वाराणसी में वेस्ट-टू-चारकोल और एफएसएसएम प्लांट का राज्य मिशन निदेशक का निरीक्षण
निरीक्षण के समय नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि नगर से निकलने वाले कूड़े से कोयला बनाया जाता है, तथा को ट्रीटमेंट प्लांट में सेप्टिक टैंक की सफाई के बाद निकलने वाले मल जल का शोधन किया जाता है। निदेशक द्वारा पूरे परिसर का निरीक्षण किया गया, एवं जानकारी प्राप्त की गई तथा प्लान्ट को उचित प्रकार से संचालन करने हेतु निर्देशित किया गया।
राज्य मिशन निदेशक ने वाराणसी के वेस्ट-टू-चारकोल प्लांट और फीकल स्लज और सेप्टेज प्रबंधन (एफएसएसएम) प्लांट का दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य इन सुविधाओं की प्रगति और संचालन की दक्षता का आकलन करना था, जो क्षेत्र में सतत कचरा प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
वेस्ट-टू-चारकोल प्लांट में, निदेशक ने ठोस कचरे को मूल्यवान चारकोल में परिवर्तित करने की प्रक्रिया का अवलोकन किया, जो लैंडफिल के उपयोग को कम करता है और पर्यावरण के अनुकूल ईंधन उत्पन्न करता है। प्लांट की प्रदर्शन और स्थानीय कचरा प्रबंधन पर इसके प्रभाव पर चर्चा की गई, जिसमें दक्षता को सुधारने और संचालन को बढ़ाने पर जोर दिया गया।
एफएसएसएम प्लांट में, निदेशक ने फीकल स्लज और सेप्टेज के उपचार प्रक्रियाओं की समीक्षा की, यह देखते हुए कि ये सिस्टम कितनी प्रभावी तरीके से कचरे को संभालते हैं और सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता में योगदान करते हैं। दौरे ने ऑनगोइंग रखरखाव की आवश्यकता और बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए संभावित उन्नयन की आवश्यकता को उजागर किया। निरीक्षण के समय नगर आयुक्त श्री अक्षत वर्मा, अपर निदेशक डॉ. असलम अंसारी, स्टेट एक्सपर्ट प्रदीप अग्रहरि आदि उपस्थित थे।