तीन नये आपराधिक कानूनो पर मीडिया बन्धुओ के साथ वार्तालाप / कार्यशाला का आयोजन
 

Organizing a discussion/workshop with media friends on the three new criminal laws
 
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ(आर एल पांडेय)। पुलिस मुख्यालय (सिग्नेचर बिल्डिंग) गोमती नगर विस्तार लखनऊ के तृतीय टॉवर भूतल स्थित गोंड रानी वीरांगना दुर्गावती लाउंज में "Vartalap: An interaction with media to sensitize them on three new criminal laws" का आयोजन किया गया है।

 प्रशान्त कुमार, पुलिस महानिदेशक उ०प्र० कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण द्वारा मुख्य अतिथि महोदय को पुष्पगुच्छ एंव अपर महानिदेशक पीआईबी द्वारा स्मृति चिन्ह भेट कर स्वागत किया गया। पुलिस महानिदेशक उ०प्र० ने द्वारा अपने उदबोधन में कहा किः- जैसा कि आप सभी विदित है कि ब्रिटिश कालीन के जो हमारे तीनो कानून थे उनकी जगह तीन नये कानून संसद द्वारा पास किये गये है जिनको हम लोग भारतीय न्याय संहिता, जो कि आईपीसी का काउण्टर पार्ट है, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जो कि सीआरपीसी का काउण्टर पार्ट है और भारतीय साक्ष्य अधिनियम जो एविडेन्स एक्ट का काउण्टर पार्ट है उसको पास किया है। नये कानून को पास करने की मूल भावना यह है कि तकनीक का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करके डिस्क्रेशन को कम करना है

चाहे वह विवेचक का हो या किसी भी इस पूरे क्षेत्र से जुडे व्यक्ति का हो, उसे कम करना है, किसी भी स्थित में वादी का उत्पीडन न हो तथा कोई भी निर्दोष व्यक्ति को दण्ड न मिले, इसके लिए अधिक से अधिक तकनीक का उपयोग किया जाये। एक समयबद्ध तरीके से इस सभी चीजो का विचारण हो, फॉरेन्सिक साक्ष्यों का अधिक से अधिक उपयोग करया जाये और यह सुनिश्चित कराया जाये कि ज्यादा से ज्यादा निष्कर्ष पर पहुँचने की प्रक्रिया तकनीक पर आधारित हो। साथ ही साथ नये आपराधिक कानून में वादी को विवेचना के प्रगति की सूचना देना अनिवार्य है। हमारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के वल्टिकल्स को इन सभी चीजो का पूरा ज्ञान होना बहुत बड़ा टास्क था। हमारे सभी विभागो जिसमें प्रशिक्षण विभाग, तकनीकी सेवाएं, जेल, प्रासीक्यूसन इन सभी में जो ट्रेनिंग की प्रक्रिया थी, वह बहुत ही अनुकरणीय एवं प्रशान्सनीय है।

पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय ने विश्व के सबसे बड़े पुलिस संगठन को प्रशिक्षण देने का महती कार्य किया है। 30 जून तक विभिन्न रैंक के पुलिसकर्मियों का प्रशिक्षण कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। इसके अतिरिक्त तकनीकी विभाग, अभियोजन, नियम एवं ग्रंथ, पुलिस मुख्यालय की टीम ने इस कानून को लागू करने में महत्वपूर्ण योगदान किया है।  मुख्यमंत्री जी उ०प्र० ने प्रशिक्षण के लिये सभी संसाधनों को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया है। संगठित अपराधियों को सजा दिलाने के उद्देश्य से "विटनेस प्रोटेक्शन स्कीम लागू की गयी है जिससे गवाह निर्भीक होकर गवाही दे सके। वीडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से गवाही करायी जायेगी इससे त्वरित एवं समयबद्ध न्याय प्रणाली विकसित होगी। नये कानून में फारेंसिक एवं वैज्ञानिक साक्ष्य को अनिवार्य किया गया है इस दिशा में विवेचकों को प्रशिक्षण दिया गया है। साक्ष्य अधिनियम में डिजिटल साक्ष्य को ग्राह्य बनाया गया है।

एनआईसी द्वारा ई-साक्ष्य एप निर्मित किया गया है। इस ऐप के माध्यम से घटनास्थल की वीडियोग्राफी की जा सकेगी व डिजीलॉकर में सुरक्षित किया जा सकता है जिससे उसकी हैश वैल्यू बनी रहेगी और न्यायालय के समक्ष साक्ष्य पेश करने में किसी भी प्रकार की कोई तकनीकी बाधा उत्पन्न नहीं हो पायेगी। इस दिशा में विवेचकों हेतु गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एसओपी निर्गत किया गया है।

जनसामान्य को नये कानून की जानकारी दिये जाने के उद्देश्य से पुलिस मुख्यालय की सोशल मीडिया सेल द्वारा एक्स (ट्वीटर) पर प्रतिदिन नये कानून का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। प्रशिक्षण निदेशालय द्वारा नये कानून से सम्बन्धित 29 संक्षिप्त प्रशिक्षण वीडियो बनाये गये हैं जिसे एलएमएस पोर्टल पर अपलोड किया गया है एवं सभी जनपदों को गूगल ड्राइव के माध्यम से लिंक उपलब्ध कराया गया है। सभी पुलिस थानों एवं कार्यालयों पर नये कानून से सम्बन्धित वॉल पोस्टर चस्पा किये जा रहे हैं। नये कानून से सम्बन्धित पॉकेट बुक व पैम्फलेट तैयार किया गया है एवं थानों को उपलब्ध कराया गया है। तीन नये कानून लागू करने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि उ०प्र० पुलिस आमजन की अपेक्षाओं पर खरी उतरेगी। कानून के मूल उद्देश्य के संदेश को आमजन तक पहुंचाने में सहयोग करेगी। इस कार्य में मीडियाबंधु की महत्वपूर्ण भूमिका है एवं आपसे इस दिशा में पूर्ण सहयोग अपेक्षित है।

वार्तालाप कार्यक्रम में अधिक संख्या में पत्रकार बन्धु द्वारा प्रतिभाग किया गया। अपर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण द्वारा पत्रकार बन्धुओ को नये आपराधिक कानूनो के सम्बन्ध में आधारभूत जानकारी प्रदान की गयी। उक्त कार्यक्रम का आयोजन Press Information Bureau (PIB) द्वारा किया गया। कार्यक्रम में अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण, अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं, अपर पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिदेशक के जीएसओ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहें।