मेदांता लखनऊ ने यूपी के पहले सुपर-स्पेशलाइज्ड पीडियाट्रिक और एडोलसेंट क्रिटिकल केयर यूनिट का किया शुभारंभ

Medanta Lucknow launches UP's first super-specialized pediatric and adolescent critical care unit
 
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ(आर एल पाण्डेय)। मेदांता लखनऊ ने उत्तर प्रदेश की पहली पीडियाट्रिक और एडोलसेंट क्रिटिकल केयर यूनिट का शुभारंभ किया है। यह यूनिट 1 महीने से 19 वर्ष तक के गंभीर रूप से बीमार बच्चों और किशोरों के लिए चौबीसों घंटे विशेष देखभाल प्रदान करेगी।

यह यूनिट बच्चों और किशोरों की स्वास्थ्य देखभाल में मौजूद बड़े अंतर को खत्म करने का काम करेगी। यहां इलाज की अत्याधुनिक सुविधाएँ मिलेंगी, जैसे पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट,  इंटरमीडिएट केयर यूनिट और हाई डिपेंडेंसी यूनिट। यहाँ एक मल्टी डिसिप्लिनरी टीम काम करेगी, जिसमें पीडियाट्रिक और एडल्ट इंटेंसिविस्ट्स शामिल हैं, जो विशेष मेडिकल जरूरत वाले मरीजों के लिए उनकी हेल्थ कंडीशन के मुताबिक देखभाल प्रदान करेंगे।

इस यूनिट की खासियत इसका मल्टी-डिसिप्लिनरी अप्रोच है। यहाँ पीडियाट्रिक इंटेंसिविस्ट्स और एडल्ट इंटेंसिविस्ट्स मिलकर किशोरों की देखभाल करते हैं। किशोरों में कई बार ऐसी मेडिकल कंडीशंस होती हैं जो न तो पूरी तरह से बच्चों की होती हैं और न ही वयस्कों की। इस साझा विशेषज्ञता से यह सुनिश्चित होता है कि किशोरों को उनकी खास जरूरतों के हिसाब से सही और पूरी देखभाल मिले।

डॉ. अतहर जमाल, मेदांता लखनऊ में पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर यूनिट के हेड ने कहा, “हमारी यूनिट बच्चों से संबंधित सभी प्रकार की जटिल बीमारियों के इलाज और विशेष देखरेख के लिए पूरी तरह से समर्पित है। टीम के प्रशिक्षित डॉक्टर, नर्स, और आवश्यकता पड़ने पर अन्य विशेषज्ञ भी मिलकर बच्चे की स्थिति पर कड़ी नज़र रखते हैं, ताकि उपचार तेज़ी से और प्रभावी ढंग से हो सके। इसमें हम उचित वेंटिलेटर सेटिंग्स, अन्य मॉनिटरिंग उपकरणों, और समय पर जीवन-रक्षक दवाओं के उपयोग से बीमारी की गंभीरता को नियंत्रित करने का पूरा प्रयास करते हैं।"

आईसीयू और एडोलसेंट क्रिटिकल केयर यूनिट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. पुष्पेंद्र सांगवान ने कहा, “किशोरों की उम्र 10 से 19 साल के बीच होती है, जो शारीरिक और मानसिक विकास का एक अहम दौर होता है। इस उम्र के बच्चों के लिए पीडियाट्रिक और एडल्ट इंटेंसिविस्ट्स के बीच अच्छे से को-ऑर्डिनेट करना बेहद जरूरी होता है। यह उम्र 'ग्रे ज़ोन' में आती है, जहां बीमारी की गहराई और गंभीरता का बारीकी से मूल्यांकन करके उचित विशेषज्ञ उपचार एवं ऑर्गन सपोर्ट देने का निर्णय लेना बहुत ज़रूरी होता है।

डॉ. दिलीप दुबे, मेदांता लखनऊ के इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन, पल्मोनोलॉजी और इंफेक्शस डिजीज के डायरेक्टर, ने बताया, "हमारी कोशिश है कि हम गंभीर रूप से बीमार सभी उम्र के बच्चो को सबसे बेहतरीन आईसीयू इलाज की सुविधाए एवं विशेषज्ञ देखभाल दें। हमें खुशी है कि उत्तर प्रदेश में मेदांता अस्पताल पहला अस्पताल है जो इस स्तर पर बीमार बच्चों को सुपर स्पेशलाइज़्ड केयर प्रदान कर रहा है। मेदांता लखनऊ की यह पहल उत्तर प्रदेश में बच्चों और किशोरों की देखभाल के लिए एक नया आयाम स्थापित करती है, जिसमें क्षेत्र के युवा रोगियों को सुपर-स्पेशलाइज्ड क्रिटिकल चाइल्ड केयर सेवाएं मिलेंगी।