Jhadu Wali Mazar Ki Kahani in Hindi :इस दरगाह में चादर नहीं, बल्कि चढ़ाई जाती है झाड़ू
Jhadu Vali Mazar Kahan Hai
Dher Baba ki Dargah Kahan Hai
Dher Baba ki Dargah Dikhaiye
Rajasthan ke Barmer ki News : आज हम आपको एक ऐसी अनोखी और दिलचस्प जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ना सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में अपनी तरह की अकेली है। जी हां, हम बात कर रहे हैं राजस्थान के बाड़मेर में स्थित "ढेर बाबा की दरगाह" की।
झाड़ू वाली दरगाह की क्या है हकीकत
अब आप सोच रहे होंगे कि दरगाह में तो चादर चढ़ाई जाती है, लेकिन यहां तो झाड़ू चढ़ाई जाती है। है ना अजीब? दरगाह के मोमिन अलाउद्दीन कोटवाल इसके बारे में बताते हैं कि यह दरगाह करीब 400 साल पुरानी है। उस समय बाड़मेर एक छोटा सा शहर हुआ करता था। एक आलिम ने सपना देखा था कि किसी ने उन्हें कहा कि मेरे स्थान के पास कचरे का ढेर है, उसे साफ कर दो।
उन्होंने लोगों से कचरे का ढेर साफ करने के लिए कहा। धीरे-धीरे इस दरगाह में झाड़ू चढ़ाने की मान्यता शुरू हो गई। लोग दूर-दूर से आने लगे और पूछते कि झाड़ू के ढेर वाली दरगाह कहां है। बुजुर्गों के मुताबिक, यही कारण है कि इस जगह का नाम "ढेर वाली दरगाह" पड़ा। अब आप सोच रहे होंगे, आखिर झाड़ू ही क्यों चढ़ाई जाती है? इसके पीछे भी एक दिलचस्प वजह है। लोगों का मानना है कि झाड़ू घर की तरह रोगों की भी सफाई कर देती है।
झाड़ू चढ़ाने की है अनोखी मान्यता
खासकर त्वचा से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए लोग यहां झाड़ू चढ़ाते हैं। यही वजह है कि दरगाह के पास झाड़ू का पहाड़ लगा रहता है। मन्नत पूरी होने पर झाड़ू चढ़ाना शुभ माना जाता है। दरगाह का नाम सुनकर अगर आपको लगता है कि यहां सिर्फ मुस्लिम जाति के लोग ही आते होंगे, तो आप गलत हैं। मोमिन बताते हैं कि हर धर्म के लोग इस दरगाह में आते हैं। यह किसी धर्म से नहीं जुड़ी है। यह जगह राजा के दरबार की तरह है, जहां हर कोई आ सकता है।
तो दोस्तों, कैसी लगी आपको हमारी आज की कहानी? अगर आपके आस पास भी ऐसी ही कोई जगह हैं तो हमें कमेंट कर के उसके बारे में जरूर बताएं।