कहीं धार्मिक शोभायात्राओं पर नफरत के पत्थर, कहीं मजहबी जुलूस में फिलीस्तीनी झंडे,गहरे षड्यंत्र के प्रमाण 

Somewhere stones of hatred on religious processions, somewhere Palestinian flags in religious processions, evidence of a deep conspiracy
 

मृत्युंजय दीक्षित : देश को अंग्रेजी सत्ता से मुक्ति दिलाने के लिए समाज जागरण तथा स्वदेशी का प्रभुत्व स्थापित करने के लिए महान क्रांतिकारी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी ने सार्वजनिक गणेश पूजा का प्रारम्भ किया था जो आज भी एक समृद्ध परम्परा के रूप में उसी उत्साह के साथ मनाया जाता है और हिन्दू जीवन का भिन्न अंग है । आज गणेशोत्सव की धूम न केवल  संपूर्ण भारत में जन सामान्य में दिखाई देती है वरन साहित्य और सिनेमा से लेकर राजनीतिक तक में इसका प्रभाव प्रत्यक्ष परिलक्षित होता है। किन्तु देश के एक वर्ग विशेष को गणेशोत्सव रास नहीं आता और वो अवसर मिलते ही गणेश पूजा पंडालों व शोभायात्राओं  पर पत्थरबाजी करके  नफरती उन्माद पैदाकर देश का साम्प्रदायिक वातावरण खराब करने का षड्यंत्र प्रतिवर्ष करता है। 


