदि आप किसी भी प्रकार की समस्या या विवाद सुनते हैं तो अपने क्षेत्रीय थाना प्रभारी व चौकी प्रभारी के साथ मिलकर समस्या का समाधान करें, न कि स्वयं निर्णय करने में लग जाएं। अंत में उन्होंने कहा कि हमें किसी के किसी भी कलर के कपड़े पहनने पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।