इस वर्ष भी देश के अलग अलग भागों से गणेशोत्सव को खंडित करने के कुत्सित प्रयासों  के समाचार आए। मध्य प्रदेश के रतलाम में भगवान गणेश की शोभा यात्रा पर पथराव किया गया। पुलिस के अनुसार रतलाम जिले के मोचीपुरा क्षेत्र में यह पत्थरबाजी उस समय हुई जब हिंदू गणेश उत्सव की मूर्ति लेकर जा रहे थे।यहाँ स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा। 
गुजरात के सूरत में वरियावी में देर शाम तक गणेश पूजा हो रही थी लेकिन रात होते -होते वातावरण अचानक हिंसक हो गया क्योंकिगणेश पूजा के दौरान तथाकथित अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने बीच में घुसकर मूर्तियों पर पथराव कर दिया। घटना के विषय में जानकारी देते हुए गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि सूरत के सैयदपुरा इलाके में 6 लोगों ने गणेश पूजा पंडाल पर पथराव किया। घटना में शामिल सभी  लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाद में पुलिस ने घटना में शामिल 27 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त कर ली ।सूरत के सभी इलाको में भारी पुलिस बल तैनात है। गुजरात के ही कच्छ जिले में भी गणेश पूजा पंडालों व यात्राओं पर हमले किये गये जिसमें भी कुछ नफरती अल्पसंख्यकों को हिरासत में लिया गया है।
महाराष्ट्र, जो गणेश पूजा के लिए प्रसिद्ध है वहां के तो कई जिलों में गणेश पूजा को निशाना बनाया गया है जिसमें सबसे बड़ी घटना भिवंडी जिले में घटी जहां गणेश पूजा शोभा यात्रा  पर नफरत के पत्थर चले। ध्यान देने योग्य  बात यह है कि पत्थरबाजी की सभी घटनाओं को नाबालिग युवक सोची -समझी रणनीति के तहत अंजाम दे रहे है। महाराष्ट्र के बुलढाणा जिला भी  नफरती पत्थरों का शिकार बना। इसके अलावा राज्य  कई अन्य जिलों व कस्बों  से गणेश पूजा पंडालों व विसर्जन समारोह से लौट रहे लोगों पर सुनयोजित हमले किये गये।   
उत्तर प्रदेश जहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सशक्त नेतृत्व वाली सरकार है वहां पर भी पत्थरबाज अपनी हरकतोंसे बाज नहीं आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में गणेश विसर्जन के दौरान पत्थरबाजी की घटना से तनाव उत्पन्न  हो गया। यहां पर शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र में गणेश की प्रतिमा का विसर्जन करने के लिए निकली यात्रा पर  मारवाड़ी चौराहे पर दूसरे समुदाय के लोगों ने पत्थर फेंके। पत्थरबाजी का जानकारी प्राप्त होते ही भारी संख्या मे पुलिसबल आ गया और स्थिति नियंत्रित की गई। इसी तरह की घटनाएं फर्रूखाबाद, महोबा, कन्नौज सहित कई जिलों में घटी हैं। राजधानी लखनऊ में भी एक परिवार ने अपने घर पर ही गणेशजी की पूजा करने के लिए प्रतिमा स्थापित की थी, घर पर जब  केवल मां और बेटी ही थी तबअचानक से कुछ उपद्रवियों ने उनके घर में घुसकर गणेश जी की प्रतिमा को खंडित कर दिया और  उनके घर को भी नुकसान पहुंचाया। 
राजस्थान में भीलवाड़ा जिले में गणेश पूजा व विसर्जन समारोह को निशाना बनाया गया जिसके कारण तनाव व्याप्त हो गया और हिंसा भड़क उठी थी। कर्नाटक में तो मुस्लिम तुष्टिकरण इस सीमा तक चला गया कि गणेशजी को कैद ही कर लिया गया। 
उधर बारावफात के जुलूसों में कई स्थानों पर फिलीस्तीन के झंडे फहराये गये है तो कहीं -कहीं “सिर तन से जुदा“ के नारे लगाये गये। एक जगह तिरंगे झंडे पर कलमा ही लिख कर फहरा दिया गया। 
स्पष्ट है कि यह सभी घटनाएं एक सुनियोजित षड्यंत्र के अंतर्गत की जा रही हैं। प्रारम्भिक जांच से पता चल रहा हे कि मदरसों एवं मस्जिदों में कट्टरपंथी मौलाना मुस्लिम युवाओ को हिंदुओं पर हमला करने के लिए भड़का रहे हैं। मदरसों में पढ़ने वालो छात्रों के मन में नफरत का जहर बोया जा रहा है। गुजरात और राजस्थान में गिरफ्तार युवाओं से पाता चला है कि युवाओं ने अपने फोन पर व्हाट्स एप ग्रुप बना रखे थे जिसमें हिंदुओं के खिलाफ व देवी देवताओं के जुलूसों पर किस प्रकार से अपना बचाव करते हुए हमले करने हैं कि जानकारी दी जाती है। 
गणेश पूजा पंडालों व गणेश जी की प्रतिमा विसर्जन यात्राओं पर हमले का विरोध करना तो दूर अपितु समाजवादी नेता अबू आजमी जैसे लोग पत्थरबाजों  और पीएफआई के खतरनाक मंसूबों के समर्थन में ही बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं। मुस्लिम तुष्टिकरण में संलिप्त नेताओं का कहना है कि मुस्लिम बाहुल्य इलाकों व मस्जिदों के समाने से ढोल नगाढ़े व डीजे के साथ नारेबाजी करते हुए धार्मिक यात्रा नहीं निकालनी चाहिए, कोई इनसे ये नहीं पूछता -आखिर क्यों? भारतीय राजनीति में सबसे बड़ी समस्या यह है कि मोहब्बत की दुकान खोलने वाले सभी राजनैतिक दल तुष्टीकरण में आकंठ डूबे हैं।  हिंदू हिंसक है कहने वाले अब गूंगे बहरे हो गये हैं। ओवैसी की आवज बंद हो गयी है क्योंकि अब हिंदुओं के प्रथम पूज्य सर्वमान्य देव गणेश जी की प्रतिमा पर जो नफरती पत्थर बरसाये जा रहे हैं वो उन्हीं की देन है। संविधान के रक्षक मौन हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गणेश पूजन के अवसर पर सर्वाच्च न्यायाधीश वाई वी चंद्रचूड के घर पर जाकर उनके साथ गणेश पूजन करने पर जिनका सेकुलरिज्म और संविधान खतरे में आ गया था, गणेशोत्सव पर पत्थरबाज़ी के समय उनको दिखाई देना ही बन्द  हो गया। 
भारत के संविधान में हर नागरिक को अपने अधिकार प्राप्त हैं। भारत में हर धर्म  का नागरकि कहीं भी रह सकता है, अपने धर्म का पालन कर सकता है। पर्व मना सकता है। भारत सभी का है किंतु यहां पर एक बहुत ही विकृत सुनियोजित साजिश के तहत ही  हिन्दू विरोध की  राजनीति हो रही है।गणेशोत्सव पर हो रहे हमले बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों का ही प्रतिरूप हैं तथा ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भारत में गजवा -ए -हिंद की दिशा में काम हो रहा है। यह बात बिल्कुल सत्य है कि जहां -जहां मुस्लिम आबादी बढ़ जाती है वहां  पर हिंदुओं पर हमले बढ़ रहे हैं। यह सत्य भी स्पष्ट होता जा रहा है कि हिंदू बहुल आबादी में एक मुस्लिम परिवार तो आसानी से रह सकता है किंतु जैसे ही मुस्लिम आबादी बढ़ती है और उनके बीच में कोई हिंदू हो या फिर किसी अन्य दूसरे धर्म का परिवार वह नहीं रह सकता। 
इतना समय बीत जाने के बाद भी मुसलमानों ने दूसरे धर्मां के प्रति सहिष्णुता का भाव नहीं सीखा है। कट्टरपंथी विचारधारा केवल अपने ही धर्म के ही विचारों को सर्वश्रेष्ठ समझकर अन्य धर्मां के पर्वों के साथ नफरत भरा व्यवहार करती है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार- बार संदेश दे रहे हैं  कि “हिंदू बटेगा तो कटेगा“ जिसे प्रत्येक हिन्दू को समझना चाहिए और सारे भेदभाव भुलाकर समरस होना चाहिए ।